जिलाधिकारी ने गौसंरक्षण केंद्र व गौशालाओं के कुशल परिचालन हेतु अधिकारीयों को निर्देशित किया
फर्रुखाबाद (का ० उ ० सम्पादन)। जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने बृहद गौसंरक्षण केंद्र ग्राम मौधा ब्लॉक मोहम्मदाबाद का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उपस्थित जिला विकास अधिकारी द्वारा बताया गया कि विगत माह में गौवंश को गौसंरक्षण केंद्र में लाया गया है। वर्तमान में 130 गौवंश मौधा केंद्र में मौजूद हैं। जिलाधिकारी ने जिला विकास अधिकारी को मनरेगा के अंतर्गत 2 अतिरिक्त शेड का निर्माण कार्य कराने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि अभी गौ वंश हेतु पर्याप्त मात्रा में भूसा एवं दाना उपलब्ध है। गौ वंश की देखभाल हेतु 5 गौपालक भी लगाए गए हैं। जिलाधिकारी ने गौपालकों से भरण पोषण की जानकारी ली। जिला विकास अधिकारी ने यह भी बताया कि यू पी नेडा द्वारा अभी सोलर पंप का निर्माण नहीं कराया गया है। धनराशि सम्बंधित को भेज दी गई है। जिलाधिकारी द्वारा जानकारी प्राप्त करने पर बताया गया कि वर्तमान में 18 गाँव के गौवंश गौसंरक्षण केंद्र में हैं। जिलाधिकारी ने सम्बंधित ग्रामों के प्रधान के साथ बैठक कराने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बृहद गौसंरक्षण केंद्र मौधा में जनसहभागिता से भूसा बैंक स्थापित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 18 ग्रामों के प्रत्येक किसानों से भी 1 कुंटल भूसा गोवंश के भरण पोषण हेतु सहयोग के रूप में लिया जाए। जनसहयोग से चारा काटने वाली मशीन क्रय करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने गौपालकों एवं गौसंरक्षण केंद्र की देख रेख एवं गौसंरक्षण केंद्र के सफल संचालन हेतु सफाई कर्मचारी, रोज़गार सेवक, ग्राम्य विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत राज अधिकारी, ए डी पंचायत आदि का 3 - 3 दिन के अनुसार भ्रमण रोस्टर बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
इसके पश्चात जिलाधिकारी ने स्थाई गौशाला ग्राम सितवनपुर पीथू का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बताया गया कि वर्तमान समय में गौशाला में 352 गौवंश हैं। इनकी देख रेख हेतु 7 गौपालक लगाए गए हैं। गौवंश के भरण पोषण हेतु पर्याप्त भूसा एवं चारा की व्यवस्था की गई है। मौके पर देखा गया कि जिला पंचायत के माध्यम से 1 शेड के निर्माण कार्य कराया जा रहा है। उप जिलाधिकारी सदर ने बताया कि चरागाह की लगभग 50 एकड़ भूमि खाली करा दी गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि स्थाई गौशाला सितवनपुर पीथू को बड़ी गौशाला के रूप में विकसित करने का कार्य प्रारम्भ किया जाए। जिसमें 25 एकड़ भूमि का उपयोग गौवंश को रहने हेतु तथा 25 एकड़ भूमि में हरा चारा बोने का कार्य किया जाए।