कोई भी राज्य सरकार फ्लोर वेज के नीचे न्यूनतम मजदूरी की दर नहीं करेगी तय

> एक रजिस्ट्रेशन एक लाइसेंस और एक रिटर्न का सरल प्रावधान होगा जिससे इण्डस्ट्री को काफी सहुलियत होगी।


> राज्य सरकारों से भी अपील करूंगा कि वे सिक्योरिटी गार्ड्स को केन्द्र की ही भांति स्किल्ड श्रेणी में रखें


> लेबर इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी अब एक फैसिलिटेटर की भी होगी, इंस्पेक्टर रिपोर्ट इंस्पेक्शन करेगा तथा 48 घंटे में इंस्पेक्शन रिपोर्ट वेबसाइट पर डालेगा



नई दिल्ली - उद्योग जगत और मीडिया से आये हुए मित्रों एवं उपस्थित अन्य माननीय जन प्रतिनिधि, अधिकारीगण तथा यहां पर उपस्थित देवियों व सज्जनों, नमस्कार। एक प्रभावशाली, कर्मठ और ईमानदार “चौकीदार" का महत्व और उपयोगिता क्या है, यह आप सभी ने अब स्वीकार कर लिया होगा। एक जिम्मेदार चौकीदार देश, राज्य, संस्था और यहां तक कि परिवार की सुरहत और समृद्धि के लिए अत्यन्त आवश्यक है। इस महत्व को समझते हुए आज फिक्की द्वारा आयोजित “प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री कॉन्क्लेव" 2019 में आप सभी के सामने अपनी बात रखते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री देश में 5 सबसे अधिक रोजगार देने वाले हेमों में से एक है। इसकी विशेषता खास कर के यह है कि इस हेम में प्रमुख रुप से ग्रामीण हेम और समाज के आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लोगों को रोजगार मिलता है। मुझे यह बताया गया है कि प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री के हेल्न में लगभग 50 लाख से अधिक सुरहत कर्मचारी कार्यरत हैं। जिस प्रकार हमारी देश की सैन्य शक्ति सीमा पर सशक्त और चौकन्ने चौकीदार की भांति हमारी रहत कर रही है। उसी प्रकार से प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री में काम कर रहे श्रमिक हमारे संस्थानों जैसे फैक्ट्री, दुकानें, कार्यालयों, बैंक इत्यादि की सुरहूत के लिए जिम्मेदार हैं। मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री में बहुत से अनौपचारिक श्रमिकों को औपचारिक रुप से लगाया गया है। इनमें काम कर रहे सिक्योरिटी गार्ड्स को प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना तथा सबसे महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के माध्यम से इस हेन में फोर्मली लगाया गया। प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के कारण जिसमें 3 साल के लिए एम्प्लॉयर का कंट्रीब्यूशन केन्द्र सरकार देती थी, सिक्योरिटी गार्ड्स को प्रोविडेंट फण्ड का लाभ मिला है। इसके अलावा प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री में रिकग्निशन ऑफ़ प्रायर लर्निंग और नए लोगों के प्रशिहला के माध्यम से कौशल विकास में भी योगदान दिया है। RPL(पूर्व शिक्षा की मान्यता) के तहत 9 लाख से अधिक सिक्योरिटी गार्ड्स को प्रमाण-पत्र प्राप्त हुए हैं। श्रम और रोजगार मंत्रालय में 2014 से ही श्रम कानूनों में बदलाव करने का प्रयास शुरु कर दिया था तथा 50 साल से अधिक पुराने श्रम कानूनों को 4 लेबर कोड्स में संहिताबद्ध करने का काम चल रहा है। इसी क्रम में कोड ऑन वेजेस को संसद ने 2 अगस्त, 2019 को पास कर दिया है। इस कोड के पास होने के साथ ही साथ हमने सभी 50 करोड़ मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी का कानूनी अधिकार दे दिया है। मैं यहां पर कहना चाहूंगा कि यह कानूनी हक सभी संगठित तथा असंगठित मजदूरों को एक समान रुप से दिया गया है। इसका अर्थ यह है कि सिक्योरिटी गार्ड्स को भी वेज कोड्स के तहत न्यूनतम मजदूरी दर और समय पर वेतन मिलने का कानूनी अधिकार प्राप्त हो गया है। यह देखने में आया है कि न्यूनतम मजदूरी दर कानून होने के बाद भी राज्यों