सीएम योगी ने जनपद गोरखपुर में एम्स का निरीक्षण किया


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को जनपद गोरखपुर में एम्स का निरीक्षण किया। वहां पर उन्होंने ओपीडी लैब आदि को देखा तथा एमबीबीएस के प्रथम वर्ष में प्रवेश लिए छात्र-छात्राओं से संवाद कर उनके प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वान्चल के लिए उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा प्रदान करने हेतु एम्स की नितान्त आवश्यकता थी। इसके दृष्टिगत एम्स का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेहतर चिकित्सा सेवा में एम्स महत्वपूर्ण है। यह एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है, जिसका उद्देश्य आम आदमी को सहज, सुलभ, सस्ती एवं बेहतर चिकित्सकीय सेवा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि एम्स चिकित्सा सेवा के उच्चतम मानक को प्राप्त करे तथा इस क्षेत्र में अग्रणी स्थान बनाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वान्चल की आवश्यकता हो देखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 22 जुलाई, 2016 को इसका शिलान्यास किया गया तथा 24 फरवरी को प्रधानमंत्री जी ने ओपीडी का उद्घाटन किया। गोरखपुर एम्स का निर्माण कार्य की प्रगति तीव्र है। उन्होंने चिकित्सकों से कहा कि मानव मात्र के कल्याण के लिए समर्पण भाव से कार्य करना सबसे बड़ा पुण्य है। चिकित्सकों के लिए सेवा का इससे बड़ा मार्ग नहीं हो सकता चिकित्सक को संवेदनशील होना चाहिए। संवेदनशीलता, चिकित्सक की अच्छाई एवं उसकी कार्यकुशलता की परिचायक होती है। जहां चिकित्सा सेवा की अति आवश्यकता हो, चिकित्सक ऐसे गांव को गोद लेकर अपनी सेवाएं प्रदान करें। समाज की संवेदना से जुड़ना जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि होती है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार एम्स के सहयोग, सुरक्षा एवं सुविधा हेतु हर समय अपना योगदान प्रदान करेगी। इसके साथ ही, यदि कोई समस्या आती है तो जिला प्रशासन को अवगत कराएं, जिला प्रशासन सहयोग हेतु तत्पर है। मुख्यमंत्री जी को बताया गया कि सितम्बर, 2020 तक एम्स निर्माण का कार्य पूर्ण हो जायेगा।



मुख्यमंत्री  ने कहा कि एम्स की सुरक्षा के दृष्टिगत आदर्श थाना स्थापित होगा। इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी को नियंत्रित किया जा चुका है और इसके इलाज हेतु सीएचसी/ पीएचसी, जिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज आदि में समुचित व्यवस्था की गयी है। बीमारी के लक्षण दिखते ही मरीज को तत्काल नजदीक के अस्पताल में पहुंचाया जाये ताकि उसका त्वरित इलाज हो सके। उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निजात हेतु जन जागरूकता पर विशेष बल दिया। इस अवसर पर एम्स के निदेशक ने वर्तमान एवं भविष्य की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण किया। उन्होंने बताया कि एमबीबीएस के प्रथम वर्ष में 50 छात्र-छात्राओं का प्रवेश हुआ, जिसमें 32 छात्र तथा 18 छात्राएं हैं। अगले वर्ष 100 छात्र-छात्राओं का प्रवेश होगा। एम्स में 12 विभागों की ओपीडी प्रारम्भ हो चुकी है। यहां प्रतिदिन 1200-1300 मरीज आते हैं। अब तक कुल 26 लाख 09 हजार मरीजों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो चुका है, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया निरन्तर कार्यरत है। इस अवसर पर निदेशक एम्स संजीव मिश्रा, जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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