ऐसा पड़ोसी कौन नहीं चाहेगा जहां डेवलप्मेंट को आंकड़ों से नहीं, हैप्पीनेस से नापा जाता है

भूटान नरेशों की बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों का किया है मार्गदर्शन: मोदी



> विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों, पुस्तकालयों, स्वास्थ्य देखभाल और कृषि संस्थानों के बीच सुरक्षित और तेज़ संपर्क प्रदान करेगा नेशनल नॉलेज नेटवर्क ।
> मांगदेछु परियोजना का किया उद्घाटन ।
> भारत से एलपीजी की आपूर्ति 700 से बढ़ाकर 1000 मीट्रिक टन प्रति माह की जा रही है ।
> स्टैंडबाय स्वैप व्यवस्था के तहत अतिरिक्त 100 मिलियन डॉलर भूटान को होंगे उपलब्ध ।
> साउथ एशिया सैटेलाइट के अर्थ स्टेशन का उद्घाटन ।
> भूटान में रुपे  कार्ड को किया लॉन्च ।
> नालंदा विश्वविद्यालय में भूटान के लिए पोस्ट ग्रेजुएट स्कॉलरशिप्स को दो से बढ़ाकर किया जा रहा है पांच ।



प्रधानमंत्री द्वारा भूटान के रॉयल यूनिवर्सिटी, थिम्पू में दिये गये संबोधन का मूल पाठ ।
 
भूटान के प्रधानमंत्री डॉ लोटे टीशरिंग, भूटान के नेशनल असेंबली और राष्ट्रीय परिषद के माननीय सदस्यए,भूटान के रॉयल यूनिवर्सिटी के विशिष्ट कुलपति और संकाय सदस्य, मेरे युवा मित्रों, कूजो झंगपो ला। नमस्कार। आज सुबह आप सभी के साथ होना मेरे लिए एक अद्भुत अनुभूति है। मित्रों, भूटान की यात्रा करने वाला कोई भी व्यक्ति इसके प्राकृतिक सौंदर्य से उतना ही प्रभावित होता है जितना कि यहां लोगों की गर्मजोशी, करुणा और सादगी की भावना से। शनिवार को मैं सूमोखा दज़ोंग में था, जो भूटान के अतीत की समृद्धि और आध्यात्मिक विरासत की महानता का सबसे प्रमुख उदाहरण था। इस यात्रा के दौरान, मुझे भूटान के वर्तमान नेतृत्व के साथ घनिष्ठता के साथ परस्पर बातचीत करने का अवसर मिला। मुझे एक बार फिर से भारत -भूटान संबंध, जिसे उनके करीबी और व्यक्तिगत ध्यान से हमेशा लाभ हुआ है, के लिए उनका मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। अब, मैं यहां भूटान के भविष्य के साथ हूं। मैं उनकी गतिशीलता देख सकता हूं, और उनकी ऊर्जा को महसूस कर सकता हूं। मुझे विश्वास है कि ये इस महान राष्ट्र और इसके नागरिकों के भविष्य को आकार देंगे। चाहे मैं भूटान के धागे - गहरी आध्यात्मिकता और युवा शक्ति के धागे हैं। ये हमारे द्विपक्षीय संबंधों की ताकत भी हैं। मित्रों, भारत सौभाग्यशाली है कि उसकी भूमि पर राजकुमार सिद्धार्थ गौतम बुद्ध बने। और जहां से उनके आध्यात्मिक संदेश का प्रकाश, बौद्ध धर्म का प्रकाश, पूरी दुनिया में फैला। संन्यासियों, आध्यात्मिक, गुरूओं, विद्वानों और साधकों की पीढ़ियों ने भूटान में उस ज्योति को प्रज्ज्वलित किया है। उन्होंने भारत और भूटान के बीच विशेष बंधन का भी पोषण किया है। इसके परिणामस्वरूप, हमारे साझा मूल्यों ने एक आम विश्व-दृष्टिकोण को आकार दिया है। यह वाराणसी और बोधगया में दृष्टिगोचर होता है और डीजोंग और चोर्टेन में भी। दुनिया के कोई भी अन्य दो देश अपने लोगों के लिए समृद्धि लाने में ऐसे स्वाभाविक भागीदार नहीं हैं।



