संसद की कार्यवाही सुचारू तरीके से चलाने के लिए दलगत भावना से ऊपर उठकर बनी आम सहमति


> प्रधानमंत्री संसद के आज से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पूर्व सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए
> संसद का यह सत्र एक विशेष अवसर होगा क्योंकि राज्य सभा का यह 250वां सत्र होगाः प्रधानमंत्री
> शीतकालीन सत्र की 18 नवंबर 2019 से 13 दिसंबर 2019 के बीच 20 बैठकें होंगी।




नई दिल्ली (का ० उ ० सम्पादन०)। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी बीते रविवार को नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता मौजूद थे और उन्होंने संसद के आगामी सत्र के बारे में अपने-अपने विचार रखे। अपने वक्तव्य में प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद का यह सत्र एक विशेष अवसर है क्योंकि राज्य सभा का यह 250वां सत्र होगा। उन्होंने खुशी जाहिर की कि इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम और गतिवधियां आयोजित करने की योजना बनाई गई है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि ऊपरी सदन का 250वां सत्र भारतीय संसद और भारतीय संविधान की अनोखी ताकत को उजागर करने के लिए एक विशेष अवसर प्रदान करेगा जो भारत जैसे विविधता से भरे देश में शासन करने वाले संस्थानों को एक अति महत्वपूर्ण रूपरेखा प्रदान करता है। यह सत्र उस पृष्ठभूमि में हो रहा है जब भारत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती बना रहा है जिससे यह सत्र अनोखा और विशेष अवसर बन जाएगा। प्रधानमंत्री ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए कुछ विशेष मुद्दों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार सभी दलों के साथ मिलकर रचनात्मक तरीके से कार्य करेगी ताकि लम्बित विधेयकों का ठोस समाधान निकाला जा सके और पर्यावरण और प्रदूषण, अर्थव्यवस्था, कृषि क्षेत्र और किसानों, महिलाओं के अधिकारों, युवा और समाज के कमजोर तबकों से जुड़े विशेष मुद्दों के लिए नीतिगत रूपरेखा तैयार की जा सके। प्रधानमंत्री ने संसद का पिछला सत्र शान्ति से चलाने के लिए दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि इससे सरकार के कामकाज के बारे में लोगों के बीच सकारात्मक प्रभाव स्थापित करने में मदद मिली। इस संबंध में प्रधानमंत्री ने विविध मुद्दों पर हुई चर्चा में पहली बार बने सांसदों की ऊर्जावान भागीदारी का जिक्र किया और आशा व्यक्त की कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच रचनात्मक सहयोग से वर्तमान सत्र भी सफल और लाभदायक सिद्ध होगा। बैठक के बाद मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए, केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि नियमों और प्रक्रिया के अंतर्गत सरकार संसद के दोनों सदनों में किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी दलों से सहयोग करने को कहा। आगामी शीतकालीन सत्र की जानकारी देते हुए श्री जोशी ने बताया कि संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार, 18 नवंबर 2019 से शुरू हो रहा है और सरकार के कामकाज को देखते हुए यह सत्र शुक्रवार 13 दिसंबर, 2019 को समाप्त हो सकता है। उन्होंने बताया कि 27 विधेयकों को चर्चा कराने और पारित कराने के लिए पेश किया जाएगा। श्री जोशी ने यह भी बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) निषेध अध्यादेश, 2019 और विधि कराधान (संशोधन) अध्यादेश, 2019 के स्थान पर दो विधेयकों को आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान पारित किया जाना आवश्यक है।



इस सत्र की 26 दिन में 20 बैठकें होंगी जिनमें निजी सदस्यों के कामकाज के चार दिन भी शामिल हैं। श्री जोशी ने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों / विभागों के सचिवों / वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 5 नवम्बर, 2019 को हुई बैठक में आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान उठाए जाने वाले 47* विषयों की पहचान की गई (*46 विधायी और 01 वित्तीय विषय)। सत्र के दौरान दोनों सदनों में लंबित जिन महत्वपूर्ण विधेयकों पर विचार करने और उन्हें पारित करने की आवश्यकता है उनमें (i) राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2019; (ii) चिट फंड (संशोधन) विधेयक, 2019; (iii) सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2019; (iv) अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद (संशोधन), विधेयक, 2019; (v) बांध सुरक्षा विधेयक, 2019; (vi) ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019; (vii) जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019; (viii) संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2019; और (ix) संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2019 शामिल हैं। इस सत्र के दौरान अध्यादेशों के स्थान पर लाए जाने वाले 2 विधेयकों के अलावा जिन कुछ महत्वपूर्ण नए विधेयकों को पेश करने, उन पर चर्चा कराने और उन्हें पारित करने की संभावना है उनमें (i) कीटनाशक प्रबंधन विधेयक, 2019; (ii) दिवाला और शोधन अक्षमता (दूसरा) संशोधन विधेयक, 2019; (iii) अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण विधेयक, 2019; (iv) गर्भपात (संशोधन) विधेयक, 2019; (v) नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019; (vi) व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019; और (vii) शस्त्र अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2019 शामिल हैं। विधायी विषयों के अलावा, 2019-20 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के पहले बैच से संबंधित 1 वित्तीय विषय पर चर्चा और सत्र के दौरान पारित करने की आवश्यकता है। श्री जोशी ने यह भी बताया कि संविधान अपनाने के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में 26 नवंबर 2019 को एक समारोह आयोजित किया जाएगा। माननीय राष्ट्रपति, माननीय उपराष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करें। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत, संसदीय कार्य और भारी उद्योग तथा लोक उद्यम राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और संसदीय कार्य और विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन अन्य नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक में उपस्थित थे। बैठक के दौरान राजनीतिक दलों के नेताओं ने कई मुद्दे उठाये। दोनों सदनों में रचनात्मक चर्चा के माध्यम से बिना किसी व्यवधान और गतिरोध के संसद की कार्यवाही सुचारू तरीके से चलाने के लिए दलगत भावना से ऊपर उठकर एक आम सहमति बन गई।


