भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी

> सार्वजनिक स्थानों पर थूकना पूर्णतया प्रतिबन्धित रहेगा : एसीएस होम


> कन्टेनमेंट जोन को छोड़कर शेष स्थानों अथवा जोन में धार्मिक एवं पूजा स्थल खोले जा सकते हैं : एसीएस होम


> प्रत्येक धर्म-स्थल के अन्दर एक बार में एक स्थान पर 05 से अधिक श्रद्धालु न हो : एसीएस होम


> पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम अथवा माइक से सभी आगन्तुकों को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के बारे में लगातार किया जाए जागरुक : एसीएस होम


> लाइनों में सभी व्यक्ति एक-दूसरे से कम से कम 6 फिट की शारीरिक दूरी पर रहेंगे : एसीएस होम


> मूर्तियों और पवित्र ग्रन्थों को स्पर्श करने की अनुमति नही होगी : एसीएस होम


> रिकार्ड किए हुए भक्ति-संगीत बजाये जा सकते हैं, किन्तु समूह में इकट्ठे होकर गायन की अनुमति नहीं होगी : एसीएस होम


> धार्मिक स्थल के अन्दर किसी प्रकार के प्रसाद वितरण अथवा पवित्र-जल के छिड़काव आदि की अनुमति नहीं होगी : एसीएस होम


> चिकित्सा एवं आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त अन्य कार्यालय कन्टेनमेन्ट जोन में बंद रहेगें : एसीएस होम


> कन्टेनमेट जोन में रहने वाले ड्राइवरों को वाहन चलाने की अनुमति न दी जाए : एसीएस होम


> बैठकें, जहाँ तक सम्भव हो, वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से की जाए : एसीएस होम


> वाहनों के स्टीयरिंग, दरवाजे के हैंडल, चाभियों आदि को उचित प्रकार से कीटाणु रहित किया जाना चाहिए : एसीएस होम


> लिफ्ट में लोगों की संख्या को सीमित किया जाए : एसीएस होम


> यदि किसी परिस्थिति में बड़ी संख्या में प्रकरण आते हैं तो पूरी तरह से कीटाणु रहित किए जाने के पश्चात् भवन अथवा ब्लॉक को 48 घण्टे के लिए बंद करना होगा : एसीएस होम


> खाने के आर्डर देने में, भुगतान के समय सम्पर्क-विहीन प्रक्रिया, कैशलेस पेमेंट, ई-वॉलेट आदि अपनायी जाए : एसीएस होम


> होटल रूम के दरवाजे पर ही फूड आइटम के पैकेट रख दिए जाएंगे उसे सीधे अतिथि के हाथो में नहीं दिया जाएगा : एसीएस होम


> कोरोना संक्रमित पाये जाने वाले लोगों के घरवालों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए डॉक्टर के परामर्श पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) की दवा निःशुल्क दी जायेगी : प्रमुख सचिव स्वास्थ्य


> प्रदेश के 06 मण्डल जहां मेडिकल कॉलेज नहीं है, वहां पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जलाई माह तक लैब की स्थापना करायी जायेगी : प्रमुख सचिव स्वास्थ्य



लोक भवन मीडिया सेल में प्रेस को सम्बोधित करते एसीएस होम श्री अवनीश कुमार अवस्थी (बाएं) एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद। 


