बंदूक के बल पर झुकाने में वामपंथी उग्रवाद को कभी सफलता नहीं मिलेगी: अमित शाह
> वामपंथी उग्रवाद को निर्मूल करने में केंद्र सरकार करेगी पूरा सहयोग ।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने 26 अगस्त, 2019 को नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सुरक्षा मुद्दों पर समीक्षा बैठक के दौरान एक ग्रुप फोटोग्राफ खींची।
नई दिल्ली - केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज यहाँ वामपंथी उग्रवाद पर केंद्र सरकार के कई मंत्रियों, प्रभावित राज्य के मुख्य मंत्रियों, मुख्य सचिवों तथा केंद्र व राज्यों के आला अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि वामपंथी उग्रवाद पिछले कुछ दशकों से देश के सामने बड़ी चुनौती है। उनका कहना था कि वामपंथी उग्रवाद लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं करता और वामपंथी उग्रवादी सत्ता हथियाने एवं अपने लाभ के लिए सबसे कम विकसित क्षेत्रों में निर्दोष लोगों को गुमराह करते हैं। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जिस नए भारत के निर्माण की बात करते हैं उसमें वामपंथी उग्रवाद की कोई जगह नहीं है। उनका कहना था कि बंदूक के बल पर विकास और लोकतंत्र को झकाने में वामपंथी उग्रवाद को कभी सफलता नहीं मिलेगी। अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद में पहले से काफी गिरावट आई हैउनका कहना था कि जहाँ 2009 में वामपंथी उग्रवाद की 2258 घटनायें हुईं वहीं 2018 में घटकर 833 हुई हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल केवल 60 जिलों में वामपंथी उग्रवाद की घटना नोट की गई है और इस कमी में राज्य सरकार, राज्य के सुरक्षा बल तथा केंद्रीय बलों के संयुक्त प्रयासों से सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि हमें समन्वय के साथ काम करना होगा तभी वामपंथी उग्रवाद को निर्मूल किया जा सकता हैश्री शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने के लिए उन्हे उपलब्ध होने वाले धन को रोकना आधारभूत मंत्र है और इसके द्वारा उनके रहने, खाने-पीने, घूमने, हथियारों की खरीद, ट्रेनिंग आदि व्यवस्थाओं को रोका जा सकता है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मेरा यह मानना है कि वामपंथी उग्रवाद की घटनाएँ निरंतर कम हो रही हैं इसे खत्म करने का प्रयास उसी तरह से जारी रहना चाहिये। अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए वर्ष 2015 में एक राष्टीय नीति और कार्य योजना बनाई गई थी इसमें सुरक्षा से संबंधित उपायों के साथ-साथ विकास के कार्यों, स्थानीय समदायों के अधिकारों और हकधारियों को सुनिश्चित करना इत्यादि शामिल है। उनका कहना था कि 2015 की राष्ट्रीय नीति के अंतर्गत स्थानीय नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि पुलिस बलों का आधुनिकीकरण भी किया जा रहा है। श्री शाह का कहना था कि उग्रवाद प्रभावित राज्यों में स्थानीय पुलिस की सतर्कता और दक्षता के बिना वामपंथी उग्रवाद समाप्त नहीं किया जा सकता इसलिये उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। श्री शाह ने विशेष रूप से कहा कि केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न मंत्रालयों की प्रमुख योजनाओं के अलावा वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशिष्ट पहल की गई हैं जिनमें प्रमुख तौर पर सड़क एवं टेलीकॉम कनेक्टिविटी में सुधार, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास तथा शिक्षा शामिल है। उन्होंने एकलव्य मॉडल के अंतर्गत खोले जाने वाले स्कूलों की गति तेज करने, साथ ही सभी नागरिकों को 5 किलोमीटर के भीतर बैंकिंग सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की बात कही। केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य सरकारों को विश्वास दिलाया की वामपंथी उग्रवाद को निर्मूल करने में केंद्र सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों को माओवादियों से निपटने के लिये सक्रिय रणनीति बनाने का समय आ गया है और आतंक की घटनाओं को हर कीमत पर टालना जरूरी है। श्री शाह का कहना था कि विगत वर्षों में आईडी की घटनाओं से काफी नुकसान हुआ है जिन्हें रोकने के लिए सभी उपायों को लागू करना होगा। श्री शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के अंतर्गत जो निर्दोष फंसे हैं उन्हें उग्रवाद की धारा से मुख्यधारा में वापस लाना जरूरी है और उनके आत्मसमर्पण को बढ़ावा देना चाहिये। उनका कहना था कि इस प्रकार हम सबको मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नये भारत की परिकल्पना को साकार करना है। बैठक के अंत में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार एक तय समय सीमा में वामपंथी उग्रवाद के समूल निवारण तथा क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिये कृत संकल्प है। बैठक में केन्द्र सरकार के वित्त, सड़क परिवहन और राजमार्ग, कृषि, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कौशल विकास और उद्यमिता, जनजातीय मामले, गृह राज्य मंत्री, के साथ आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
राज्य में नक्सली गतिविधियां पूरी तरह नियंत्रण में: मुख्यमंत्री योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ऐसे स्रोत बिंदुओं पर कड़ी नज़र रखे हुए है, जहां से नक्सलियों के लिए धन की उगाही की संभावना बन सकती है। ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित कर कार्यवाई की जा रही है। नक्सल व उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में पीएसी, सीआरपीएफ व जनपदीय पुलिस द्वारा कॉम्बिंग, सचिंग व पेट्रोलिंग आदि की कार्यवाई की जाती है। इसी क्रम में आवश्यकता पड़ने पर एटीएस व आतंकवाद निरोधी दस्ते द्वारा भी कार्यवाई की जाती है। मध्यप्रदेश से सटे मीरजापुर, बिहार, मध्यप्रदेश, झारखण्ड और छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे सोनभद्र और बिहार की सीमा से सटे चंदौली में पीएसी, सीआरपीएफ और जनपद पुलिस अपना काम मुस्तैदी से कर रही है। विकास कार्यों की गति तेज़ी से आगे बढ़ाई जा रही है। सोनभद्र के पीपर खाड़ में 480 छात्रों की क्षमता वाला एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन है। सोनभद्र में कौशल विकास के लिए भवन का निर्माण भी पूरा किया जा चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में उग्रवाद प्रभावित राज्यों की समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य में नक्सली गतिविधियां पूरी तरह नियंत्रण में हैं और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी विकास का पहिया घूम रहा हैआईटीआई के मुख्य भवन का कार्य पूरा किया जा चुका है व प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हालांकि, अभी छात्रावास के भवन का निर्माण प्रारम्भ होना है।