मित्रों, आज, भारत कई सारे क्षेत्रों में ऐतिहासिक परिवर्तन का गवाह बन रहा है। भारत पहले से कहीं ज्यादा तेजी से गरीबी को खत्म कर रहा है। पिछले पांच वर्षों में बुनियादी ढांचे के निर्माण की गति दोगुनी हो गई है। हमने अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के लिए लगभग 15 बिलियन डॉलर का संकल्प किया है। भारत दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम, आयुष्मान भारत का स्थान है जो 500 मिलियन भारतीयों को स्वास्थ्य आश्वासन देता है। भारत दुनिया की सबसे सस्ती डेटा कनेक्टिविटी वाले देशों में है, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को सशक्त बना रही है। भारत दुनिया के सबसे बड़े स्टार्ट-अप इको.सिस्टम का भी स्थान है। यह वास्तव में भारत में नवोन्मेषण का बहुत अनुकूल समय है। ऐसे और कई अन्य रूपांतरणों के मूल में भारत के युवाओं के सपने और आकांक्षाएं हैं। मित्रों, आज मैं भूटान के सर्वश्रेष्ठ और प्रतिभाशाली युवाओं के बीच उपस्थित हूं। महामहिम ने कल मुझे बताया कि वह आपसे नियमित रूप से परस्पर बातचीत करते हैं और उन्होंने पिछले  दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था। आप सभी लोगों के बीच से ही भूटान के भावी नेता, नवप्रवर्तक, व्यावसायिक व्यक्ति, खिलाड़ी, कलाकार और वैज्ञानिक निकलकर सामने आएंगे। कुछ दिन पहले, मेरे अच्छे मित्र, प्रधानमंत्री डॉक्टर टीशरिंग ने एक फेसबुक पोस्ट लिखा जो मेरे दिल को छू गया। उस पोस्ट में उन्होंने एग्जाम वॉरियर्स का उल्लेख कियाए और अभी-अभी एक छात्र ने भी उस पुस्तक का उल्लेख किया। बिना तनाव के परीक्षा का सामना कैसे किया जाए, इस पर मैंने एक पुस्तक एग्जाम वॉरियर्स लिखी थी। हर कोई स्कूल और कॉलेजों में परीक्षा का सामना करता है और जीवन से संबंधित बड़ी कक्षा में भी इस परीक्षा का सामना करता है। क्या मैं आपको कुछ बताऊँ? मैंने एग्जाम वारियर्स में जो कुछ लिखा है, वह भगवान बुद्ध के उपदेशों से प्रभावित है। विशेष रूप सेए सकारात्मकता का महत्वए भय से मुक्ति और एकात्मकता में रहना, चाहे यह वर्तमान क्षण के साथ हो या माँ प्रकृति के साथ। आप इस महान भूमि में पैदा हुए हैं। इसलिएए ये गुण आप में स्वाभाविक रूप से आ जाते हैं और आपके व्यक्तित्व को आकार देते हैं। जब मैं छोटा थाए तो इन गुणों की खोज मुझे हिमालय तक ले गई। इस धन्य धरा के पुत्रों के रूप मेंए मुझे विश्वास है कि आप हमारी दुनिया की समस्याओं का समाधान खोजने में योगदान करेंगे। मित्रों, पन-बिजली और ऊर्जा में भारत-भूटान का सहयोग अनुकरणीय है। इस यात्रा के परिणामों में यह भावना स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। सहयोग के पारंपरिक क्षेत्रों से परे जाकर, हम नए मोर्चे पर स्कूलों से लेकर अंतरिक्ष तक, डिजिटल भुगतानों से लेकर आपदा प्रबंधन तक बड़े पैमाने पर सहयोग करना चाहते हैं। इन सभी क्षेत्रों में हमारे सहयोग का आपके जैसे युवा मित्रों पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ेगा। मैं आपको कुछ उदाहरण देता हूं। आज के युग में, सीमा पार के विद्वानों और शिक्षाविदों से जुड़ना महत्वपूर्ण है, जिससे कि हमारे छात्रों की रचनात्मकता और प्रतिभा उन्हें दुनिया में सर्वश्रेष्ठ लोगों के समकक्ष बनाए। भारत के राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क और भूटान के ड्रुक्ररेन के बीच सहयोगए जो कल एक वास्तविकता बन गयाए इस उद्देश्य को पूरा करेगा। यह हमारे विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों, पुस्तकालयों, स्वास्थ्य देखभाल और कृषि संस्थानों के बीच सुरक्षित और तेज़ संपर्क प्रदान करेगा। मैं आप सभी से इस सुविधा का पूरा उपयोग करने का आग्रह करता हूं। मित्रों, अंतरिक्ष की सीमाएं एक अन्य उदाहरण है इस समय, भारत का दूसरा मून मिशन, चंद्रयान - 2 चंद्रमा के रास्ते पर है। 2022 तक, हम एक भारतीय अंतरिक्ष-यान पर, अंतरिक्ष में एक भारतीय को भेजने का इरादा रखते हैं। ये सभी भारत की अपनी उपलब्धियों के परिणाम हैं। हमारे लिए, अंतरिक्ष कार्यक्रम केवल राष्ट्रीय गौरव का विषय नहीं है। यह राष्ट्रीय विकास और वैश्विक सहयोग का एक महत्वपूर्ण साधन है। मित्रों, कल, प्रधानमंत्री टीशरिंग और मैंने दक्षिण एशिया उपग्रह के थिम्पू ग्राउंड स्टेशन का उद्घाटन किया और अपने अंतरिक्ष सहयोग का विस्तार किया। उपग्रहों के माध्यम सेए टेली-मेडिसिन, दूरस्थ शिक्षा, संसाधन मानचित्रण, मौसम संबंधी पूर्वानुमान और यहां तक कि प्राकृतिक आपदाओं की चेतावनी भी दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच जाएगी। यह और प्रसन्नता की बात है कि भूटान के अपने खुद के छोटे उपग्रह को डिजाइन करने और लॉन्च करने के लिए युवा भूटानी वैज्ञानिक भारत की यात्रा करेंगे। मुझे उम्मीद है कि किसी दिन जल्द ही, आप में से कई वैज्ञानिक, इंजीनियर और नवोन्मेषक होंगे। 



