प्रदेश में कोविड अस्पतालों में 01 लाख से अधिक बेड की व्यवस्था कर ली गई है

टीम 11 संग उच्च स्तरीय लॉकडाउन समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को कराया गया अवगत


> मार्च, 2020 के समय राज्य में टेस्टिंग क्षमता मात्र 50 थी जिसे विकसित कर 10 हजार से अधिक कर लिया गया है : मुख्यमंत्री


मुख्यमंत्री ने टीम 11 को दिए निर्देश :


> मुख्यमंत्री ने कोविड-19 की टेस्टिंग क्षमता को 15 जून तक बढ़ाकर 15 हजार किए जाने तथा इस माह के अन्त तक बढ़ाकर 20 हजार किए जाने के निर्देश दिए हैं।


> 1 जून से रेल सेवा प्रारम्भ होने के कारण रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की समुचित स्क्रीनिंग की जाए : मुख्यमंत्री


> मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार की ओर से रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर विभिन्न राज्यों से प्रदेश में आने वाले कामगारों और श्रमिकों को कोरोना बचाव सम्बन्धी हैण्डबिल उपलब्ध कराए जाएं।


> खाद्यान्न वितरण के अगले चरण में जीपीएस प्रणाली का प्रयोग करते हुए, गोदाम से राशन की दुकान तक खाद्यान्न की सप्लाई पूरी पारदर्शिता के साथ की जाए : मुख्यमंत्री


> मुख्यमंत्री जी ने आकाशीय बिजली जैसी आपदाओं से होने वाली हानि को रोकने के लिए राज्य आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण (एसडीएमए) को पूरी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।


> मुख्यमंत्री ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के निराश्रित व्यक्तियों को ग्राम प्रधान निधि से आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने के निर्देश दिए।


> चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ सहित वालंटियर्स के प्रशिक्षण का कार्यक्रम सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्यों में से है, इसे जारी रखा जाए : मुख्यमंत्री



उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी 31 मई, 2020 को अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा करते हुए।


