प्रदेश व पूर्वांचलवासियों को अब यूरिया खाद की उपलब्धता आसान होगी: मुख्यमंत्री

>मुख्यमंत्री ने एचयूआरएल के सीडिंग कार्यक्रम के अन्तर्गत आरसीएफ यूरिया उर्वरक रैक के जनपद गोरखपुर आगमन अवसर पर उ प्र में यूरिया की बिक्री का शुभारम्भ किया।


> 1990 में बन्द होने के 26 वर्ष बाद जुलाई, 2016 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा इसके पुनर्निर्माण की आधारशिला रखी गई।


> कोविड-19 वैश्विक महामारी से जूझने के बावजूद हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड द्वारा निर्माण कार्य को जारी रखा जा रहा है।




उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी 15 जुलाई 2020 को अपने सरकारी आवास 5 कालीदास मार्ग पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के यूरिया विपणन कार्य का शुभारंभ करते हुए।  (फोटो: मुख्यमंत्री सूचना परिसर)


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने केन्द्र व राज्य सरकार की कृषि व किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा है कि प्रदेश व पूर्वांचलवासियों को अब यूरिया खाद की उपलब्धता आसान होगी। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के गोरखपुर संयंत्र में अगले वर्ष उत्पादन आरम्भ होने से, इन क्षेत्रों में किसानों को न सिर्फ यूरिया खाद मिलेगी, बल्कि उन्हें कृषि के सम्बन्ध में जानकारी भी उपलब्ध होगी, जिससे वे जागरूक होंगे। यूरिया के क्षेत्र में देश को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। मुख्यमंत्री योगी 15 जुलाई 2020 को यहां अपने सरकारी आवास पर हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लि0 (एचयूआरएल) के सीडिंग कार्यक्रम के अन्तर्गत आरसीएफ यूरिया उर्वरक रैक के जनपद गोरखपुर आगमन के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने एचयूआरएल द्वारा यूरिया की उत्तर प्रदेश में बिक्री का शुभारम्भ किया। उन्होंने किसानों तथा एचयूआरएल को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम गोरखपुर के एचयूआरएल के खाद कारखाने के लिए महत्वपूर्ण अवसर है। सीडिंग कार्यक्रम के अंतर्गत एचयूआरएल गोरखपुर द्वारा यूरिया का विपणन किया जाएगा। एक वर्ष के भीतर वर्ष 2021 में एचयूआरएल गोरखपुर उर्वरक संयंत्र के प्रारम्भ होने की आशा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इससे उत्पादित यूरिया किसानों को उपलब्ध करायी जाएगी। यूरिया उपलब्ध कराने के साथ-साथ एचयूआरएल किसानों को कई अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगी, जिसमें कृषि सलाह, फसल संरक्षण, मौसम की जानकारी, आधुनिक तकनीक, जैविक खेती, फसल चक्र आदि शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एचयूआरएल द्वारा गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), बरौनी (बिहार) एवं सिंदरी (झारखण्ड) में पूर्व काल की यूरिया उत्पादन की तीन इकाइयों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। गोरखपुर का खाद संयंत्र जून, 1990 में बन्द हो गया था। 26 वर्ष बाद जुलाई, 2016 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा इसके पुनर्निर्माण की आधारशिला रखी गई। पहले यह कारखाना क्षेत्र की पहचान था। इसी प्रकार कई चीनी मिलें भी बन्द हो गयीं और लोगों का पलायन हुआ। विकास, आधुनिक तकनीक, उर्वरक तथा रसायनों, रोजगार, किसानों के हित के लिए उर्वरक कारखानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री जी ने इस आवश्यकता के दृष्टिगत बन्द पड़े खाद कारखानों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रारम्भ कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी से जूझने के बावजूद एचयूआरएल द्वारा निर्माण कार्य को जारी रखा जा रहा है। यह किसानों की मदद तथा सामाजिक प्रतिबद्धताओं को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा परियोजना को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने के लिए हर सम्भव सहयोग दिया जा रहा है। एचयूआरएल के एमडी अरुण कुमार गुप्ता ने कम्पनी के क्रमिक विकास की जानकारी देते हुए कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों में भी सभी सावधानियां बरतते हुए गोरखपुर प्लाण्ट का निर्माण कार्य चल रहा है तथा यह परियोजना समयबद्ध ढंग से पूरी होगी। उन्होंने मुख्यमंत्री जी एवं सभी अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, उ प्र राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था की अध्यक्ष सुश्री रेखा वर्मा, मुख्य सचिव  आर के तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा एचयूआरएल के विपणन प्रमुख गुरु प्रसाद एवं अन्य प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।


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