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने शनिवार 6 जून को यहां लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि कोविड-19 महामारी के रोकथाम के सम्बन्ध में धार्मिक/पूजा स्थलों, कार्यालयों, मॉल, होटल एवं रेस्टोरेन्ट को खोलने हेतु केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि समस्त जोन में 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, सह रुग्णता अर्थात एक से अधिक अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति, गर्भवती स्त्रियां और 10 वर्ष की आयु से नीचे के बच्चों को जब तक आवश्यक न हो घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गयी है। श्री अवस्थी ने बताया कि अनलॉक 1.0 के अन्तर्गत फेस-कवर और मास्क का प्रयोग अनिवार्य होगा। प्रत्येक व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर यथा-सम्भव एक दूसरे से कम से कम 6 फिट की दूरी रखेंगे। सभी भवन और धर्मस्थल में प्रवेश से पूर्व हाथों को एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से कीटाणु-रहित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि श्वसन सम्बन्धी शिष्टाचारों का कड़ाई से अनुपालन किया जाए। इसमें मुँह एवं नाक को खांसते य छींकते हुए टिश्यू-पेपरअथवा रुमाल से पूरी तरह से ढकना चाहिए। प्रयोग के बाद टिश्यू पेपर आदि को उचित तरीके से (डस्टबिन आदि में) फेंका जाए। उन्होंने बताया कि जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि अपने स्वास्थ्य का स्वंय निरन्तर पर्यवेक्षण करते हुए किसी प्रकार की बीमारी के सम्बन्ध में तत्काल स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन नं0 1800 180 5145 पर सम्पर्क करें। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना पूर्णतया प्रतिबन्धित रहेगा। सभी को आरोग्य-सेतु तथा आयुष कवच कोविड ऐप का प्रयोग करने हेतु प्रेरित किया जाए। श्री अवस्थी ने बताया कि कन्टेनमेंट जोन को छोड़कर शेष स्थानों अथवा जोन में धार्मिक एवं पूजा स्थल खोले जा सकते हैं। सभी स्थानों पर भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के क्रम में धर्म स्थलों को खोले जाने से पूर्व प्रशासन व पुलिस के अधिकारीगण धर्म-स्थलों के प्रबन्धन से जुड़े लोगों से संवाद स्थापित करते हुए उन्हें सभी सावधानियां सुनिश्चित करने की जानकारी देंगे। उन्होंने बताया कि यह सुनिश्चित किया जायेगा कि प्रत्येक धर्म-स्थल के अन्दर एक बार में एक स्थान पर 05 से अधिक श्रद्धालु न हो। प्रवेश द्वार पर हाथों को कीटाणु-रहित करने हेतु एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का प्रयोग किया जाए एवं इन्फ्रारेड-थर्मामीटर की भी व्यवस्था यथासम्भव की जाए। जिन व्यक्तियों में कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं होगा केवल उन्हें ही परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी। सभी प्रवेश करने वाले व्यक्तियों को फेस-कवर अथवा मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य होगा। कोविड-19 महामारी के सम्बन्ध में रोकथाम सम्बन्धी उपायों के रूप में जन जागरूकता के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु परिसर में पोस्टर अथवा स्टैन्डीज का प्रयोग प्रमुखता से करना होगा। जहां तक सम्भव हो आने वाले व्यक्तियों को विभिन्न समूहों में विभाजित करते हुए परिसर में प्रवेश करने की व्यवस्था की जाए, जिससे कि अनावश्यक भीड़-भाड