भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में इंटरएक्टिव डिजिटल प्रदर्शनी का हुआ उद्घाटन


प्रदर्शनी-IFFI@50  युवाओं तथा बच्चों को सूचित, शिक्षित और आकर्षित करेगा और उन्हें फिल्मों की ओर ले जाएगाः सूचना और प्रसारण सचिव श्री खरे





नई दिल्ली (का ० उ ० सम्पादन)। सूचना और प्रसारण सचिव अमित खरे ने कहा है कि 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में लगाई गई इंटरएक्टिव डिजिटल प्रदर्शनी IFFI@50 बच्चों और युवाओं को आकर्षित करेगी। श्री खरे बीते गुरूवार को 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में इंटरएक्टिव डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी की इंटरएक्टिव क्षमता के कारण बच्चे और युवा विभिन्न प्रयासों से स्वयं सूचना प्राप्त कर सकते हैं। प्रदर्शनी में फिल्म उद्योग द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली विभिन्न नई तकनीकियों को दिखाया गया है। प्रदर्शनी का आयोजन गोवा के कला अकादमी के निकट दरिया संगम में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के आउटरीच तथा कॉम्युनिकेशन ब्यूरो द्वारा किया गया है।




 श्री खरे ने कहा कि प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य युवाओं को फिल्म की ओर आकर्षित करना है। इसमें पिछले वर्ष 13.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि फिल्म बाजार तथा फिल्म समारोह के साथ यह प्रदर्शनी युवाओं और प्रतिनिधियों के लिए आकर्षण का स्रोत होगी। प्रदर्शनी में इंटरएक्टिव डिजिटल तरीके से फिल्मों का इतिहास दिखाया गया है। 1950 और 60 के दशक से लेकर 2010 तक फिल्म यात्रा के विभिन्न पड़ावों को दिखाया गया है। यह प्रदर्शनी जनसाधारण के लिए 21 से 28 नवंबर तक सवेरे 10 बजे से रात्रि 8 बजे तक चलेगी। आईएफएफआई की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रदर्शनी IFFI@50 आईएफएफआई की 1952 में स्थापना से लेकर अभी तक की यात्रा को सम्मानित करती है। प्रदर्शनी का उद्देश्य यह दिखाना है कि आईएफएफआई किस तरह विश्व को भारतीय सिनेमा दिखाने में सहायक है और भारत को विश्व सिनेमा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। प्रदर्शनी में आगंतुक विभिन्न स्थानों से भारतीय सिनेमा के विकास का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त जोएट्रोप (चलचित्र क्रिएटिव स्थापन - ,मूवी क्रिएटिव इंस्टालेशन), 50 कैमरे के जरिए 360 डिग्री इमरसिव अनुभव क्षेत्र, सशक्त वास्तविकता अनुभव (स्ट्रांग रियलिटी एक्सपीरियंस), वर्टिकल डिजिटल डिस्पले पैनल, वर्चुअल रिएलिटी टूल्स, होलोग्राम टेक्नोलॉजी जैसी अत्याधुनिक विशेषताएं पहली बार प्रदर्शित की गईं हैं। इसे इस तरह तैयार किया गया है ताकि दर्शक फिल्म निर्माण विधा देख सकें और समाज पर सिनेमा के प्रभाव को उजागर किया जा सके। प्रदर्शनी में 1913 में आए पहले चलचित्र से लेकर अब तक की सूचना और तस्वीरें हैं। प्रदर्शनी से अलग बच्चों के लिए दैनिक फिल्म क्विज़, लघु फिल्म निर्माण (स्वच्छ भारत, नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक, एक भारत श्रेष्ठ भारत जैसे सरकारी कार्यक्रमों पर), चित्रकारी, पेंटिंग जैसी विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। प्रत्येक दिन विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। इस अवसर पर जाने-माने फिल्मकार राहुल रवेल तथा सुभाष घई तथा अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।



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