में न्यूनतम मजदूरी दरों में बहुत विषमता रही है। सिक्योरिटी गार्ड का ही उदाहरण लें तो कहीं पर इनकी न्यूनतम मजदूरी की दर 13 हजार रुपए मासिक तय की गयी है और किसी प्रदेश में 5 हजार रुपए प्रति माह भी तय की गयी है। इन विषमताओं को दूर करने के लिए हमने वेज कोड में नेशनल मिनिमम फ्लोर वेज का प्रावधान किया है और कोई भी राज्य सरकार इस फ्लोर वेज के नीचे न्यूनतम मजदूरी की दर तय नहीं करेगी। मुझे आशा है कि इस कदम से न्यूनतम मजदूरी दर का अलग-अलग राज्यों में जो अन्तर है वह काफी हद तक कम होगा। इसके अलावा श्रमिकों की सुरत और काम करने की परिस्थितियों से संबंधित ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ और वर्किंग कंडीशन कोड को भी लोकसभा में 23 जुलाई, 2019 को पेश कर दिया गया है। यह कोड सुनिश्चित करेगा की हमारे श्रमिकों को काम करने की जगह पर आवश्यक सहुलियतें मिलें और ऐसा वातावरण दिया जाये, जिससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि हो। इसके साथ साथ मैं आप सभी को यह भी बताना चाहूंगा कि लेबर कोड के माध्यम से कंप्लायंस और इम्प्लीमेंटेशन बहुत ही सरल हो जाएगा। मल्टीप्ल लाइसेंस, मल्टीप्ल रजिस्ट्रेशन और मल्टीप्ल रिटर्न्स की जगह एक रजिस्ट्रेशन एक लाइसेंस और एक रिटर्न का सरल प्रावधान होगा जिससे इण्डस्ट्री को काफी सहुलियत होगी तथा उनके समय और संसाधनों की भी बचत होगी। हमने सभी को सामाजिक सुरहूत के दायरे में लाने के लिए एक सरल और अनूठी स्कीम लॉन्च की है जो है प्रधानमत्री श्रम योगी मान धन योजना। इस योजना के तहत बहुत कम योगदान जैसे 55 रुपए से लेकर 200 रुपए तक का मासिक योगदान करने पर उतनी ही राशि केन्द्र सरकार द्वारा दी जाती है तथा 60 साल की उम्र के बाद श्रमिक को 3 हजार रुपए प्रतिमाह की पेंशन मिलेगीयह योजना खासकर उन श्रमिकों के लिए है, जिनका वेतन 15 हजार रुपए प्रतिमाह तक है। मैं आप सभी नियोक्ताओं से यह अपील करता हूं कि आप अपने सिक्योरिटी गार्ड्स के लिए इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। मुझे यह जानकर बहुत संतोष हुआ कि प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री के लिए अलग से एक प्राइवेट सिक्योरिटी एक्ट 2005 में आया था। इसके अलावा, केन्द्र में श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 2017 में सिक्योरिटी गार्ड्स को स्किल्ड वर्कर्स की श्रेणी में रखा, जिससे इनकी न्यूनतम मजदूरी दर में बढ़ोत्तरी हुई है। मैं राज्य सरकारों से भी अपील करूंगा कि वे सिक्योरिटी गार्ड्स को केन्द्र की ही भांति स्किल्ड श्रेणी में रखें, जिससे उन्हें स्किल ट्रेनिंग करने के लिए प्रोत्साहन मिले। मैं, आप सभी को आश्वस्त करना चाहूंगा कि हमारी सरकार का उद्देश्य है "मिनिमम गवर्नमेंट एंड मैक्सिमम गवर्नेस” इसी उद्देश्य से प्रेरित होकर हमने टेक्नोलॉजी का उपयोग कंप्लायंस मैकेनिज्म को सरल बनाने में किया है। लेबर इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी अब एक फैसिलिटेटर की भी होगी जो समय-समय पर आप को बताएगा कि कानूनी प्रावधानों का पालन सरलता से कैसे करना है। इसके अलावा इंस्पेक्टर रिपोर्ट एक पारदर्शी स्कीम के तहत इंस्पेक्शन करेगा तथा 48 घंटे में इंस्पेक्शन रिपोर्ट वेबसाइट पर डालेगा। हम एक पारदर्शी, जवाबदेह और भ्रष्टाचार मुक्त निरीहला तंत्र स्थापित करना चाहते हैं, जिससे ईमानदार नियोक्ता को व्यापार करने में सहजता हो तथा साथ ही साथ श्रमिकों के हितों की भी सुरहत हो। अंत में, मैं यह कहना चाहूंगा कि हमारा ध्येय है ईज़ ऑफ़ कंप्लायंस ताकि हम ईज़ ऑफ़ लिविंग सभी को दें। आशा है कि हम सब मिलकर एक ऐसा वातावरण बनायेंगे जो देश को प्रगति की नई उँचाइयों पर ले जायेगा


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