वीएलसीसी इंस्टीट्यूट ऑफ ब्यूटी एंड न्यूट्रिशन ने इंडिया हैबिटेट सेंटर में अपना 18 वां दीक्षांत समारोह किया आयोजित

देश भर में 837 प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र (पीएमकेके) आवंटित किए गए: डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय



कौशल विकास मंत्री ने दीट किया कि 'VLCc के 18वें दीक्षान्त समारोह में भाग लिया और ब्यूटी और वैलनेस कौशल में प्रशिक्षित हुए अभियर्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। एक छोटी शुरुआत से बड़ा नाम प्राप्त कर VLCC एक प्रेरणदायक संगठन है।कौशल विकास के प्रति देश के युवाओं की क्षमता व उत्साह से नए भारत का निर्माण निश्चित है।'


नई दिल्ली - केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय ने कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था के तेज रफ्तार पकड़ने की बदौलत आने वाले महीनों में भारत को 70 लाख से भी ज्यादा कुशल श्रम बल कीआवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि भारत की 62 प्रतिशत से भी अधिक आबादी युवा है और दुनिया की सर्वाधिक कुशल आबादी वाली अर्थव्यवस्थाओं में भारत को भी शुमार करना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सपना है। डॉ. पांडेय आज नई दिल्ली में वीएलसीसी सौंदर्य एवं पोषण संस्थान के 18वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। डॉ. पांडेय ने कहा कि वीएलसीसी ने नियमित 6,000 कर्मचारियों के अलावा पिछले दो वर्षों में 2 लाख से भी अधिक युवाओं को रोजगार दिया है। मंत्री ने यह बात रेखांकित की कि भारत में सौंदर्य एवं वेलनेस व्यवसाय में 80,000 करोड़ रुपये की बाजार संभावनाएं हैं और यह लाखों लोगों को रोजगार अवसर मुहैया करा सकता है क्योंकि आधुनिक जमाने में प्रत्येक व्यक्ति की चाहत यही होती हैकि उसका जीवन अच्छे स्वास्थ्य एवं सौंदर्य से परिपूर्ण हो। उन्होंने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि कौशल संबंधी आवश्यकता वाला यह पाठ्यक्रम महिला सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण साधन हैक्योंकि प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थी 'मुद्रा' जैसे आसान ऋणों से लाभ उठाकर वेलनेस एवं सौंदर्य केन्द्र स्थापित कर सकता/सकती हैं और इसके साथ ही वे इस तरह के लाभप्रद रोजगार अवसरों के लिए अन्य लोगों को भी प्रेरित कर सकते हैं। डॉ. पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में 15 जुलाई, 2015 को शुरू किया गया राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन (किल इंडिया मिशन) सतत रूप से प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि कुशल भारत मिशन यानी स्किल इंडिया मिशन के जरिए सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों के तहत वर्तमान में हर साल लगभग एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। डॉ. पांडेय ने कहा कि भारत एक युवा राष्ट्र है और एक कुशल श्रम बल न केवल देश के भीतर, बल्कि वैश्विक बाजार की भी मांग को पूरा करने में समर्थ साबित होगा। डॉ. पांडेय ने कहा कि कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) देश भर में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई 2.0) 2016-20' नामक एक प्रमुख योजना कार्यान्वित कर रहा है, जिसका उद्देश्य 12,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ चार वर्षों (2016-2020) की अवधि के दौरान मध्य प्रदेश सहित देश भर में अल्पकालिक प्रशिक्षण (एसटीटी), पूर्व शिक्षण को मान्यता (आरपीएल) और विशेष परियोजना (एसपी) के तहत एक करोड़ लोगों को आवश्यक कौशल सुलभ कराना है। देश भर में इस योजना के तहत 12 जून, 2019 तक लगभग 52.12 लाख (31.08 लाख एसटीटी+21.04 लाख आरपीएल) अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया गया है। मंत्रालय ने देश भर के सभी जिलों में प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र (पीएमकेके)' के नाम से आदर्श कौशल केन्द्रों (मॉडल स्किल सेंटर) को स्थापित करने की पहल भी की है। अब तक देश भर में 837 प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र (पीएमकेके) आवंटित किए गए हैं जो 717 जिलों और 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों को कवर करते हैं। आवंटित प्रधानमंत्री कौशल केन्द्रों में से 610 केन्द्रों की स्थापना पहले ही हो चुकी है।


वीएलसीसी की फाउंडर और मेंटर, वंदना लूथरा ने दीक्षांत समारोह में बोलते हुए कहा, “मैं सभी छात्रों को उनके उत्कृष्ट परिणाम के लिए बधाई देना चाहती हूं। कौशल विकास और शिक्षा के माध्यम से भारत की प्रतिस्पर्धा और नवाचार को मजबूत करना हमारे भविष्य की कुंजी है। 2001 में अपनी स्थापना के बाद से, वीएलसीसी संस्थान भारत में व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां उसने अब तक 2,00,000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया है। ”


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