न हो और संक्रमण का प्रसार न होने पाये। प्रयास किया जाये कि एक स्थान पर एक समय में पाँच से अधिक व्यक्ति एकत्रित न हों। जूते, चप्पलों को अपने वाहन इत्यादि में ही उतार कर रखना अपेक्षित होगा। यदि आवश्यक हो तो इन्हें प्रत्येक व्यक्ति अथवा परिवार द्वारा स्वंय ही अलग-अलग खांचो अथवा ब्लाक में रखा जाये। परिसरों के बाहर पार्किंग स्थलों पर भीड़ प्रबन्धन करते समय सोशल डिस्टेंन्सिग का कड़ाई से अनुपालन करना होगा। श्री अवस्थी ने बताया कि पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम अथवा माइक से सभी व्यक्तियों और आगन्तुकों को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के बारे में लगातार जागरुक किया जाए। परिसर के बाहर स्थित सभी प्रकार की दुकानों, स्टॉल, कैफेटेरिया इत्यादि पर भी पूरे समय सोशल-डिस्टेंन्सिग के मानकों का कड़ाई से अनुपालन करना होगा। सोशल-डिस्टेंन्सिग को सुनिश्चित करने हेतु परिसरों में व्यक्तियों के लाइन में खड़े होने के लिए स्पष्ट निशान अथवा चिन्ह अंकित कर दिए जाएँ। प्रवेश एवं निकास की यथासम्भव अलग-अलग व्यवस्था की जाए। लाइनों में सभी व्यक्ति एक-दूसरे से कम से कम 6 फिट की शारीरिक दूरी पर रहेंगे। बैठने के स्थानों को भी सोशल-डिस्टेन्सिंग के अनुसार व्यवस्थित किया जाए। वेन्टिलेशन अथवा एयर कंडीशनरों आदि साधनों के प्रयोग के समय तापमान 24-30 डिग्री के मध्य होना चाहिए तथा आर्द्रता की सीमा 40 से 70 प्रतिशत के मध्य होनी चाहिए। क्रॉस-वैन्टिलेशन का प्रबन्धन इस प्रकार से होना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा ताजी हवा अन्दर आ सके। मूर्तियों और पवित्र ग्रन्थों को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी। सभी धार्मिक स्थलों पर सभाएं व मण्डली निषिद्ध रहेंगी। संक्रमण फैलने के खतरे के दृष्टिगत रिकार्ड किए हुए भक्ति-संगीत बजाये जा सकते हैं, किन्तु समूह में इकट्ठे होकर गायन की अनुमति नहीं होगी। प्रार्थना सभाओं हेतु एक ही मैट य दरी के प्रयोग से बचा जाए। श्रद्धालुओं को अपने लिए अलग मैट, दरी, चादर आदि लानी चाहिए जिसे वह अपने साथ वापस भी ले जा सकते हों। धार्मिक स्थल के अन्दर किसी प्रकार के प्रसाद वितरण अथवा पवित्र-जल के छिड़काव आदि की अनुमति नहीं होगी। एक-दूसरे को बधाई देते समय शारीरिक सम्पर्क से बचना होगा। श्रद्धालु एवं पुजारी समेत कोई भी किसी को किसी रुप में स्पर्श न करेंलंगर/सामुदायिक-रसोई अन्न-दान आदि हेतु भोजन तैयार/वितरित करते समय शारिरिक-दरी के मानकों का अनपालन करना होगा। परिसर के भीतर शौचालयों. हाथ-पैर धोने के स्थानों पर स्वच्छता हेत विशेष उपाय करने होंगे। प्रबन्धन द्वारा की लगातार सफाई और कीटाणु-रहित करने के उपाय करने होंगे। परिसर के फर्श को विशेष रूप से कई बार साफ करना होगा। आगुन्तक अपने फेस-कवर, मास्क, ग्लव्स आदि को सार्वजनिक स्थानों पर नहीं छोड़ेंगे, यदि कहीं कोई ऐसी सामग्री रहती है तो उनका उचित निपटान सुनिश्चित करना होगा। परिसर के अन्दर संदिग्ध, पुष्ट केस के मामले मे बीमार व्यक्ति को ऐसे स्थान पर रखा जाए जिससे कि वह अन्य व्यक्तियों से बिल्कुल अलग हो जाए। डॉक्टर द्वारा उसकी जांच, परीक्षण होने तक उसे मास्क, फेस कवर दिया जाए। निकटतम अस्पताल, क्लीनिक अथवा जिला स्वास्थ्य हेल्पलाइन नं0-18001805145 को सूचित किया जाए। स्वास्थ्य प्राधिकारी द्वारा मरीज और उसके सम्पर्कों आदि के सम्बन्ध में संक्रमण के जोखिम का मूल्यांकन करते हुए