मध्य प्रदेश के राज्यपाल ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री की मौजूदगी में किया संस्कृति महोत्सव का उद्घाटन


  • विभिन्न प्रदेशों के क्षेत्रीय कलाकारों को राष्ट्रीय पहचान दिलाने का किया जा रहा है प्रयास: प्रहलाद सिंह



जबलपुर। 10वें राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का उद्घाटन मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने सोमवार को केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल की मौजूदगी में किया। महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ मुख्य अतिथि माननीय राज्यपाल, केन्द्रीय मंत्री और महापौर ने नगाड़ा बजाकर किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति लोककला के साथ हुई। इसके बाद पंडित विश्व मोहन भट्ट एवं समूह ने संगीत से समाँ बांधा।



राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने कहा कि संस्कृति महोत्सव देश की विविधता भरी संस्कृति में सामंजस्य बैठाने का अनूठा प्रयास है। इस कला संगम में सम्पूर्ण भारत के दर्शन हो रहे हैं। विश्व में भारत ही एकमात्र देश है, जो तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपनी संस्कृति को बचाए हुए है। विश्व में यूनान, मिश्र, राेम जैसी कई सभ्यताएँ और संस्कृतियाँ समय के साथ खत्म हो गईं लेकिन यह भारतीय संस्कृति की अमरता ही है कि आम जनमानस से लेकर सुदूर जंगलों में बसे आदिवासी तक अपनी संस्कृति को बचाए हुए हैं। इसी की बदौलत भारत की पहचान एक विश्वगुरु के रूप में है। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि अब तक संस्कृति महोत्सव महानगरों की शोभा रहा है। देश की विविधता भरी संस्कृति को हर क्षेत्र में पहचान मिले, इसके लिए पहली बार इस महोत्सव के लिए बी श्रेणी के शहरों का चयन किया गया है। इसके साथ ही इस मंच पर न सिर्फ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों को मौका दिया जा रहा है, बल्कि विभिन्न प्रदेशों के क्षेत्रीय कलाकारों को भी राष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रालय आगे भी इसी दिशा में काम करेगा और देश के गाँव-गाँव में क्षेत्रीय कलाकारों की मैपिंग होगी। इस दिशा में समाज और सरकारें मिलकर आगे बढ़ेंगी, जिससे देश की संस्कृति मजबूत होगी। श्री पटेल ने कहा कि उत्सवों के इस देश की संस्कृति को साझा करने पूरा विश्व आतुर है। हम भी अपनी संस्कृति को एक बार फिर वैश्विक पहचान दिलाएँगे। उन्होंने युवाओं से आव्हान किया कि वह राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव जैसे उत्सवों से जुड़कर देश की कला और कलाकारों को पहचान और सम्मान दें। इस अवसर पर संस्कृति विभाग के सचिव अरुण गोयल, महापोर डॉ स्वाति गोडबोले, विधायक अजय विश्नोई, जालम सिंह पटेल, अशोक रोहाणी, नंदनी मरावी, धमेन्द्र लोधी आदि प्रमुखजन मौजूद थे। वहीं उद्घाटन सत्र पर संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव अमिता प्रसाद सरभाई ने आभार व्यक्त किया। साथ ही इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव पी एल साहू, निरुपमा कोटरु व प्रणव खुल्लर की गरिमामय उपस्थिति उल्लेखनीय रही। संगीत से सजी इस शाम के दूसरे चरण में श्रीमती शोभना नारायण एवं समूह द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति उल्लेखनीय रही। प्रसिद्ध पार्श्व गायक सुरेश वाडकर ने भी इस अवसर पर अपने गीतों की प्रस्तुति दी।


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