चेक गणराज्य के एमएसवी ब्रनो अंतर्राष्ट्रीय इंजीनियरिंग मेले में 'इंडिया इन्वेस्टमेंट मीट' का आयोजन


  • भारी उद्योग सचिव के नेतृत्व में उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल चेक गणराज्य में।

  • फॉक्सवैगन समूह भारत में अपने मॉडल के विकास के लिए एक अरब यूरो का कर रहा है निवेश।

  • स्कोडा ग्रुप ट्रांसपोर्टेशन ई-वाहन बाजार में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और उत्पाद विकास में भारत के लिए रखता है विशिष्ट रुचि।



नई दिल्ली। भारी उद्योग विभाग में सचिव डॉ आशा राम सिहाग के नेतृत्व में सरकार और उद्योग का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल स्कोडा ट्रांसपोर्टेशन सहित शीर्ष चैक कंपनियों का वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला केन्‍द्र के रूप में लाभ उठाने और भारत में उनका निवेश बढ़ाने के लिए गया है। भारी उद्योग विभाग ने चेक गणराज्य में भारत के दूतावास और इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (ईईपीसी) के सहयोग से 8 अक्टूबर, 2019 को चेक गणराज्य के ब्रनो में अंतर्राष्ट्रीय इंजीनियरिंग मेले (एमएसवी) में 'इंडिया इन्वेस्टमेंट मीट' का आयोजन किया। भारी उद्योग सचिव आशा राम सिहाग और राजदूत नरेंद्र चौहान ने एमएसवी ब्रनो इंटरनेशनल इंजीनियरिंग मेले में भारतीय मंडप का उद्घाटन किया। भारतीय मंडप में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी कंपनियां 7 से 11 अक्टूबर, 2019 तक आयोजित इस मेले में वैश्विक व्यवसायों के लिए भारत की क्षमता को प्रदर्शित करेंगे।



वैश्विक कंपनियों और प्रौद्योगिकी प्रमुखों को संबोधित करते हुए, डॉ सिहाग ने उन्हें जानकारी दी कि किस प्रकार शीर्ष चैक कंपनियों के निवेश रेडार पर भारत प्रमुखता से दिख रहा है। उन्होंने कहा कि फॉक्सवैगन समूह भारत में अपने मॉडल के विकास के लिए एक अरब यूरो का निवेश कर रहा है, जिसमें नए मॉडल विकसित किए जा रहे हैं। इसमें 2020 में एक मध्यम आकार की एसयूवी भी शामिल है। महत्वपूर्ण बात यह है कि नए उत्पादों का तकनीकी विकास भारत में ही होगा। स्कोडा ग्रुप ट्रांसपोर्टेशन ने भी भारी उद्योग विभाग की ई-वाहन नीति की घोषणा के साथ हाइब्रिड वाहनों और इलेक्ट्रिक बसों का विकास किया है। यह ई-वाहन बाजार में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और उत्पाद विकास में भारत के लिए विशिष्ट रुचि रखता है। डॉ. सिहाग ने कहा, कि देश हरित ईंधन से चलने वाले वाहनों पर कैसे ध्यान केंद्रित कर रहा है।



ईईपीसी इंडिया के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ, डीएचआई सचिव आरएंडडी और प्रौद्योगिकी विकास के लिए कई चेक कंपनियों और विश्वविद्यालयों के संयंत्रों और सुविधाओं का दौरा करेंगे। इंडिया इनवेस्टमेंट मीट में अपनी प्रस्तुति में, सचिव ने कहा कि भारत ने पूंजीगत वस्तु क्षेत्र का आकार 2014-15 में 2.30 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2025 में 7.5 लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है। इससे 30 मिलियन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार बढ़ेगा, जो वर्तमान में 8.4 मिलियन है। इंजीनियरिंग सामान का उत्पादन वर्तमान 27 प्रतिशत से 40 प्रतिशत होना चाहिए। चेक गणराज्य में भारत की राजदूत श्रीमती नरिंदर चौहान ने एकत्र प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत विशेष रूप से उच्च प्रौद्योगिकी वाले क्षेत्रों में विदेशी निवेश की मांग कर रहा है और 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत अपने विनिर्माण को और मजबूत कर रहा है।



ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष, रवि सहगल ने कहा कि कॉर्पोरेट कर दरों को भारत सरकार द्वारा प्रतिस्पर्धी बनाने के साथ, विदेशी निवेशकों को भारतीय विनिर्माण में निवेश करना चाहिए, खासकर जब दुनिया की दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं व्यापार प्रतिस्पर्धा में लगी हुई हैं। भारत सरकार ने सरचार्ज और सेस के बाद भी कॉरपोरेट टैक्स को कम करके 22 प्रतिशत कर दिया है, प्रभावी दर लगभग 25 प्रतिशत है। संयंत्रों में नए निवेश के लिए मार्च 2023 से पहले स्ट्रीम में जाने के लिए प्रभावी कॉर्पोरेट कर की दर 17 प्रतिशत से अधिक है, जो 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम में आकर्षक निवेश के लिए काफी प्रतिस्पर्धात्मक है। अंतर्राष्ट्रीय इंजीनियरिंग मेला (एमएसवी) मध्य यूरोप का प्रमुख और प्रतिष्ठित औद्योगिक व्यापार मेला है। प्रत्येक वर्ष इस मेले में 1600 से अधिक प्रदर्शक और 80,000 आगंतुक भाग लेते हैं। 50 प्रतिशत से अधिक प्रदर्शक और 10 प्रतिशत आगंतुक विदेशों से आते हैं। चेक गणराज्य लिमिटेड में कई भारतीय कंपनियां कार्यरत हैं। भारी उद्योग सचिव ने चेक गणराज्य के उप प्रधान मंत्री कार्ल हैवलीसेक के साथ एमएसवी ब्रनो में मुलाकात की और आरएंडडी, आपसी व्यापार और सहयोग में भागीदारी बढ़ाने की पहल पर चर्चा की।


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