तदनुसार कार्यवाही की जाएगी। यदि व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाए तो परिसर को पूर्ण रूप से कीटाणु-रहित किया जायेगा। श्री अवस्थी ने बताया कि चिकित्सा एवं आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त अन्य कार्यालय कन्टेनमेन्ट जोन में बंद रहेगें। कन्टेनमेन्ट जोन के बाहर स्थित कार्यालयों को ही खोलने की अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि कार्यालयों के प्रवेश द्वार पर हाथों को कीटाणु-रहित करने के लिए सेनेटाईजर डिस्पेंसर और थर्मल स्क्रीनिंग का भी प्रावधान करना होगा। जिन व्यक्तियों में कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं होगा, केवल उन्हें ही परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी। कोई भी अधिकारी और कर्मचारी, जो कि कन्टेनमेन्ट जोन में रहता है उन्हें अपने पर्यवेक्षक अधिकारी को इसकी सूचना देनी होगी और तब तक कार्यालय में उपस्थित नहीं होना होगा जब तक कि कन्टेनमेन्ट जोन निरस्त न कर दिया जाए। ऐसे कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति होगी तथा इस अवधि को अवकाश के रूप में नहीं गिना जाएगा। वाहनों के ड्राइवर सामाजिक दूरी बनाए रखेंगे और कोविड-19 से सम्बन्धित निर्देशों का पालन करेंगे। सेवा प्रदाताओं, अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा कि कन्टेनमेट जोन में रहने वाले ड्राइवरों को वाहन चलाने की अनुमति न दी जाए। उन्होंने बताया कि 01 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोरोइट घोल अथवा स्प्रे का उपयोग करके वाहन के इंटीरियर को कीटाणु-रहित करने का प्रावधान किया जाएगा। स्टीयरिंग, दरवाजे के हैंडल, चाभियाँ आदि को उचित प्रकार से कीटाणु रहित किया जाना चाहिए। श्री अवस्थी ने बताया कि ऐसे सभी कर्मचारी जो कि संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो सकते हैं जैसे वृद्ध कर्मचारी, गर्भवती कर्मचारी और ऐसे कर्मचारी जो कि निरन्तर चिकित्सीय पर्यवेक्षण में हों, जैसे दमा, मधुमेह, हृदयरोग, कैन्सर अथवा किडनी रोग वाले मरीजों को ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी जाए। उन्हें प्रायः जनता के साथ सीधे सम्पर्क की आवश्यकता वाले किसी भी फ्रट लाइन काम के सम्पर्क में नहीं आने देना चाहिए। जहाँ भी संभव हो, ऐसे कर्मचारियों को घर से काम की सुविधा प्रदान की जाए। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों, आगंतुकों को, फेस कवर का उपयोग करने पर ही कार्यालय में प्रवेश की अनुमति दी जाए। उन्हें परिसर के अन्दर हर समय फेस कवर पहनना आवश्यक होगा। आगंतुक एवं अस्थायी पास जारी करने की रूटीन व्यवस्था को निलंबित कर ऐसे आगंतुक जिन्हें किसी अधिकारी द्वारा मलाकात की अनमति प्रदान की जायेगी उन्हें आवश्यक स्क्रीनिंग अथवा जांच के बाद ही कार्यालय में प्रवेश की अनुमति प्रदान की जाये। बैठकें, जहाँ तक सम्भव हो, वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से की जाए। परिसर के बाहर और पार्किंग स्थल में सोशल-डिस्टेन्सिंग के मानदण्डों को सुनिश्चित करते हुए भीड़ आदि का उचित प्रबन्धन किया जाना चाहिए। वैले–पार्किंग उपलब्ध होने की स्थिति में परिचालन कार्मिकों द्वारा उपयुक्त कवर अथवा मास्क और दस्तानों का प्रयोग किया जायेगा। वाहनों के स्टीयरिंग, दरवाजे के हैंडल, चाभियों आदि को उचित प्रकार से कीटाणु रहित किया जाना चाहिए। कार्यालय परिसर के बाहर और भी