कुशीनगर में इन्टीग्रेटेड बुद्ध सर्किट को विकसित करेगा पर्यटन विभाग

> राज्य सरकार तथा मैत्रेय परियोजना ट्रस्ट के मध्य निष्पादित एम0ओ0यू0 तथा लीज डीड निरस्त करते हुए इन्टीग्रेटेड बुद्ध सर्किट को विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट/कार्ययोजना तैयार करने हेतु पर्यटन विभाग को निर्देशित किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव अनुमोदित।



लखनऊ (का ० उ ० सम्पादन)। मंत्रिपरिषद ने राज्य सरकार तथा मैत्रेय परियोजना ट्रस्ट के मध्य निष्पादित एम0ओ0यू0 तथा लीज डीड निरस्त करते हुए इन्टीग्रेटेड बुद्ध सर्किट को विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट/कार्ययोजना तैयार करने हेतु पर्यटन विभाग को निर्देशित किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि पर्यटन तथा संस्कृति के विकास व विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना के रूप में मैत्रेय परियोजना, कुशीनगर वर्ष 2003 में प्रारम्भ की गई थी। इस परियोजना के अन्तर्गत कुशीनगर में महात्मा बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा की स्थापना, एक धर्मार्थ चिकित्सालय, प्रारम्भिक शिक्षा से उच्च शिक्षा स्तर तक की शिक्षा के लिए एक धर्मार्थ शिक्षण संस्थान, विशाल ध्यान केन्द्र (मेडिटेशन पवेलियन), फव्वारों से सुसज्जित भव्य सुरुचिपूर्ण जलाशय, बच्चों के लिए पार्क, बौद्ध विहार व अतिथि गृह आदि का निर्माण प्रस्तावित था। इस परियोजना पर सम्पूर्ण व्ययभार मैत्रेय प्रोजेक्ट ट्रस्ट वहन करने के लिए सहमत थी। राज्य सरकार द्वारा मैत्रेय प्रोजेक्ट ट्रस्ट को निःशुल्क भूमि उपलब्ध करायी गयी है। जिलाधिकारी, कुशीनगर की आख्या/संस्तुति दिनांक 04 नवम्बर, 2019 एवं निदेशक, संस्कृति उत्तर प्रदेश की आख्या/संस्तुति दिनांक 08 नवम्बर, 2019 के अनुसार मैत्रेय परियोजना ट्रस्ट द्वारा कई वर्ष व्यतीत हो जाने के उपरान्त भी एम0ओ0यू0, संशोधित एम0ओ0यू0 तथा लीज डीड के प्राविधानों के अनुसार कार्य नहीं किया जा रहा है, जबकि उन्हें पर्याप्त भूमि उपलब्ध करा दी गयी है। मैत्रेय परियोजना ट्रस्ट द्वारा एम0ओ0यू0 एवं लीज डीड के अनुसार अपेक्षित कार्य नहीं किया गया है। अतः राज्य सरकार तथा मैत्रेय परियोजना ट्रस्ट के मध्य निष्पादित एम0ओ0यू0 तथा लीज डीड निरस्त करते हुए इन्टीग्रेटेड बुद्ध सर्किट को विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट/कार्ययोजना तैयार करने हेतु पर्यटन विभाग को निर्देशित किये जाने के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित किया गया।


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