मूर्ती का आकार कुछ भी हो, भक्ति है तो बप्पा खुश हो जाएंगे: अमृता राव

 > ईको बप्पा मोरया अभियान मुम्बई में लॉन्च



मुम्बई - ईको बप्पा मोरया अभियान को बीच वारियर के एमडी चीनू जीत क्वात्रा, अनिल मुरारका और अभिनेत्री अमृता राव ने जुहू में लॉन्च किया। देश भर में हर्षोल्लास से मनाया जाने वाला गणेश चतुर्थी पर्व पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित करता है लेकिन साथ साथ पर्यावरण संरक्षण की ज़िम्मेदारी को भी बढ़ा देता है। अभियान के बारे में चर्चा करते हुए चीन ने मीडिया से कहा कि, पिछले साल के विसर्जित गणपति हमें इस वर्ष मिले, आप समझ सकते हैं कि प्लास्टर ऑफ़ पेरिस कितना घातक होता है जल जीवों के लिए। अभी तक जो भी जन जागरूकता अभियान हुए हैं वह विसर्जन के बाद ही प्रारम्भ किये गए जिसमें सफलता हासिल नहीं हो सकी, इसीलिए हम ईको बप्पा मोरया को एक प्री अवेयरनेस अभियान के तौर पर कर रहे हैं ताकि हम इसे कुछ हद्द तक सफल बना सके। अभिनेत्री अमृता राव भी इस अभियान से एक कार्यकर्ता के तौर पर जुड़ी हैं। अमृता ने अपील की कि, यह अभियान गणेश चतुर्थी के दौरान पर्यावरण के अनुकूल विसर्जन और पर्यावरण के अनुकूल गणेश की मूर्तियों को बढ़ावा देने के लिए है। आज, मैं एक अभिनेता के रूप में नहीं बल्कि मुंबईकर के रूप में अपील कर रही हूं। इसको बढ़ावा देने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें। अनिल मुरारका ने कहा आवाम एक तो बॉलीवुड की भाषा समझती है और एक ऊपर वाले का डर। सभी गणेश मंडलों को यह प्रण लेना चाहिए कि आज हम जिन गणेश जी की पूजा करते हैं विसर्जन के बाद पलट कर भी नहीं देखते की विसर्जन के बाद का नुकसान कितना होता है! ये हमारी ड्यूटी है, भारी संख्या में इकट्ठे हों और कंधे से कंधा मिलाकर कुछ पर्यावरण संरक्षण के लिए करें। मंडल इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं, हमें ईको फ्रेंडली तरीकों से त्योहार मनाने चाहिए। चीनू ने कहा कि जितना अधिक कचरा हम देखते हैं, उतनी ही सफाई हम करते हैं। इस मोटो के साथ हम पिछले 2 सालों से समुद्र तटों की सफाई कर रहे हैं। मुंबई ने हाल के वर्षों में सुधार किया है, कचरा प्रतिशत काफी कम हो गया है लेकिन हम इसे 100% कम करने में विश्वास करते हैं। आपको बता दें की चीनू का बीच वारियर एन जी ओ पिछले ३ वर्षों से समुद्री तटों पर इकठ्ठा होने वाली गंदगी को साफ़ करने में प्रमुख भूमिका अदा कर रहा है।


प्रेस वार्ता 


>क्या दिमाग में कोई योजना थी या इस अभियान का विचार अभी - अभी आया ?


अमृता ने उत्तर दिया, जब मैं छोटी थी और मैं तब से थोड़ा परिपक्व हुई, तब मैंने देखा कि समय के साथ - साथ प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों को नदी या झील में विसर्जित करने की मात्रा बढ़ती जा रही है। हम भारतीय भावुक लोग हैं, हम पुराने रिवाजों का पालन करते हैं। अनजाने में कई बार बड़ी चिंता होती है, खासकर जब यह हमारे पर्यावरण की बात आती है। मैं पिछले वर्षों में ऐसा करना चाहती था लेकिन अब हमने इसे शुरू कर दिया है और इसे पहले से कर रहे हैं क्योंकि यह एक पूर्व-जागरूकता गतिविधि है।


>आपने विचार की अवधारणा कैसे की ?


अमृता ने उत्तर दिया, मैंने सिर्फ कागज पर अपने विचारों को उतारा। मैंने ईको-बप्पा अभियान पर एक लेख भी लिखा और बहुत सारे प्रख्यात अखबार वाले उस लेख को प्रकाशित किया, लेकिन अब हमने सोचा कि हम एक डिजिटल दुनिया में हैं, जो कुछ आप इंटरनेट पर पढ़ते हैं, कुछ लोगों को त्योहार, परंपरा के बारे में पूरी जानकारी नहीं हैमैंने सोचा था कि लोगों से मिलने जाऊं और इन सभी को एक साथ रखू और जागरूकता लाने की कोशिश करूं।


>आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा ?


अमृता ने उत्तर दिया, सबसे बड़ी परेशानी हमारी मानसिकता है, अगर हम ये मानने लगेंगे कि मेरा कचरा मेरी ज़िम्मेदारी तो शायद इन अभियानों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। जब फेस्टिवल आता है तो ख़ुशी का माहौल बन जाता है पर कहीं न कहीं हमें पर्यावरण की ख़ुशी का भी ध्यान रखना चाहिए और ऐसी चीजें रोकनी चाहिए जो पर्यावरण को हानि पहुँचती हैं।


>क्या आप भी गणेश जी स्थापित करती हैं?


अमृता ने उत्तर दिया, हम कई वर्षों से चाँदी के बप्पा स्थापित करते आ रहे हैं। उनका विसर्जन भी हम पानी की बाल्टी में करते हैं। उसके बाद हम फिर से उन्हें पूजा घर में स्थापित कर देते हैं। प्रतिवर्ष बप्पा हमारे घर पधारते हैंहमारे परिवार में कई ऐसे लोग हैं जो कोकोनट के गणेश जी स्थापित करते हैं और वह प्रसाद के रूप में भी इस्तेमाल होता है। आखिर यह आपके भावनाओं से जुड़ी चीज़ है , आपकी भावनाओं के ऊपर है मूर्ति का साइज़ बड़ा नहीं आपकी श्रद्धा बड़ी होनी चाहिए


>इस बार आपकी क्या रणनीति होगी ?


अमृता ने उत्तर दिया, इस बार मैं चीनू कवात्रा के साथ जुड़कर जागरूकता पैदा करूँगी। इनकी टीम ने 3 साल में काफी लोगों को जागरूक किया है। मैं इनके साथ जुड़कर इनकी हे देख - रेख में काम करूँगी और विसर्जन के बाद सफाई अभियान में हाथ बटाउंगी


>ईको - बप्पा मोरया वीडियो किस तरह से आपके अभियान को सफल बनाएगा?


अमृता ने उत्तर दिया, इको बप्पा मोरया कोई फिल्म नहीं है, हमने वीडियो का कंटेंट सिंपल रख कर सिंपल मैसेज देना चाहा है। मास्टर शेफ विकास खन्ना ने वीडियो में किचन सामग्री से इको - बप्पा बनाने के टिप्स दिए हैं।



 


 


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