दुकान, स्टॉल, कैफेटेरिया आदि में सामाजिक दूरियों के मानदंडों का पालन हर समय सुनिश्चित किया जायेगा। श्री अवस्थी ने बताया कि कार्यालय परिसर के भीतर क्यू का प्रबन्धन और सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त दूरी के साथ विशिष्ट मार्किंग की जा सकती है। अधिकारियों, कर्मचारियों और आगंतकों के लिए यथासंभव अलग प्रवेश और निकास की व्यवस्था की जाए। कार्यस्थलों, विशेष रूप से अधिक स्पर्श की जाने वाली सतहों की उचित सफाई व्यवस्था व लगातार सेनेटाइजेशन सुनिश्चित की जाए। वाशरूम में हैण्ड सेनिटाइजर, साबुन और बहते पानी की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। कार्यालय में आपूर्तित माल, सामग्री एवं यंत्र आदि के परिचालन में लाने के दौरान आवश्यक सावधानी सुनिश्चित की जाए। कार्यालयों में बैठने की व्यवस्था इस तरह से की जाए कि पर्याप्त सामाजिक दूरी बनी रहे। लिफ्ट में लोगों की संख्या को सीमित किया जाए जिससे सामाजिक दूरी के मानदंडों को बनाए रखा जा सके। बड़ी सभाएं पूर्ववत् निषिद्ध रखी जाएंपरिसर के भीतर विशेषकर शौचालयों, पानी पीने और हाथ धोने के स्थलों पर प्रभावी एवं सतत् सेनेटाईजेशन किया जाए। कार्यालय परिसर और कामन क्षेत्रों में बारम्बार स्पर्श की जाने वाली सतहों यथा दरवाजों के हैंडिल, एलिवेटर बटन, हाथ की रेलिंग/बेंच, वॉशरूम, फर्नीचर आदि को 01 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट का उपयोग करके सफाई व निरन्तर निःसंक्रमित किया जाएआगंतुकों और कर्मचारियों द्वारा छोड़े गये फेस कवर, मास्क, दस्ताने का उचित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। कैफेटेरिया, कैण्टीन, डाइनिंग हॉल में निम्न व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। सामाजिक दूरी के मानदण्डों को सुनिश्चित करते हुए भीड़ और कतार प्रबन्धन कर्मचारी अथवा वेटर को मास्क व हाथ के दस्तानों के साथ अन्य आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय प्रयोग करने लिए निर्देश दिये गये हैं। जहाँ तक हो, एक-दूसरे के मध्य कम से कम 01 मीटर की दूरी बनाते हुए बैठने की व्यवस्था की जाये। श्री अवस्थी ने बताया कि यदि कार्य स्थल पर एक या दो प्रकरण ही चिन्हित हैं, तो कीटाणु रहित किए जाने की प्रक्रिया पिछले 48 घंटों में रोगी द्वारा किए गए भ्रमण तक सीमित रहेगी। सम्पूर्ण कार्यालय भवन अथवा कार्यालय के अन्य क्षेत्रों में कार्य को बंद करने की आवश्यकता नहीं है। यहाँ निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार निःसंक्रमित किए जाने के पश्चात् कार्य पुनः प्रारम्भ किया जा सकता है। यदि किसी परिस्थिति में बड़ी संख्या में प्रकरण आते हैं तो पूरी तरह से कीटाणु रहित किए जाने के पश्चात् भवन अथवा ब्लॉक को 48 घण्टे के लिए बंद करना होगा। जब तक भवन और ब्लॉक को पर्याप्त रूप से विसंक्रमित करते हुए पुनः कार्य किए जाने योग्य घोषित नहीं कर दिया जाता, तब तक सभी कर्मचारियों को घर से कार्य करने की अनुमति दी जाए। यदि आवश्यक सेवाओं का कार्यालय है तो वैकल्पिक स्थान पर कार्यालय संचालन करने की व्यवस्था की जाए। कार्यालयों को कीटाणु रहित किए जाने की प्रक्रिया स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा निःसंक्रमण हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जो कि विभागीय वेबसाईट पर उपलब्ध है, का अनुपालन किया जाएगा। श्री अवस्थी ने बताया कि कन्टेनमेंट जोन को छोड़कर शेष स्थानों, जोन