पीपल का पवित्र पौधा लगाकर वन महोत्सव का शुभारम्भ
01 जुलाई से 07 जुलाई के बीच 30 करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य
04 जुलाई को एक ही दिन 25 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित
पीपल भगवान विष्णु का प्रतिनिधित्व करता है, भगवान बुद्ध को इस वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था, इसलिए यह बोधि वृक्ष भी कहलाया : योगी आदित्यनाथ
> प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रदेश में वृक्षारोपण के लक्ष्य को प्राप्त किया गया : मुख्यमंत्री
> कोरोना महामारी से दिवंगत हुए लोगों की स्मृति में ग्राम पंचायतों में पौधे रोपित किए जाएं : मुख्यमंत्री
> पिछले 04 वर्ष के दौरान जिन पौधों का रोपण किया गया, उसमें से 75 से 90 प्रतिशत पौधे जीवित और पूरी तरह सुरक्षित हैं : मुख्यमंत्री
> गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में गंगा उद्यान लगाने की कार्यवाही की जा रही है : मुख्यमंत्री
> राम वन गमन मार्ग को वृक्षारोपण से आच्छादित करने की कार्यवाही चल रही है : मुख्यमंत्री
वृक्षारोपण महाअभियान बीते 4 वर्षों में -
2017 में 05 करोड़ पौधे रोपित
2018 में 11 करोड़ पौधे रोपित
2019 में 22 करोड़ पौधे रोपित
2020 में 25 करोड़ पौधे रोपित
पीपल भगवान विष्णु का प्रतिनिधित्व करता है, भगवान बुद्ध को इस वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था, इसलिए यह बोधि वृक्ष भी कहलाया : योगी आदित्यनाथ
> प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रदेश में वृक्षारोपण के लक्ष्य को प्राप्त किया गया : मुख्यमंत्री
> कोरोना महामारी से दिवंगत हुए लोगों की स्मृति में ग्राम पंचायतों में पौधे रोपित किए जाएं : मुख्यमंत्री
> पिछले 04 वर्ष के दौरान जिन पौधों का रोपण किया गया, उसमें से 75 से 90 प्रतिशत पौधे जीवित और पूरी तरह सुरक्षित हैं : मुख्यमंत्री
> गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में गंगा उद्यान लगाने की कार्यवाही की जा रही है : मुख्यमंत्री
> राम वन गमन मार्ग को वृक्षारोपण से आच्छादित करने की कार्यवाही चल रही है : मुख्यमंत्री
वृक्षारोपण महाअभियान बीते 4 वर्षों में -
2017 में 05 करोड़ पौधे रोपित
2018 में 11 करोड़ पौधे रोपित
2019 में 22 करोड़ पौधे रोपित
2020 में 25 करोड़ पौधे रोपित
दैनिक कानपुर उजाला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि प्रकृति और पर्यावरण के जितने अधिक सान्निध्य में हम सभी रहते हैं, विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने की उतनी अधिक क्षमता हमारे पास होती है। जब भी हमने प्रकृति के विपरीत आचरण किया और पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया, उसका दुष्परिणाम पूरी जीव सृष्टि को भुगतना पड़ा। प्रकृति और पर्यावरण के समन्वय के महत्व का अनुमान हम वर्तमान में लगा सकते हैं, पूरी दुनिया विगत सवा वर्ष से कोरोना महामारी से जूझ रही है। चूंकि मनुष्य इस जीव सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी माना गया है, वह ही सर्वाधिक इसकी चपेट में भी आया है। मुख्यमंत्री योगी गुरुवार 01 जुलाई को सिटी माॅन्टेसरी स्कूल की गोमती नगर विस्तार शाखा के प्रांगण में पीपल के पौधे को रोपित कर प्रदेश में वन महोत्सव का शुभारम्भ करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वन महोत्सव का कार्यक्रम हमारे लिये केवल वृक्ष लगाने तक ही सीमित नहीं है, अपितु प्रकृति और पर्यावरण के प्रति हमारे दायित्व के निर्वहन का अवसर है। उन्होंने कहा कि पीपल का पवित्र पौधा लगाकर वन महोत्सव का शुभारम्भ किया गया है। पीपल भगवान विष्णु का प्रतिनिधित्व करता है। भगवान बुद्ध को इस वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था, इसलिए यह बोधि वृक्ष भी कहलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है, इसलिए वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार ने प्रतिवर्ष वृक्षारोपण के एक सुनिश्चित अभियान को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। वृक्षारोपण के इस अभियान को पूरा करने के लिए प्रत्येक वर्ष वृहद वृक्षारोपण का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। प्रदेश में सरकार बनने के बाद वर्ष 2017 में 05 करोड़ वृक्षारोपण तथा वर्ष 2018 में 11 करोड़ वृक्षारोपण के लक्ष्य को पूरा किया गया। वर्ष 2019 में राज्य सरकार ने