17 अगस्त, 2019 को भूटान में दक्षिण एशिया उपग्रह के उपयोग के लिए प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री, डॉ लोटे त्सरिंग ने संयुक्त रूप से ग्राउंड अर्थ स्टेशन और सेटकॉम नेटवर्क का उद्घाटन किया।


मित्रों, सदियों से, शिक्षा और अध्ययन भारत और भूटान के बीच संबंधों के केंद्र रहे हैं। प्राचीन काल में, बौद्ध शिक्षकों और विद्वानों ने हमारे लोगों के बीच अध्ययन के सेतु का निर्माण किया था। यह एक अमूल्य विरासत है, जिसे हम संरक्षित करना और बढ़ावा देना चाहते हैं। इसलिएए हम भूटान से नालंदा विश्वविद्यालय, जो अध्ययन और बौद्ध परंपराओं का एक ऐतिहासिक वैश्विक स्थान है, जिसका उसी स्थान पर जीर्णोद्वार किया गया है, जहां यह पंद्रह सौ साल पहले अस्तित्व में था - जैसे संस्थानों में भूटान के बौद्ध धर्म के अधिक छात्रों का स्वागत करते हैं। हमारे बीच अध्ययन का बंधन उतना ही आधुनिक है जितना कि प्राचीन। 20 वीं शताब्दी में, कई भारतीय गुरूओं के रूप में भूटान आए। पुरानी पीढ़ी के अधिकांश भूटानी नागरिकों की शिक्षा के दौरान उनके कम से कम एक भारतीय शिक्षक होते थे। उनमें से कुछ को महामहिम ने पिछले साल सम्मानित किया था। और हम इस उदार और दयापूर्ण भावभंगिमा के लिए कृतज्ञ हैं। मैं प्रसन्न हूं कि कल हमने भारत के प्रमुख आईआईटी और इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के बीच संबंधों के नए अध्याय शुरू किए हैं। हम आशा करते हैं कि इससे अधिक सहयोगी शिक्षण और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। मित्रोंए स्वामी विवेकानंद ने कहा था, हर देश के पास देने के लिए एक संदेश होता है, पूरा करने के लिए एक मिशन होता है, पहुँचने के लिए एक नियति होती है। मानवता के लिए भूटान का संदेश प्रसन्नता है। प्रसन्नता जो सद्भाव से उत्पन्न होती है। दुनिया बहुत अधिक प्रसन्नता के साथ बहुत कुछ कर सकती है। प्रसन्नता जो विचारहीन घृणा पर हावी होगी। अगर लोग खुश हैं, तो सद्भाव होगा, जहां सद्भाव है, वहां शांति होगी। और यह शांति है जो समाजों को सतत विकास के माध्यम से प्रगति हासिल करने में मदद करेगी। ऐसे समय में जहां विकास को अक्सर परंपराओं और पर्यावरण के साथ संघर्ष में उलझते देखा जाता है दुनिया को भूटान से बहुत कुछ सीखना है। यहां, विकास, पर्यावरण और संस्कृति आपस में विरोधी  नहीं हैं बल्कि उनका आपस में तालमेल हैं। हमारे युवाओं की रचनात्मकता, ऊर्जा और प्रतिबद्धता के साथ, हमारे राष्ट्र एक संधारणीय भविष्य के लिए आवश्यक सभी कुछ हासिल कर सकते हैं - चाहे वह जल संरक्षण हो या टिकाऊ कृषि या हमारे समाजों को एकल-उपयोग प्लास्टिक से मुक्त करना। मित्रों, भूटान की अपनी पिछली यात्रा के दौरान, मुझे लोकतंत्र के मंदिर, भूटान की संसद का दौरा करने का सौभाग्य मिला। आज, मुझे शिक्षा के इस मंदिर में जाने का सम्मान प्राप्त हुआ है। आज,  श्रोताओं में भूटान की संसद के माननीय सदस्य भी उपस्थित हैं। मैं विशेष रूप से उनकी विशिष्ट उपस्थिति के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं। लोकतंत्र और शिक्षा दोनों का उद्देश्य हमें मुक्ति प्रदान करना है। एक दूसरे के बिना कुछ भी पूरा नहीं हो सकता है। और दोनों हमें अपनी पूरी क्षमता को हासिल करने में मदद करते हैं, और हम सर्वश्रेष्ठ बन सकते हैं। अध्ययन का यह केन्द्र एक बार फिर से हमारी अनुसंधान की भावना को मुक्त करेगी और हमारे भीतर के छात्र को जीवित रखेगी। जैसा कि भूटान अपने इन प्रयासों में श्रेष्ठता हासिल कर रहा है, आपके 1.3 बिलियन भारतीय मित्र आपको केवल गौरव और प्रसन्नता के साथ ही नहीं देखेंगे, बल्कि इसके साथ-साथ वे आपको भागीदार भी बनाएंगे, आपसे इन्हें साझा करेंगे और आपसे सीखेंगे। इन शब्दों के साथए मैं भूटान के रॉयल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति महामहिम राजा और यूनिवर्सिटी के कुलपति, और आप सभी - मेरे युवा मित्रों को धन्यवाद देना चाहूंगा। आप सभी ने मुझे अपने निमंत्रण से सम्मानित किया है और मुझे इतना समय, ध्यान और इतना अधिक स्नेह दिया है। मैं आप सभी से ढेर सारी प्रसन्नता और सकारात्मक ऊर्जा लेकर वापस जाता हूं।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद।



भूटान की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री का प्रेस वक्तव्य



भारत के अभिन्न और विशेष मित्र भूटान में आप सबके बीच उपस्थित होकर मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है । मेरे डेलीगेशन के और मेरे गर्मजोशी भरे स्वागत-सत्कार के लिए, प्रधानमन्त्री जी, मैं आपका और भूटान की रॉयल गवर्नमेंट का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ । साथियों, हाइड्रो-पावर हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग का महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है। दोनों देशों ने मिलकर भूटान की नदियों की शक्ति को बिजली में ही नहीं, पारस्परिक समृद्धि में भी बदला है । शनिवार को हमने मांगदेछु परियोजना के उद्घाटन के साथ इस यात्रा का एक और ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है। दोनों देशों के सहयोग से भूटान में हाइड्रो-पावर उत्पादन क्षमता 2000 मेगावाट को पार कर गयी है। मुझे विश्वास है कि हम अन्य परियोजनाओं को भी तेज़ी से आगे ले जायेंगे । 



प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री, डॉ लोटे त्सरिंग संयुक्त रूप से, भूटान में भारत-भूटान जल विद्युत सहयोग के पाँच दशक का जश्न मनाते हुए, डाक टिकट जारी करते हैं ।



प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री, डॉ लोटे त्सरिंग ने संयुक्त रूप से 17 अगस्तए 2019 को भूटान में मंगदेचु जल विद्युत परियोजना का उद्घाटन किया ।


