आवश्यकतानुसार उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सम्बन्धित नीतियों में जरूरी संशोधन किए जाएं : मुख्यमंत्री

> मुख्यमंत्री ने फार्मा, खाद्य प्रसंस्करण, दुग्ध उत्पादन, पर्यटन तथा वस्त्र नीति में संशोधन के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया।


> दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बड़ी संख्या में दुग्ध समितियां स्थापित करनी होंगी : मुख्यमंत्री


>>> मुख्यमंत्री ने दिखाई हरी झंडी


खाद्य प्रसंस्करण की प्रस्तावित इकाइयों को शीघ्र क्लीयरेन्स प्रदान की जाए, ताकि यह इकाइयां जल्द स्थापित हो सकें।



मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी अपने लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर उ प्र फार्मा नीति, खाद्य प्रसंस्करण नीति, दुग्ध उत्पादन नीति, पर्यटन नीति तथा वस्त्र नीति की समीक्षा बैठक करते हुए।

लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष आज यहां उनके सरकारी आवास पर फार्मा, खाद्य प्रसंस्करण, दुग्ध उत्पादन, पर्यटन तथा वस्त्र नीति में संशोधन के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्थानीय आवश्यकतानुसार उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सम्बन्धित नीतियों में जरूरी संशोधन किए जाएं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण नीति में आवश्यक संशोधन करते हुए खाद्य प्रसंस्करण की प्रस्तावित इकाइयों को शीघ्र क्लीयरेन्स प्रदान की जाए, ताकि यह इकाइयां जल्द स्थापित हो सकें। उन्होंने कहा कि पश्चिमी तथा मध्य उत्तर प्रदेश में मक्का बड़े पैमाने पर पैदा होता है। ऐसे में, इससे सम्बन्धित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को इन क्षेत्रों में स्थापित करने की कार्यवाही की जाए। जनपद कुशीनगर में केले के चिप्स बनाने की इकाइयां स्थापित करने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि सभी नीतियों के तहत उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बड़ी संख्या में दुग्ध समितियां स्थापित करनी होंगी। दूध की व्यापक डिमाण्ड हर जगह पर है। दूध की आपूर्ति के लिए सप्लाई चेन बनानी होगी। पशुपालकों को अच्छी नस्ल के पशु उपलब्ध कराने होंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति में आवश्यक संशोधन करते हुए दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए। मुख्यमंत्री जी ने बैठक के दौरान जिन नीतियों में संशोधन की समीक्षा की, उनमें यूपी फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी - 2017, यूपी मिल्क पॉलिसी - 2018, यूपी टूरिज्म पॉलिसी - 2018, यूपी हैण्डलूम, पावरलूम, सिल्क टेक्सटाइल एण्ड गारमेन्टिंग पॉलिसी - 2017 तथा यूपी फार्मास्यूटिकल इण्डस्ट्री पॉलिसी - 2018 शामिल हैं। उन्होंने कोविड - 19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के मद्देनजर प्रदेश में डायनमिक और कॉम्पीटिटिव पॉलिसी फ्रेमवर्क तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि प्रदेश की औद्योगिक गतिविधियों को पुनर्जीवित किया जा सके। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकण्ठ तिवारी, मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव पर्यटन जितेन्द्र कुमार, प्रमुख सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव दुग्ध विकास भुवनेश कुमार, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव एफएसडीए श्रीमती अनीता सिंह, प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार, प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल एवं संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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