प्रदेश की आबादी के बराबर एक ही दिन में निर्धारित 22 करोड़ वृक्षों के रोपण के लक्ष्य को पूरा किया। विगत वर्ष 2020 में कोरोना महामारी की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद एक दिन में प्रदेश में 25 करोड़ से अधिक वृक्ष लगाये गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 में प्रदेश सरकार ने वन महोत्सव के दौरान 01 जुलाई से 07 जुलाई के बीच 30 करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य रखा है। इस वर्ष 04 जुलाई को एक ही दिन 25 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वन विभाग सहित ग्राम्य विकास, पंचायती राज, लोक निर्माण, शिक्षा आदि प्रदेश शासन के अन्य विभाग अहिर्निश प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सभी से रविवार 04 जुलाई, 2021 को, कोरोना महामारी से बचाव के निर्धारित प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए, वृक्षारोपण महा अभियान के साथ जुड़ने की अपील की। राज्य सरकार 30 करोड़ पौधे निःशुल्क उपलब्ध कराने के लक्ष्य के साथ सभी प्रदेश वासियों को इस वृहद अभियान से जोड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से दिवंगत हुए लोगों की स्मृति में ग्राम पंचायतों में पौधे रोपित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज नेशनल डाॅक्टर्स डे भी है। कोरोना महामारी के दौरान हमारे चिकित्सकों ने जिस प्रतिबद्धता एवं ईमानदारी के साथ मानवता की सेवा की है। वह अपने आप में एक उदाहरण है। इस अवसर पर उन्होंने सभी चिकित्सकों को नेशनल डाॅक्टर्स डे की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं भी दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से प्रदेश में वृक्षारोपण के लक्ष्य को प्राप्त किया गया। पिछले 04 वर्ष के दौरान जिन पौधों का रोपण किया गया, उसमें से 75 से 90 प्रतिशत पौधे जीवित और पूरी तरह सुरक्षित हैं। बहुत अच्छी वाटिकाएं और पेड़ आज वहां उगे हुए दिखायी देते हैं। इससे प्रदेश में वन का आच्छादन बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 100 वर्ष से अधिक आयु के वृक्षों को हेरिटेज वृक्ष के रूप में संरक्षित करने का एक अभियान चलाया जा रहा है। गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में गंगा उद्यान लगाने की कार्यवाही की जा रही है। एक्सप्रेस-वे और हाईवे को इस बार वृक्षारोपण अभियान से जोड़ने जा रहे हैं। राम वन गमन मार्ग को वृक्षारोपण से आच्छादित करने की कार्यवाही चल रही है। उन्होंने कहा कि वृक्षों को लगाने के बाद इनकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए थर्ड पार्टी ऑडिट कराने की व्यवस्था की गई है। वन विभाग को निर्देशित किया गया है कि जितने भी वृक्ष लगाए उसमें 75 से 80 प्रतिशत वृक्षों को जियो टैगिंग से जोड़ें, जिससे पता चल सके कि जिन वृक्षों को लगाया गया है, वह सुरक्षित हैं कि नहीं। उन वृक्षों को टैबलेट या स्मार्ट फोन से भी देख जा सके। मुख्यमंत्री ने सिटी माॅन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम भावी पीढ़ी को ही नहीं अपितु समाज के सभी वर्गों को वृक्षारोपण के महत्व से अवगत कराने में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एम.एस.एम.ई. एवं सूचना नवनीत सहगल, सी.एम.एस. के संस्थापक प्रबन्धक जगदीश गांधी, संस्थापक निदेशक डाॅ. भारती गांधी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि प्रकृति और पर्यावरण के जितने अधिक सान्निध्य में हम सभी रहते हैं, विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने की उतनी अधिक क्षमता हमारे पास होती है। जब भी हमने प्रकृति के विपरीत आचरण किया और पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया, उसका दुष्परिणाम पूरी जीव सृष्टि को भुगतना पड़ा। प्रकृति और पर्यावरण के समन्वय के महत्व का अनुमान हम वर्तमान में लगा सकते हैं, पूरी दुनिया विगत सवा वर्ष से कोरोना महामारी से जूझ रही है। चूंकि मनुष्य इस जीव सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी माना गया है, वह ही सर्वाधिक इसकी चपेट में भी आया है। मुख्यमंत्री योगी गुरुवार 01 जुलाई को सिटी माॅन्टेसरी स्कूल की गोमती नगर विस्तार शाखा के प्रांगण में पीपल के पौधे को रोपित कर प्रदेश में वन महोत्सव का शुभारम्भ करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वन महोत्सव का कार्यक्रम हमारे लिये केवल वृक्ष