जम्मू–कश्मीर और लद्दाख संघशासित प्रदेशों के लिए डीएआरपीजी की सुशासन पहल


  • ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज सचिव के साथ स्‍व-सहायता समूहों को प्रशिक्षण देने के बारे में की गई चर्चा।

  • डीएआरपीजी शिष्‍टमंडल ने जम्‍मू–कश्‍मीर के प्रधान सचिव और कार्मिक, प्रशिक्षण, सूचना प्रौद्योगिकी, योजना, स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा सचिवों के साथ बैठकें कीं।

  • जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार लोक शिकायत निवारण प्रणाली को केंद्रीय लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) के साथ किया जा सकता है एकीकृत।

  • सचिवालय में कागज का इस्‍तेमाल कम करने के लिए ई-ऑफिस के कार्यान्‍वयन पर ज़ोर।



नई दिल्ली। कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्‍य मंत्री डॉ जितेन्‍द्र सिंह ने संघशासित प्रदेशों जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख के लिए भविष्‍य की योजना के बारे में विभाग की पहल पर चर्चा करने के लिए कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएपीआरजी) के एक आधिकारिक शिष्‍टमंडल द्वारा श्रीनगर का दौरा किए जाने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की थी। तदनुसार, डीएआरपीजी के अपर सचिव वी श्रीनिवास की अध्‍यक्षता में डीएआरपीजी, पेंशनभोगी कल्‍याण विभाग, राष्‍ट्रीय सुशासन केंद्र तथा नेशनल इंफोमेटिक्‍स का एक शिष्‍टमंडल 4-5 सितंबर, 2019 को जम्‍मू-कश्‍मीर के दौरे पर गया था। इसमें संयुक्‍त सचिव वी शंशाक शेखर और डीएपीआरजी के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी शामिल थे। संघशासित प्रदेशों जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख के लिए डीएआरपीजी की पहल के तहत विभिन्‍न मामलों की पहचान की गई और उन पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान फाइलों के डिजिटीकरण, सचिवालय में कागज का इस्‍तेमाल कम करने के लिए ई-ऑफिस के कार्यान्‍वयन, जम्‍मू-कश्‍मीर के लोक प्रशासन संस्‍थान एवं  राष्‍ट्रीय सुशासन केंद्र के बीच सहयोग, e-gov  पर राज्‍य स्‍तरीय संगोष्‍ठी, अधिकारियों और फील्‍ड में काम करने वालों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और डीएआरपीजी के कार्यक्रमों के तहत राज्‍य के सहयोग से शुरू की जाने वाली परियोजनाओं के बारे में चर्चा की गई। डीएआरपीजी के शिष्‍टमंडल ने जम्‍मू–कश्‍मीर के प्रधान सचिव और कार्मिक, प्रशिक्षण, सूचना प्रौद्योगिकी, योजना, स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा सचिवों सहित अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ बैठकें कीं। इसके बाद, फॉलोअप उपाय के तौर पर 20-21 सितंबर, 2019 को डीएआरपीजी में संयुक्‍त सचिव श्री वी शशांक शेखर की अगुवाई में एक दल दूसरी बार जम्‍मू-कश्‍मीर के दौरे पर गया। इस दौरान उपरोक्‍त उल्‍लेखित जम्‍मू-कश्‍मीर के मामलों को कारगर रूप से कार्यान्‍वित करने के लिए जम्‍मू-कश्‍मीर के अधिकारियों के साथ निर्णय/चर्चा की गई। इस बारे में चर्चा की गई कि जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार के पास एक मजबूत लोक शिकायत निवारण प्रणाली है, जिसे केंद्रीय लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) के साथ एकीकृत किया जा सकता है। श्रीनगर के दूसरे दौरे में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज सचिव के साथ स्‍व-सहायता समूहों को प्रशिक्षण देने के बारे में चर्चा की गई। कला एवं संस्‍कृति विभाग के सचिव के साथ ऐसी परियोजनाओं के बारे में विचार-विमर्श किया गया, जिन्‍हें जम्‍मू-कश्‍मीर की समृद्ध संस्‍कृति और धरोहर के बारे में राज्‍य के भीतर और बाहर जागरुकता फैलाने के लिए कार्यान्वित किया जा सकता है। डिजिटीकरण की परियोजना के बारे में प्रधान सचिव, आईटी के साथ भी चर्चा की गई। इस दल ने राज्‍यपाल के सलाहकार विजय कुमार के साथ भी मुलाकात की और आपदा राहत संबंधी उपायों को मजबूत बनाने सहित विभिन्‍न मामलों पर चर्चा की गर्ई। डीएआरपीजी जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार के साथ तालमेल बैठाते हुए इन मामलों पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।


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