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने राज्य में एल-1, एल-2 व एल-3 कोविड अस्पतालों में बेड की कुल क्षमता को बढ़ाकर 01 लाख से अधिक करने तथा कोविड-19 की टेस्टिंग क्षमता के 10 हजार पार करने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने राज्य में कोविड अस्पतालों एवं अन्य चिकित्सा सुविधाओं को और सुदृढ़ किए जाने के साथ ही, कोविड-19 की टेस्टिंग क्षमता को 15 जून, 2020 तक बढ़ाकर 15 हजार किए जाने तथा इस माह के अन्त तक बढ़ाकर 20 हजार किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी रविवार 31 मई को यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के हर जनपद में एल-1 और एल-2 कोविड अस्पताल उपलब्ध हैं। एल-1 कोविड अस्पतालों में सामान्य बेड के साथ ही, ऑक्सीजन आपूर्ति की सुविधा से युक्त बेड भी उपलब्ध हैं। इसी प्रकार एल-2 कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड के साथ ही, वेंटीलेटर की सुविधा से युक्त बेड भी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि मार्च, 2020 के प्रथम सप्ताह में जब प्रदेश में कोरोना वायरस कोविड-19 का पहला मामला प्रकाश में आया था, उस समय राज्य में इसकी टेस्टिंग क्षमता मात्र 50 थी। केन्द्र सरकार के सहयोग से वर्तमान में प्रदेश की टेस्टिंग क्षमता को विकसित कर 10 हजार से अधिक कर लिया गया है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 01 जून से रेल सेवा प्रारम्भ होने के कारण रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की समुचित स्क्रीनिंग की जाए। उन्होंने स्क्रीनिंग हेतु रेलवे स्टेशनों पर आवश्यक रूप से प्रशासन, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को तैनात किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार की ओर से रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर विभिन्न राज्यों से प्रदेश में आने वाले कामगारों और श्रमिकों को ऐसे हैण्डबिल उपलब्ध कराने के लिए कहा जाए, जिसमें कोरोना वायरस कोविड-19 के विषय में बरती जाने वाली सावधानी के बारे में बताया गया हो, जिससे इन कामगारों और श्रमिकों को कोरोना वायरस कोविड-19 के सम्बन्ध में बरती जाने वाली सावधानी की पहले से ही जानकारी रहे। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 01 जून से खाद्यान्न वितरण का अगला चरण प्रारम्भ हो रहा है। इसके दृष्टिगत सभी तैयारियां समय से ही पूरी कर ली जाएं। गोदाम से राशन की दुकान तक खाद्यान्न की सप्लाई पूरी पारदर्शिता के साथ की जाए। इसके लिए जीपीएस प्रणाली का प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर पूरी पारदर्शिता और सुव्यवस्थित ढंग से खाद्यान्न की सप्लाई सुनिश्चित किए जाने के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक जरूरतमंद परिवार को खाद्यान्न उपलब्ध हो जाए। प्रदेश में कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए। जरूरतमंद परिवारों के राशन कार्ड तेजी से बनवाए जाएं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि राशन वितरण में घटतौली अथवा किसी अन्य प्रकार की अव्यवस्था न होने पाए। खाद्यान्न वितरण के दौरान कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के उपायों यथा सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पूर्ण पालन कराया जाए। मुख्यमंत्री जी ने निगरानी समितियों को सतत् सक्रिय बनाए रखने के निर्देश देते हुए कहा कि इन समितियों के क्रियाशील बने रहने से संक्रमण को रोकने में मदद मिल रही है। उन्होंने निगरानी समितियों के सदस्यों से नियमित संवाद बनाए रखते हुए उनके द्वारा किए जा रहे सर्विलांस आदि कार्यों के फीडबैक लेने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा सघन एवं नियमित पेट्रोलिंग करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी भीड़ एकत्र न होने पाए। उन्होंने सेनिटाइजेशन कार्य को निरन्तर संचालित किए जाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री जी ने आकाशीय बिजली आदि आपदाओं से होने वाली जनहानि, पशुहानि को रोकने के लिए तकनीक के प्रयोग पर बल दिया। इस सम्बन्ध में राज्य आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण (एसडीएमए) को पूरी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि तकनीक के प्रयोग से आकाशीय बिजली आदि से होने वाली जन व पशु हानियों को रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण (एसडीएमए) द्वारा तकनीक का प्रयोग करते हुए इन हानियों की आशंका के सम्बन्ध में एलर्ट जारी किया जाए। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के निराश्रित व्यक्तियों को ग्राम प्रधान निधि से आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिस निराश्रित व्यक्ति के पास राशन न हो, उसे खाद्यान्न के लिए ग्राम प्रधान निधि से 01 हजार रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। किसी निराश्रित व्यक्ति के गम्भीर रूप से बीमार होने की स्थिति में, उसके आयुष्मान भारत योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से आच्छादित नहीं होने पर, तात्कालिक सहायता के रूप में ग्राम प्रधान निधि से 02 हजार रुपए प्रदान किए जाएं। इसी प्रकार किसी निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके परिवार को अन्तिम संस्कार के लिए ग्राम प्रधान निधि से 05 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के सम्बन्ध में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ सहित अन्य लोगों के प्रशिक्षण में तेजी लायी जाए। प्रशिक्षण का कार्यक्रम सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्यों में से है। इसलिए चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण का कार्यक्रम निरन्तर संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि सामान्य व्यक्ति के लिए इन्फ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स ऑक्सीमीटर की रेंज कितनी होनी चाहिए, इसकी जानकारी पैरामेडिकल स्टाफ को दी जाए। मुख्यमंत्री जी ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को कोविड व नॉन कोविड अस्पतालों से संवाद बनाए रखने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी कोविड अस्पतालों में डॉक्टर नियमित राउण्ड लें। चिकित्सालयों में साफ-सफाई की अच्छी व्यवस्था के साथ-साथ बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के समुचित प्रबन्ध किए जाएं। सभी जनपदों में पीपीई किट, एन 95 मास्क, थ्री-लेयर मास्क, ग्लव्स, सेनिटाइजर आदि मेडिकल सुरक्षा सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता रहे। इन चीजों की कोई कमी नहीं है। चिकित्सालयों में ऑक्सीजन की सुचारु उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। इस दौरान मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि प्रदेश में कोविड अस्पतालों में 01 लाख से अधिक बेड की व्यवस्था कर ली गई है, जो देश में सर्वाधिक है। इस अवसर पर मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश सी अवस्थी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल तथा संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, एसडीएमए के उपाध्यक्ष ले जनरल (से नि) आर पी साही, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


 


 


Popular posts from this blog

उ प्र सहकारी संग्रह निधि और अमीन तथा अन्य कर्मचारी सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2020 प्रख्यापित

उ0प्र0 सरकारी सेवक (पदोन्नति द्वारा भर्ती के लिए मानदण्ड) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2019 के प्रख्यापन को मंजूरी

कोतवाली में मादा बंदर ने जन्मा बच्चा