में मॉल, होटल, रेस्टोरेन्ट खोले जा सकते हैं। सभी मॉल, होटल एवं रेस्टोरेन्ट द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा कि समस्त स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगातार चालू हालत में रहने चाहिए। प्रवेश द्वार पर हाथों को कीटाणु-रहित करने हेतु एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का प्रयोग किया जाए एवं मीटर की भी व्यवस्था यथासम्भव की जाए। जिन व्यक्तियों में कोई लक्षण प्रदर्शित नही होगा केवल उन्हें ही परिसर में प्रवेश की अनमति होगी। फेस-कवर अथवा मास्क पहनने वाले कर्मियों और ग्राहकों, आगन्तुकों को ही प्रवेश करने की अनुमति होगी एवं मॉल, होटल एवं रेस्टोरेन्ट के अन्दर रहने के दौरान परे समय फेस-कवर पहने रहना होगा। कोविड-19 महामारी के सम्बन्ध में पूर्व उपायों को मॉल, होटल एवं रेस्टोरेन्ट के अन्दर एवं बाहरी परिसर में पोस्टर का प्रयोग प्रमुखता से करना होगा। जहां तक सम्भव हो आने वाले ग्राहकों को समूहों में बांटते हुए मॉल, होटल एवं रेस्टोरेन्ट में प्रवेश करने की व्यवस्था की जाए जिससे कि एक ही स्थान प्रवेश द्वार पर अनावश्यक भीड़-भाड़ न हो और संक्रमण का प्रसार न होने पाये। होटल एवं रेस्टोरेन्ट प्रबन्धन द्वारा सोशल डिस्टेन्सिंग के मानकों को सुनिश्चित करने हेतु पर्याप्त स्टॉफ तैनात किया जाएगा। ऐसे सभी कर्मचारी जो कि संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो सकते हैं जैसे वृद्ध एवं गर्भवती कर्मी और ऐसे कर्मी जो कि निरन्तर चिकित्सीय पर्यवेक्षण में हों जैसे दमा, मधुमेह, हृदयरोग, कैन्सर अथवा किडनी रोग वाले मरीजों को ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है, उन्हे यथासम्भव किसी फ्रन्ट-लाइन कार्यों में न लगाया जाए। मॉल, होटल एवं रेस्टोरेन्ट प्रबन्धन द्वारा आईटी से सम्बन्धित कार्यों हेतु यथा-सम्भव घर से कार्य करने की सविधा दी जाए। मॉल होटल एवं रेस्टोरेन्ट के अन्दर एवं बाहरी परिसरों जैसे पार्किंग स्थल आदि पर भीड़ प्रबन्धन करते समय सोशल-डिस्टेंन्सिग का कड़ाई से अनुपालन किया जाए। वैले–पार्किंग, यदि उपलब्ध हो, तो इस हेतु स्टॉफ को फेस-कवर, ग्लव्स आदि के साथ परिचालन करने की व्यवस्था कर लेनी चाहिए। कार, वाहन आदि के स्टियरिंग, दरवाजों के हैंडिल, चाभी आदि को समुचित प्रकार से कीटाणु-रहित कर लिया जाए। मॉल एवं होटल परिसर के अन्दर स्थित किसी भी प्रकार की दुकानों, स्टॉल, कैफेटेरिया इत्यादि पर भी पूरे समय सोशल डिस्टेन्सिंग के मानकों का कड़ाई से अनुपालन करना होगा। मॉल, होटल एवं रेस्टोरेन्ट के अन्दर एवं प्रवेश हेतु लाइनों में पर्याप्त शारीरिक-दूरी बनाये रखने के साथ-साथ सम्पूर्ण परिसर में सोशल डिस्टेन्सिंग का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। होम डिलेवरी करने से पूर्व डिलेवरी स्टॉफ की मॉल, होटल एवं रेस्टोरेन्ट प्रबन्धन द्वारा थर्मल-स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जाएगी। मॉल, होटल एवं रेस्टोरेन्ट में वस्तुओं अथवा सामानों आदि की पूर्ति करते समय आवश्यक सावधानियां बरती जाएँ। मॉल, होटल एवं रेस्टोरेन्ट के अन्दर प्रवेश हेतु लाइनों में यथासम्भव एक-दूसरे से कम से कम 6 फिट की शारीरिक दूरी बनाये रखना आवश्यक होगा। मॉल एवं होटल के अन्दर स्थित दुकानों में शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन करते हुए ग्राहकों की संख्या कम-से-कम रखी जाएगी। स्व-चालित सीढ़ियों के प्रयोग करते समय भी सीढ़ियों पर पर्याप्त सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन किया जाएगा। ऐसे कार्यक्रम आदि जिनमें भीड़ इकट्ठा होने की सम्भावना हो, निषिद्ध रहेंगे। मॉल, होटल एवं रेस्टोरेन्ट परिसर के अन्दर निरन्तर एवं प्रभावी साफ-सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए। पेय जल, वाश-बेसिन एरिया एवं शौचालयों में विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। निरंतर स्पर्श किए जाने वाले प्वाइंट्स (दरवाजे के हैण्डिल, कुन्डी, लिफ्ट के बटन, रेलिंग, बेन्चेस, बाथरूम के फिटिंग्स इत्यादि) सार्वजनिक रुप से उपयोग किए जाने वाले स्थानों एवं दुकानों, लिफ्ट, एस्केलेटर्स आदि का नियमित निःसंक्रमण किया जाना अनिवार्य होगा। फूड-कोर्ट एवं रेस्टोरेन्ट्स में कुल सीटिंग क्षमता के 50 प्रतिशत से अधिक व्यक्तियों को बैठने की अनुमति नहीं होगी। फूड-कोर्ट के स्टॉफ, वेटर्स आदि को मॉस्क और ग्लव्स पहनने के साथ-साथ बचाव के दूसरे तरीकों को भी अपनाना अनिवार्य होगा। ग्राहकों को बैठाने की व्यवस्था सोशल डिस्टेन्सिंग के मानकों के अनुसार होगी। श्री अवस्थी ने बताया कि खाने के आर्डर देने में, भुगतान के समय सम्पर्क-विहीन प्रक्रिया, कैशलेस पेमेंट, ई-वॉलेट आदि अपनायी जाए। ग्राहक के टेबल छोड़ते ही प्रत्येक बार टेबल को सैनिटाइज किया जाएगा। किचेन के अन्दर स्टॉफ द्वारा सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन एवं किचेन–एरिया की नियमित अन्तराल पर सफाई एवं सैनिटाइजेशन किया जाएगा। मॉल, होटल एवं रेस्टोरेन्ट में गेमिंग जोन एवं बच्चों के खेलने के स्थान बन्द रहेंगे। मॉल के अन्दर स्थित सिनेमा हॉल बन्द रहेंगे। होटल के रिसेप्शन पर अतिथियों के पहचान-पत्र के साथ विस्तृत जानकारी और स्व-घोषणा पत्र भी लिया जाए। होटल में अतिथियों के सामान आदि को उनके कमरों में भेजने से पूर्व कीटाणु रहित करना आवश्यक होगा। होटल के अतिथियों को ऐसे क्षेत्र जो कन्टेनमेन्ट जोन में पड़ते हों, में न जाने हेतु सूचित कर दिया जाएं। होटल को अपने स्टॉफ के साथ-साथ अतिथियों को भी उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण जैसे फेस-कवर, फेस–मास्क, ग्लव्स और हैंड-सेनेटाइजर आदि उपलब्ध कराने होंगे। होटल के डाइनिंग के स्थान पर रूम-सर्विस को बढ़ावा दिया जाएगा एवं रूम के दरवाजे पर ही फूड आइटम के पैकेट रख दिए जाएंगे उसे सीधे अतिथि के हाथो में नहीं दिया जाएगा। होटल के अतिथि एवं रूम-सर्विस, इन हाउस स्टॉफ के मध्य सम्पर्क एवं संवाद सोशल डिस्टेन्सिंग रखते हुए इन्टरकॉम, मोबाइल फोन द्वारा ही किया जाएगा। श्री अवस्थी ने बताया कि देश में सबसे अधिक कामगार उत्तर प्रदेश में आये हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण के राज्यों से भी हम अपने कामगारों को प्रदेश में लाने में सफल हुए हैं। प्रदेश में अब तक 1678 ट्रेन के माध्यम से लगभग 22.78 लाख से अधिक कामगार एवं श्रमिक को लाये जाने की व्यवस्था की गई है, इनमें से अब तक 1627 ट्रेन से 21.97 लाख से अधिक लोगों को प्रदेश में लाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में अब तक 276 ट्रेन से 3,54,250 कामगार एवं श्रमिक आये हैं। लखनऊ में 116 ट्रेन के माध्यम से 1,55,599 लोग आए हैं। वाराणसी में 119, आगरा में 12, कानपुर में 17, जौनपुर में 139, बरेली में 12, बलिया में 71, प्रयागराज में 64, रायबरेली में 22, प्रतापगढ़ में 75, अमेठी में 17, मऊ में 49, अयोध्या