1 किलोमीटर के राजमार्ग निर्माण में लगभग 7 टन प्लास्टिक कचरे का हो सकता है निपटान
> राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल किया जाएगा।
नई दिल्ली। केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पलास्टिक कचरे को बडे पैमाने पर इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। मंत्रालय ने देश भर में करीब 26 हजार लोगों को प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के बारे में जागरूक बनाने का काम शुरू किया है। प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करने के लिए 61 हजार घंटे का श्रमदान कार्यक्रम चलाया गया है, जिससे अब तक देश भर में करीब 18 हजार किलोग्राम प्लास्टिक कचरा इकट्ठा किया जा चुका है। प्लास्टिक के इसतेमाल के खिलाफ लोगों को जागरूक बनाने के लिए केनद्र सरकार के सवचछता ही सेवा कार्यक्रम के तहत जगह-जगह रैलियां आयोजित कर, पोस्टर, बैनर और स्लोगन के जरिए संदेश दिया जा रहा है। इसके लिए टोल प्लाजा और सड़क किनारे बने ढाबों पर पर्चे बांट कर भी लोगों को प्लास्टिक कचरे के प्रति जागरूक बनाया जा रहा है। स्कूलों में कई पेंटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं, एफएम रेडियो के जरिए भी संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं और लोगों से राष्ट्रीय राजमार्गों तथा आस-पास की सड़कों में पड़े प्लास्टिक कचरे, पोलोथीन बैग, प्लास्टिक बोतलों आदि को इकट्ठा करने के लिए कहा जा रहा है। ट्रक चालकों और टोल प्लाज के कर्मचारियों के लिए अलग से स्वच्छता कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय राजमार्ग निर्माण में प्लास्टिक कचरे के उपयोग को प्रोत्साहित कर रहा है, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों के 50 किलोमीटर की परिधि में राष्ट्रीय राजमार्गों पर जिनकी आबादी 5 लाख या उससे अधिक है। धौला कुआँ के पास हाल ही में एनएच-48 पर बेकार प्लास्टिक का उपयोग करके सड़क का एक हिस्सा बनाया गया है। दिल्ली - मेरठ एक्सप्रेसवे और गुरुग्राम- सोहना रोड पर प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके निर्माण की योजना बनाई गई हैप्लास्टिक कचरे का उपयोग पहले ही तमिलनाडु और केरल राज्यों में प्रमुखता के आधार पर किया जा चुका है। 4 लेन के राजमार्ग के 1 किलोमीटर के निर्माण में लगभग 7 टन प्लास्टिक कचरे का निपटान करने में मदद मिल सकती है।