एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करेगी उत्तर प्रदेश शिक्षा नीति: योगी आदित्यनाथ

> केवल कलमधारी ग्रेजुएट न बने, कर्मधार बनकर देश का उत्थान करें: डॉ दिनेश शर्मा
> देश में सबसे पहले हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणाम घोषित कर माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश ने स्थापित किया नया कीर्तिमान।



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सम्मानित 101 सर्वश्रेष्ठ मेधावीा।


लखनऊ - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 1 सितम्बर रविवार को डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के डॉ भीमराव आम्बेडकर सभागार में मेधावी विद्यार्थी सम्मान कार्यक्रम आयोजित हुआ।  कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी व अल्पसंख्यक कल्याण वक़्फ़ राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा की उपस्थिति में की। सम्मान समारोह में  माध्यमिक शिक्षा  परिषद उत्तर प्रदेश की वर्ष 2019 की हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में प्रदेश स्तर पर प्रथम 10 स्थान प्राप्त करने वाले  कुल 36 विद्यार्थी व उनके अभिभावक, उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद् लखनऊ की वर्ष 2019 परीक्षा उत्तीर्ण पूर्व मध्यमा (द्वितीय) एवं उत्तर मध्यमा (द्वितीय) के प्रदेश स्तरीय प्रथम 10 स्थान प्राप्त करने  वाले कुल 24 मेधावी विद्यार्थियों, प्रथम 3 स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के अभिभावक, कॉउन्सिल फॉर दि इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन, नई दिल्ली और केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नई दिल्ली की वर्ष 2019 की हाई स्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में प्रदेश स्तर पर प्रथम 10 कुल 58 विद्यर्थी व उनके अभिभावक, माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश, माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश, कॉउन्सिल फॉर दि इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन व केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड वर्ष 2019 की हाई स्कूल एवं  इंटरमीडिएट परीक्षा में प्रदेश स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों के कुल 18 प्रधानाचार्य एवं माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की वर्ष 2019  की हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में उत्तीर्ण प्रत्येक जनपद के प्रथम 10 मेधावी विद्यार्थी कुल 1574 को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा से प्रदेश को जोड़ा है।  उनके निर्देशन में ही नहीं हिन्दुस्तान भी चमचमा उठेगा। उन्होंने मेधावियों को हौसले बुलंद करने को कहा कि, संसार की सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है विश्वास, विश्वास पर धब्बा न लग पाए। उन्होंने अंत में कहा कि विद्यार्थियों को जीवन अपने सिद्धांतों पर जीना चाहिए तभी धर्म मार्गदर्शक बनता है।
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने सम्मान समारोह में विद्यार्थियों और अभिभावकों  मार्गदर्शन किया और कहा कि, मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान करने का निर्णय स्वयं मुख्यमंत्री जी ने लिया। करीब 1600 विद्यार्थियों को मैडल प्रदान किये गए।  दिनेश शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी द्वारा 101 विद्यार्थियों को 1 लाख रूपए का चेक, मैडल,   टेबलेट एवं अभिभावकों को पगड़ी पहना कर सम्मानित किया गया। डिप्टी सी एम ने कहा ए 2018 में 1600 बच्चे सम्मानित किये गए थे इस वर्ष 1695 बच्चे सम्मानित किये गए। ढाई वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार के प्रयासों से सकारात्मक बदलाव किये गए। उत्तर प्रदेश में शिक्षा का स्तर गिर रहा था, यह नकल प्रदेश माना जाता था।  58 लाख बच्चे माध्यमिक शिक्षा परीक्षा में बैठे जिनमें से लगभग 450 बच्चे नकल में आरोपित हुए। डॉ दिनेश ने कहा, पहले उत्तर प्रदेश में नक़ल के टेंडर उठते थे, मुख्यमंत्री जी ने इस प्रथा को समाप्त किया। हमें नकल का सामना करना है। डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि लखनऊ मंडल के आईसीएससी / सीबीएससी बोर्ड में 75% से ऊपर अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी एचसीएल कंपनी में पंजीकरण करवा कर पहले 15 महीने तक 10 हज़ार रूपए व उसके बाद 2 लाख 20 हज़ार का सालाना पैकेज पा कर रोज़गार अर्जित कर सकते हैं। उत्तर  प्रदेश सरकार का एचसीएल के साथ अनुबंध हुआ है। उप मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि  एचसीएल विद्यार्थियों को एमएससी, एमटेक, बीटेक पाठ्यक्रमों में पंजीकृत करवाने में सहायता करेगा और बिट्स पिलानी में पंजीकृत लखनऊ मंडल के विद्यार्थियों की आधी फीस एचसीएल अदा करेगा। डिप्टी सीएम ने कहा कि, पहले एनसीईआरटी  के अलग-अलग जनपदों में अलग-अलग पाठ्यक्रम लागू थे, हमने पहली बार पूरे प्रदेश में एक समान पाठ्यक्रम लागू किया। पूरे देश में यदि सबसे कम दाम पर किताबें कहीं मिल रही हैं तो न कि दिल्ली में बल्कि उत्तर प्रदेश में मिल रही हैं। टेक्नोलॉजी के उपयोग से नक़ल विहीन परीक्षा करवा पाना संभव हो पाया है। मुख्यमंत्री योगी जी ने बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा में क्रांति लाने का कार्य किया।


