नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देता है 21वीं सदी का भारत: नरेन्द्र मोदी

> 'पूरी दुनिया के लिए भारतीय समाधान' – यह हमारी प्रतिबद्धता है: प्रधानमंत्री



चेन्नई। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 36 घंटे के सिंगापुर इंडिया हैकाथॉन के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए, जो सोमवार को आईआईटी चेन्नई में संपन्न हुआ। इस तरह का यह दूसरा हैकाथॉन सिंगापुर सरकार, भारत सरकार, आईआईटी चेन्नई और नानयांग तकनीकी विश्वविद्यालय (एनटीयू), सिंगापुर के सहयोग से आयोजित किया गया था। वर्ष 2018 में सिंगापुर के एनटीयू में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रस्तुत किए गए आइडिया के आधार पर प्रथम हैकाथॉन का आयोजन किया गया था। प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों और अकादमिक बिरादरी को संबोधित करते हुए हैकाथॉन के विजेताओं को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा, “मित्रों, मैं हैकाथॉन के विजेताओं को बधाई देता हूं। मैं यहां एकत्रित प्रत्येक युवा मित्र, विशेषकर अपने विद्यार्थी मित्रों को बधाई देता हूं। चुनौतियों का सामना करने और व्यावहारिक समाधान खोजने की आपकी इच्छा, आपकी ऊर्जा और आपका जजबा महज एक प्रतियोगिता जीतने की तुलना में कहीं अधिक बेशकीमती है।''



प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप के अनुकूल परिवेश वाले 3 शीर्ष देशों में भारत को भी शमार किया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले पांच वर्षों में नवाचार और इन्क्यू बेशन पर काफी अधिक जोर दिया हैप्रधानमंत्री ने कहा, 'अटल नवाचार मिशन, पीएम रिसर्च फेलोशिप, स्टार्ट-अप इंडिया अभियान जैसे कार्यक्रम 21वीं सदी के भारत की नींव हैं, एक ऐसा भारत जो नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देता है। अब हम अपने छात्रों को कम उम्र में छठी कक्षा से ही मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन जैसी आधुनिक तकनीकों की जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं। स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा में अनुसंधान करने तक एक ऐसा परिवेश बनाया जा रहा है जो नवाचार के लिए एक उपयुक्त माध्यम बन जाता है।'



भारत के समक्ष मौजूद समस्याओं के आसान समाधान खोजने के लिए विद्यार्थियों से आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत संपूर्ण विश्व, विशेषकर सबसे गरीब देशों को अपने समाधानों की पेशकश करना चाहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम दो कारणों से नवाचार और इन्क्यू बेशन को बढ़ावा दे रहे हैं। पहला कारण यह है कि हम भारत की समस्याओं को सुलझाने के लिए आसान समाधान चाहते हैंदूसरा कारण यह है कि हम भारत में रहते हुए पूरी दुनिया के लिए समाधान ढूंढ़ना चाहते हैं। पूरी दुनिया के लिए भारतीय समाधान'- यह हमारा लक्ष्य और प्रतिबद्धता है। हम ऐसे किफायती समाधान भी ढूंढ़ना चाहते हैं, जो सबसे गरीब देशों के भी काम आ सकें। भारत के अभिनव समाधान सबसे गरीब एवं सबसे वंचित लोगों के लिए भी होने चाहिए, चाहे वे किसी भी देश में रहते हों।"


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