लगाने तक ही सीमित नहीं है, अपितु प्रकृति और पर्यावरण के प्रति हमारे दायित्व के निर्वहन का अवसर है। उन्होंने कहा कि पीपल का पवित्र पौधा लगाकर वन महोत्सव का शुभारम्भ किया गया है। पीपल भगवान विष्णु का प्रतिनिधित्व करता है। भगवान बुद्ध को इस वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था, इसलिए यह बोधि वृक्ष भी कहलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है, इसलिए वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार ने प्रतिवर्ष वृक्षारोपण के एक सुनिश्चित अभियान को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। वृक्षारोपण के इस अभियान को पूरा करने के लिए प्रत्येक वर्ष वृहद वृक्षारोपण का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। प्रदेश में सरकार बनने के बाद वर्ष 2017 में 05 करोड़ वृक्षारोपण तथा वर्ष 2018 में 11 करोड़ वृक्षारोपण के लक्ष्य को पूरा किया गया। वर्ष 2019 में राज्य सरकार ने प्रदेश की आबादी के बराबर एक ही दिन में निर्धारित 22 करोड़ वृक्षों के रोपण के लक्ष्य को पूरा किया। विगत वर्ष 2020 में कोरोना महामारी की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद एक दिन में प्रदेश में 25 करोड़ से अधिक वृक्ष लगाये गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 में प्रदेश सरकार ने वन महोत्सव के दौरान 01 जुलाई से 07 जुलाई के बीच 30 करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य रखा है। इस वर्ष 04 जुलाई को एक ही दिन 25 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वन विभाग सहित ग्राम्य विकास, पंचायती राज, लोक निर्माण, शिक्षा आदि प्रदेश शासन के अन्य विभाग अहिर्निश प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सभी से रविवार 04 जुलाई, 2021 को, कोरोना महामारी से बचाव के निर्धारित प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए, वृक्षारोपण महा अभियान के साथ जुड़ने की अपील की। राज्य सरकार 30 करोड़ पौधे निःशुल्क उपलब्ध कराने के लक्ष्य के साथ सभी प्रदेश वासियों को इस वृहद अभियान से जोड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से दिवंगत हुए लोगों की स्मृति में ग्राम पंचायतों में पौधे रोपित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज नेशनल डाॅक्टर्स डे भी है। कोरोना महामारी के दौरान हमारे चिकित्सकों ने जिस प्रतिबद्धता एवं ईमानदारी के साथ मानवता की सेवा की है। वह अपने आप में एक उदाहरण है। इस अवसर पर उन्होंने सभी चिकित्सकों को नेशनल डाॅक्टर्स डे की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं भी दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से प्रदेश में वृक्षारोपण के लक्ष्य को प्राप्त किया गया। पिछले 04 वर्ष के दौरान जिन पौधों का रोपण किया गया, उसमें से 75 से 90 प्रतिशत पौधे जीवित और पूरी तरह सुरक्षित हैं। बहुत अच्छी वाटिकाएं और पेड़ आज वहां उगे हुए दिखायी देते हैं। इससे प्रदेश में वन का आच्छादन बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 100 वर्ष से अधिक आयु के वृक्षों को हेरिटेज वृक्ष के रूप में संरक्षित करने का एक अभियान चलाया जा रहा है। गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में गंगा उद्यान लगाने की कार्यवाही की जा रही है। एक्सप्रेस-वे और हाईवे को इस बार वृक्षारोपण अभियान से जोड़ने जा रहे हैं। राम वन गमन मार्ग को वृक्षारोपण से आच्छादित करने की कार्यवाही चल रही है। उन्होंने कहा कि वृक्षों को लगाने के बाद इनकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए थर्ड पार्टी ऑडिट कराने की व्यवस्था की गई है। वन विभाग को निर्देशित किया गया है कि जितने भी वृक्ष लगाए उसमें 75 से 80 प्रतिशत वृक्षों को जियो टैगिंग से जोड़ें, जिससे पता चल सके कि जिन वृक्षों को लगाया गया है, वह सुरक्षित हैं कि नहीं। उन वृक्षों को टैबलेट या स्मार्ट फोन से भी देख जा सके। मुख्यमंत्री ने सिटी माॅन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम भावी पीढ़ी को ही नहीं अपितु समाज के सभी वर्गों को वृक्षारोपण के महत्व से अवगत कराने में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एम.एस.एम.ई. एवं सूचना नवनीत सहगल, सी.एम.एस. के संस्थापक प्रबन्धक जगदीश गांधी, संस्थापक निदेशक डाॅ. भारती गांधी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।