मुख्यमंत्री योगी ने मेधावी विद्यार्थियों, अभिभावकों व प्रधानाचार्यों को सम्मानित करने के बाद अपने सम्बोधन में कहा कि, इस भव्य आयोजन के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद को ह्रदय से बधाई देता हूँ। मेधावी विद्यार्थियों, अभिभावकों, प्रशिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं। योगी बोले कि, यह आयोजन शिक्षा की गुणवत्ता को आगे बढ़ाने के प्रोत्साहन का प्रयास है। पिछले 2 वर्षों में हमने शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक प्रयास किये हैं। जब पहले वर्ष हमने नकल पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास किये, उस समय सरकार नयी-नयी आयी थी लेकिन अगले वर्ष नीति के तहत हर शिक्षा विभाग के प्रशिक्षकों की तैनाती एवं उपस्थिति अनिवार्य की तो शिक्षण संस्थानों, प्रधानचार्यों, शिक्षकों, विद्यार्थियों व अभिभावकों का नकल विहीन परीक्षा की दिशा में समर्थन प्राप्त हुआ। पहले वर्ष जब प्रतिबन्ध लगा 5 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने परीक्षा छोड़ी थी।  हम लोगों ने हिम्मत नहीं हारी और पड़ताल की कि आखिर ये 5 लाख विद्यार्थी थे कौन ! पता लगा कि 5 लाख लोग वे थे जिनका प्रदेश से कोई नाता नहीं था, ये लोग खली सर्टिफिकेट लेने के लिए अपना नामांकन किसी नकल के अड्डे पर करवा देते थे। नक़ल के अड्डे वाले उस छात्र की अनुपस्थिति में किसी तीसरे से परीक्षा दिलवा कर सर्टिफिकेट जारी करवा कर माध्यमिक शिक्षा परिषद को कलंकित करने का काम करते थे। पाठ्यक्रमों में लाये गए सकारात्मक बदलावों की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, परीक्षा होने, परिणाम आने और पर्व / त्यौहार मनाते-मनाते पूरा साल निकल जाता था।  सरकार ने इस पर विचार विमर्श कर निर्णय लिया कि महापुरुषों की जयंती पर अवकाश नहीं होगा बल्कि महापुरुष के बारे में पढ़ाया जाएगा। परीक्षाएं 3 महीने न चल कर 15 दिन चलें इसपर भी ज़ोर दिया गया। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 15 दिन में परीक्षा करवाई और 15 दिन में परिणाम भी घोषित कर कीर्तिमान स्थापित किया।  भारत में किसी भी राज्य का सबसे बड़ा बोर्ड उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद है लेकिन इसके बावजूद माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश ने सबसे पहले परिणाम घोषित किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि, सभी शिक्षा बोर्ड व परिषदों में समन्वय और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव पैदा करने का सफल प्रयास हमने किया। शिक्षा मात्र सर्टिफिकेट य डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं है, यह व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने का है। एक विद्यार्थी का सबसे प्रमुख मार्गदर्शक उसकी माँ और पिता होते हैं। प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग के मंत्रीगण, अधिकारीयों व प्रशिक्षकों के साथ विद्यालयों का वातावरण सुधारने की दिशा में विचार विमर्श किया। विद्यालयों को साफ़ सुथरा रखने के लिए प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने हर जनपद के ज़िलाधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्यालयों के खुलने से पहले प्रशिक्षकों के लिए खोला जाए ताकि स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जा सके और विद्यार्थियों को लगे की उनका स्वागत हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने मीडिया पर भी कटाक्ष किया कि यदि छात्र यदि अपने  विद्यालय में सफाई कर रहा है तो इसमें कुछ गलत नहीं देखना चाहिए।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रज़ा, माध्यमिक शिक्षा प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला समेत अन्य अधिकारीगण, प्रशिक्षकगण, विद्यार्थीगण व अभिभावकगण उपस्थित थे।


 


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