शीतकालीन सत्र 2019 के दौरान संसद के दोनों सदनों में उठाए जाने के लिए पहचाने गए सरकारी कामकाज के विषयः



  1. पेश करने, विचार और पारित कराने के लिए विधेयक



  1. कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2019 (अध्यादेश को बदलने के लिए);

  2. इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का निषेध (उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, बिक्री,  वितरण, भंडारण और विज्ञापन) विधेयक, 2019। (अध्यादेश को बदलने के लिए);

  3. कीटनाशक प्रबंधन विधेयक, 2019;

  4. बहु राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2019;

  5. विमान (संशोधन) विधेयक, 2019;

  6. कंपनी (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2019;

  7. प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक, 2019;

  8. दिवाला और शोधन अक्षमता (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2019;

  9. खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2019;

  10. समुद्री डकैती निरोधक विधेयक, 2019;

  11. अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण विधेयक, 2019;

  12. गर्भपात (संशोधन) विधेयक, 2019;

  13. स्वास्थ्य सेवा कर्मी और नैदानिक प्रतिष्ठान (हिंसा और संपत्ति को नुकसान की रोकथाम) विधेयक, 2019;

  14. प्रजनन संबंधी सहायक टेक्नोलॉजी (नियमन) विधेयक, 2019;

  15. राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय विधेयक, 2019;

  16. नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019;

  17. आपदा प्रबंधन (पहला संशोधन) विधेयक, 2019;

  18. राष्ट्रीय नदी गंगा (कायाकल्प, संरक्षण और प्रबंधन) विधेयक, 2019;

  19. औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक, 2019;

  20. सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विकास (संशोधन) विधेयक, 2019;

  21. संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (--- संशोधन) विधेयक, 2019;

  22. किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2019;

  23. जहाजों का पुनर्चक्रण विधेयक, 2019;

  24. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक, 2019;

  25. व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019;

  26. माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का रखरखाव और कल्याण (संशोधन) विधेयक, 2019;

  27. शस्त्र कानून (संशोधन) विधेयक, 2019।

  28. विचार और पारित किए जाने वाले विधेयक


(अ) लोकसभा में लंबित विधेयक





    1. राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2019 राज्य सभा द्वारा पारित;





    1. चिट फंड (संशोधन) विधेयक, 2019



  1. (ख) राज्य सभा में लंबित विधेयक



    1. लोकसभा द्वारा पारित सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2019;





    1. लोकसभा द्वारा पारित अंतर-राज्य नदी जल विवाद (संशोधन), विधेयक, 2019;





    1. लोकसभा द्वारा पारित बांध सुरक्षा विधेयक, 2019;





    1. लोकसभा द्वारा पारित ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019;





    1. लोकसभा द्वारा पारित जलियाँवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019





    1. संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2019;





    1. संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2019;





    1. भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएम) विधेयक, 2019;





    1. राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (एनसीएच) विधेयक, 2019; तथा





    1. राष्ट्रीय खाद्य टेक्नोलॉजी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान विधेयक, 2019।




III - वित्तीय व्यवसाय



  1. 2019-20 के लिए अनुदान (रेलवे सहित) के लिए अनुपूरक मांगों का पहला बैच


राज्य सभा से लौटाए जाने वाले विधेयक


1. भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक, 1987;


2. भारतीय औषध और होम्योपैथी फार्मेसी विधेयक, 2005;


3. कीटनाशक प्रबंधन विधेयक, विधेयक, 2008;


4. स्वास्थ्य विधेयक, 2011 के लिए राष्ट्रीय मानव संसाधन आयोग;


5. भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक, 2013;


6. अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण विधेयक, 2019; तथा


7. जम्मू और कश्मीर आरक्षण (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2019


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