“नई दिल्ली-हावड़ा मुख्य मार्ग पर ट्रेन संचालन में सुधार के लिए टूंडला में नवस्थापित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग है मील का पत्थर


टूंडला उत्तर प्रदेश में ग्रैंड कॉर्ड मार्ग पर स्थित टूंडला जंक्शन में सबसे उन्नत इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम की स्थापना कर एक उत्कृष्ट सुधार किया गया है। यह नया इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम 65 वर्षीय पुराने मैकेनिकल सिग्नलिंग के स्थान पर लगाया गया है। यह तकनीकी उन्नयन नई दिल्ली-हावड़ा रूट पर ट्रेन परिचालन को तेज, कुशल, समयपालनयुक्त और अधिक संरक्षित बनाने में सहायक होगा। जनता को असुविधा से बचाते हुए कम से कम में इस चुनौतीपूर्ण काम को पूरा करने के लिए लगभग 50 दिनों तक लगभग 500 व्यक्तियों ने दिन-रात काम किया। टूंडला में यह इंटरलॉकिंग प्रणाली दक्षिण पूर्व रेलवे में खड़गपुर स्टेशन के बाद देश में दूसरी सबसे बड़ी है। टूंडला जंक्शन पर ट्रेन की संचालन क्षमता में सुधार हुआ है जिससे मौजूदा क्षमता अधिकतम 200 ट्रेन से बढ़कर 250 प्रति दिन हो गई। दुर्घटना के दौरान मेडिकल रिलीफ ट्रेन का भी तेज आवागमन संभव हो सकेगा। मंगलवार को दिनांक 22 अक्टूबर, 2019 को महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे राजीव चौधरी ने उत्तर मध्य रेलवे के प्रमुख विभागाध्यक्षों, मंडल रेल प्रबंधक इलाहाबाद अमिताभ और मुख्यालय और इलाहाबाद मंडल के अधिकारीगणों की उपस्थिति में, टूंडला जंक्शन पर नवस्थापित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का औपचारिक उद्घाटन किया। महाप्रबंधक ने टूंडला जंक्शन के मुख्य नियंत्रण कक्ष का भी निरीक्षण किया, उन्होंने निर्देशित किया कि कुशल संचालन के लिए नई प्रणाली पर परिचालन कर्मियों का उचित प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाए। इस अवसर पर बोलते हुए, मंडल रेल प्रबंधक इलाहाबाद श्री अमिताभ ने बताया कि टूंडला इलेक्ट्रॉनिक इंटरलाकिंग के कार्य से टूंडला स्टेशन पर कंजेशन को दूर करने में आसानी होगी। उन्होंने आगे कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण काम था और इसे महाप्रबंधक राजीव चौधरी और उत्तर मध्य रेलवे के सभी प्रमुख विभागाध्यक्षों के पूर्ण समर्थन और मार्गदर्शन के साथ ही पूरा किया जा सका।



महाप्रबंधक श्री चौधरी ने अपने संबोधन में इलाहाबाद मंडल, एनसीआरपीयू और निर्माण संगठन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उनके अथक परिश्रम के लिए सराहना की । ज्ञात हो कि, यह रेलवे परियोजना पूरी करने वाली उत्तर मध्य रेलवे भारतीय रेलवे के इस महत्वपूर्ण नई दिल्ली-हावड़ा मार्ग के 53% हिस्से का रखरखाव और संचालन करती है। उत्तर से पूर्वी भारत को जोड़ने वाले रेलमार्ग पर यात्री और माल ढुलाई के समग्र आवागमन में मोबिलिटी के लिए उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले उत्तर प्रदेश के टूंडला सहित गाजियाबाद से पं दीन दयाल उपाध्याय जं खंड पर ट्रेनों का सुचारु परिचालन बहुत महत्वपूर्ण है। टूंडला इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के उद्घाटन के उपरांत महाप्रबंधक ने प्रेस और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सदस्यों के साथ वार्ता की और टूंडला जंक्शन के विकास, समय पालनता, ट्रेन संचालन आदि मुद्दों से जुड़े सवालों के जवाब दिए। उन्होंने मीडिया को सूचित किया कि डीएफसी और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के काम के पूरा होने से इस सुपरसैचुरेटेड रूट जिस पर 160%  से अधिक की क्षमता से परिचालन हो रहा है पर कुछ दबाव कम हो सकेगा और इससे आमजनता की आकांक्षाओं के अनुरूप अतिरिक्त ट्रेनों का परिचालन और ठहराव संभव हो सकेगा ।



मीडिया के साथ बातचीत के बाद महाप्रबंधक ने क्रू लॉबी का निरीक्षण किया जहां उन्होंने ड्राइवर और गार्ड के साथ उत्तर मध्य रेलवे से जुड़ी संरक्षा संबंधी जानकारी साझा करने के लिए स्थानीय सर्वर की व्यवस्था करने की सलाह दी, जिससे संरक्षित ट्रेन संचालन में सहायता मिल सकेगी। इसके बाद में उन्होंने केंद्रीकृत यातायात नियंत्रण का निरीक्षण किया। सीटीसी, टूंडला जो गाजियाबाद-पनकी के बीच 44 स्टेशनों पर ट्रेन संचालन में सक्षम है और वर्तमान में टूंडला से दाउदखान - भरथना के बीच 20 स्टेशनों को कंट्रोल करता है। महाप्रबंधक ने बल दिया कि, संरक्षा के साथ कुशल ट्रेन संचालन के लिए सीटीसी की पूरी क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिए। सीटीसी के निरीक्षण के बाद महाप्रबंधक ने टूंडला स्थित अधिकारियों के लिए रीक्रियेशनल सुविधाओं का उद्घाटन किया और प्रमुख विभागाध्यक्षो और इलाहाबाद मंडल के अधिकारियों के साथ वृक्षारोपण में भी हिस्सा लिया। इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक इलाहाबाद श्री अमिताभ, प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक रवि वल्लूरी, प्रमुख मुख्य इंजीनियर शरद मेहता, प्रमुख मुख्य संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर मोहन डुडेजा, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/ निर्माण एन आर चौधरी, प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर राज नारायण और इलाहाबाद मंडल और उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।


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