में 37, गोण्डा में 71, उन्नाव में 28, बस्ती में 88 ट्रेन जबकि आजमगढ़ में 43, कन्नौज में 03, गाजीपुर में 33, बांदा में 21, सुल्तानपुर में 28, बाराबंकी में 12, सोनभद्र में 04, अम्बेडकरनगर में 25, हरदोई में 20, सीतापुर में 13, फतेहपुर में 09, फर्रुखाबाद में 02, कासगंज में 09, चंदौली में 17, इटावा में 01, मानिकपुर (चित्रकूट) में 01, एटा में 01, जालौन में 02, रामपुर में 01, शाहजहांपुर में 01, अलीगढ़ में 06, भदोही में 04, मिर्जापुर में 11, देवरिया में 103, सहारनपुर में 04, चित्रकूट में 03, बलरामपुर में 19, मुजफ्फरनगर में 01, लखीमपुर खीरी में 01, महोबा में 01, झांसी में 05, पीलीभीत में 01, महाराजगंज में 01 एवं कौशांबी में 01 ट्रेन आ चुकी हैं। मुरादाबाद, मेरठ, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, कुशीनगर, हमीरपुर, बहराइच, में भी ट्रेन आ रही हैं। श्री अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में गुजरात से 530 ट्रेन से 7,76,489 लोग, महाराष्ट से 440 ट्रेन से 5,94,349 लोग, पंजाब से 235 ट्रेन से 2,76,523 कामगारों/ श्रमिकों को लेकर प्रदेश में आ चकी हैं। इसके साथ ही तेलंगाना से 23, कर्नाटक से 58, केरल से 20, आन्ध्र प्रदेश से 11, तमिलनाडु से 40, मध्य प्रदेश से 02, राजस्थान से 36, गोवा से 21, दिल्ली से 98, छत्तीसगढ़ से 01, पश्चिम बंगाल से 05, उड़ीसा से 01 ट्रेन, असम से 01 ट्रेन, त्रिपुरा से 01 ट्रेन, हिमाचल प्रदेश से 04 ट्रेन, उत्तराखण्ड से 04, जम्मू-कश्मीर से 02 तथा उत्तर प्रदेश से 91 ट्रेन के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कामगारों/ श्रमिकों को पहुंचाया गया है। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कल अब तक की सबसे अधिक 11,318 सैम्पल की कोरोना जांच की गयी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 75 जनपदों में 3927 कोरोना के मामले एक्टिव हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 5908 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि कल 1131 पूल टेस्ट किये गये, जिसमें से 983 पूल 5-5 सैम्पल के तथा 148 पूल 10-10 सैम्पल के थे। श्री प्रसाद ने बताया कि कोरोना संक्रमित पाये जाने वाले लोगों के घरवालों को (गर्भवती महिला एवं बच्चों को छोड़कर) कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए डॉक्टर के परामर्श पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) की दवा निःशुल्क दी जायेगी। प्रदेश के सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों में समस्त प्रकार की सर्जरी की सुविधा बहाल कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि आशा वर्कर्स द्वारा अब तक 13,19,004 कामगारों और श्रमिकों से उनके घर पर जाकर सम्पर्क किया गया, जिनमें से 1163 लोगों में कोरोना जैसे लक्षण पाये गये हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम एवं मोहल्ला निगरानी समितियों के द्वारा निगरानी का कार्य सक्रियता से किया जा रहा है। अब तक 1,07,678 सर्विलांस टीम द्वारा 83,10,909 घरों के 4.22 करोड़ लोगों का सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 06 मण्डल जहां मेडिकल कॉलेज नहीं है, वहां पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जलाई माह तक लैब की स्थापना करायी जायेगी।


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कोतवाली में मादा बंदर ने जन्मा बच्चा