भूटान के सामान्य लोगों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत से एलपीजी की आपूर्ति 700 से बढ़ाकर 1000 मीट्रिक टन प्रति माह की जा रही है। इससे क्लीन फ्यूल गाँवों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी । साथियों, डाक्टर छेरिंग ने हमारी पहली मुलाक़ात में मुझे बताया था कि राजनीति में आने के लिये उनकी प्रमुख प्रेरणा सामान्य मानव को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कराने की रही है। मैं उनके अपेपवद से बहुत प्रभावित हुआ । भूटान में बहु उद्देशीय सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के उनके सपने को साकार करने में भारत हर संभव सहयोग करेगा।सार्क करेंसी स्वैप फ्रेमवर्क के तहत भूटान के लिए करेंसी स्वैप की लिमिट बढ़ाने के लिए हमारा नज़ारिया पॉजिटिव है। इस बीचए विदेशी मुद्रा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए स्टैंडबाय स्वैप व्यवस्था के तहत अतिरिक्त 100 मिलियन डॉलर भूटान को उपलब्ध होंगे। साथियों, स्पेस टेक्नोलॉजी के उपयोग से भूटान के विकास में तेजी लाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है। हमने शनिवार को साउथ एशिया सैटेलाइट के अर्थ स्टेशन का उद्घाटन किया है। यह भूटान में कम्युनिकेशन, पब्लिक ब्राडकास्टिंग और डिजास्टर मैनेजमेंट के कवरेज को बढ़ाएगा । इन उद्देश्यों के लिए भूटान की ज़रुरत के अनुसार एक्स्ट्रा बैंडविड्थ और ट्रांसपोंडर भी उपलब्ध कराया जायेगा । दोनों देश छोटे उपग्रह के निर्माण और स्पेस टेक्नोलॉजी के प्रयोगों में भी सहयोग करेंगे । भारत के नेशनल नॉलेज नेटवर्क के साथ कनेक्शन भूटान के छात्रों और शोधकर्ताओं को भारतीय विश्वविद्यालयों के नए साधनों से जोड़ेगा। यह दोनों देशों के बीच साझा नॉलेज सोसाइटी की स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो विशेष रूप से हमारे युवाओं को लाभान्वित करेगा । रॉयल भूटान यूनिवर्सिटी और भारत के आईआईटी  और कुछ अन्य टॉप शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग और संबंधए शिक्षा और टेक्नोलॉजी के लिए आज की आवश्यकताओं के अनुरूप हैं । कल रॉयल भूटान यूनिवर्सिटी में इस देश के प्रतिभाशाली युवाओं से मुलाक़ात की मैं उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा हूँ । साथियों, मुझे बहुत खुशी है कि आज हमने भूटान में रुपे  कार्ड को लॉन्च किया है। इससे डिजिटल भुगतान, और व्यापार तथा पर्यटन में हमारे संबंध और बढेंगे। नालंदा विश्वविद्यालय में भूटान के लिए पोस्ट ग्रेजुएट स्कॉलरशिप्स को दो से बढ़ाकर पांच किया जा रहा है मैंने आज यहां शब-डूरूंग का आशीर्वाद प्राप्त किया है। मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि इस विलक्षण प्रतिमा की भूटान में मौजूदगी पाँच साल और बढ़ाने के लिए भारत सहमत है । भारत-भूटान संबंधों का इतिहास जितना गौरवशाली है, उतना ही आशाजनक भविष्य भी है। मुझे विश्वास है कि भारत और भूटान दुनिया में दो देशों के बीच संबंधों का एक अनूठा मॉडल रहेंगे । इस सुन्दर ड्रुक यूल में दोबारा आने का अवसर देने के लिए, आपके स्वागत.सत्कार और प्यार के लिए एक बार फिर बहुत.बहुत धन्यवाद । 



प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भूटान के सिम्टोखा दज़ोंग में एक पौधा लगाया ।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 17 अगस्त, 2019 को भूटान में, सिम्तोखा दोज़ोंग में भिक्षुओं से मिलते हैं। भूटान के प्रधान मंत्री, डॉ लोटे तशेरिंग को भी देखा जाता है ।



भूटान के प्रधानमंत्री, डॉ लोटे तशेरिंग, द्वारा आयोजित भोज में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ।



प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 18 अगस्त, 2019 को भूटान के थिम्पू में राष्ट्रीय स्मारक चोर्टेन का दौरा किया ।


 


Popular posts from this blog

उ0प्र0 सरकारी सेवक (पदोन्नति द्वारा भर्ती के लिए मानदण्ड) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2019 के प्रख्यापन को मंजूरी

उ प्र सहकारी संग्रह निधि और अमीन तथा अन्य कर्मचारी सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2020 प्रख्यापित

कोतवाली में मादा बंदर ने जन्मा बच्चा