फाइलेरिया उन्मूलन में आगे आएं समाज के अग्रणी व्यक्ति: मुख्य चिकित्सा अधिकारी

> खाली पेट न खाएं फाइलेरिया उन्मूलन दवाई: सीएमओ



फर्रुखाबाद (का ० उ ० सम्पादन)।  फाइलेरिया मुक्ति अभियानमास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन 2019 फाइलेरिया (हाथीपाँव) की बीमारी के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए चिन्हित जनपदों में वर्ष में 1 बार चलाया जाता है। 4 य 5 साल तक इस अभियान को सफलता पूर्वक चलाये जाने पर उस क्षेत्र में फाइलेरिया की बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। जनपद में यह अभियान 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक चलाया जाएगा। इस अवधि में चिन्हित दिवसों पर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर घर जाकर अपने सामने दवाई खिलाई जायेगी। इस बार जो व्यक्ति घर पर मौजूद नहीं मिलेंगे, स्वास्थ्य कर्मी उनकी दवा घर पर देकर नहीं आएंगे। स्वास्थ्य कर्मी ईसिस अवधि में किसी दुसरे दिन आकर अपने सामने ही दवा खिलाएंगे। आशा का घर फाइलेरिया की दवा का डिपो बनाया गया है, जहाँ स्वयं आकर भी छूटे व्यक्ति आशा के सामने दवा खा सकते हैं।



सभी व्यक्तियों को 1 - 1 गोली अल्बेंडोज़ोल खिलाई जायेगी। डीईसी की गोली 2 वर्ष से अधिक एवं 5 वर्ष से काम आयु होने पर 1 गोली, 5 वर्ष से अधिक एवं 15 वर्ष से कम आयु होने पर 3 गोली खिलाई जाएंगी। 2 वर्ष से काम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को कोई दवा नहीं खिलाई जायेगी। यह दवाई खाली पेट नहीं खानी है। कभी कभी हज़ारों में 1 व्यक्ति को दवा खाने के बाद मिचली एवं चक्कर आना जैसे लक्षण आते है, प्रायः कोई गंभीर समस्या नहीं आती है।  कुछ ही देर में ये लक्षण ठीक हो जाते हैं। जनपद की कुल 2187591 जनसंख्या के लिए कुल 2188 टीमें गठित की जा चुकी हैं सभी ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर को ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षित किया गया है। प्रत्येक टीम को 1 दिन में 25 घरों पर कार्य करना है। प्रत्येक 5 टीमों पर 1 सुपरवाइजर की नियुक्ति भी की गयी है, जो की वरीयता एएनएम हैं। घर घर दवाई खिलाये जाने के दौरान टीमों द्वारा हाथीपाओं एवं हाइड्रोसिल के रोगियों की सूची भी बनायी जायेगी, जिनमें से हाइड्रोसिल रोगियों का बाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं जिला अस्पताल पर ऑपरेशन द्वारा उपचार किया जाएगा तथा हाथी पांव के रोगियों को रोग ग्रस्त अंग की उचित देखभाल का प्रशिक्षण आशाओं एवं स्वास्थ्य इकाइयों द्वारा दिया जाएगा। चूंकि जनसामान्य को दवा खाने की आवश्यकता के कारणों को समझाकर उनको दवा खाने के लिए सहमत करना एक कठिन कार्य है। इसके लिए सभी धर्म गुरुओं, समाज के सभी शिक्षित अग्रणी व्यक्तियों, सभी सरकारी/ गैर सरकारी इकाइयों संस्थाओं से अनुरोध है कि वह इस सम्बन्ध में जनसामान्य के साथ चर्चा करके दवा खाने की आवश्यकता के बारे में बताएं।  


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