60 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर सरकार द्वारा दी जाएगी न्यूनतम 3 हजार रुपये मासिक पेंशन

卐 प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना की ब्रोशर व रेडियो जिंगल आदि विभिन्न प्रचार-माध्यमों से दी जाये विस्तृत जानकारी: मुख्य सचिव 

 

卐 योजना का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा देना है। 

 

卐 मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में योजना की प्रगति की समीक्षा की।

 


 


लखनऊ (का ० उ ० सम्पादन)। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिये हैं कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना से अधिक से अधिक पात्र लोगों को लाभान्वित कराने हेतु योजना के बारे विस्तृत जानकारी प्रदान कर इस योजना से जुड़ने हेतु प्रेरित किया जाये। उन्होंने कहा कि इस योजना का काॅमन सर्विस सेण्टर (सीएससी) पर निःशुल्क पंजीकरण किया जा रहा है, इस बात की जानकारी भी लोगों को सीएससी सेण्टर पर बोर्ड लगाकर दी जाये। उन्होंने इस योजना का ब्रोशर व रेडियो जिंगल आदि विभिन्न प्रचार-माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये। मुख्य सचिव ने बीते बुधवार को लोक भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में योजना की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा देना है। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, मनरेगा मजूदर, असंगठित छोटे व्यापारी और रसोइया भी उठा सकते हैं, जिनकी मासिक आय 15 हजार रुपये से कम है और वह ईपीएफ य एनपीएस योजना का लाभ प्राप्त करने की श्रेणी में नहीं आते हैं। इस योजना से शत-प्रतिशत लोगों को लाभान्वित कराने के कार्यों में तेजी लायी जाये और इस कार्य में सम्बन्धित विभागों का भी सहयोग लिया जाये। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना असंगठित क्षेत्र के कामगारों को वृद्धावस्था में आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिये शुरू की गयी है। योजना का लाभ लेने के लिये 18 से 40 वर्ष की आयु हो तथा मासिक आय अधिकतम 15 हजार रुपये तक हो और इसके लिये अंशदान के रूप में 55 रुपये से 200 रुपये तक का अंशदान व्यक्ति द्वारा किया जायेगा। इसमें पारिवारिक पेंशन का भी प्राविधान है। जीवनसाथी की असमय मृत्यु पर यह प्रावधान लागू होगा। व्यक्ति पेंशन खाते में जितना योगदान करेगा, उतना ही योगदान सरकार की ओर से भी किया जायेगा। योजना के अन्तर्गत 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर सरकार द्वारा न्यूनतम 3 हजार रुपये मासिक पेंशन के रूप में दिये जायेंगे।


Popular posts from this blog

उ प्र सहकारी संग्रह निधि और अमीन तथा अन्य कर्मचारी सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2020 प्रख्यापित

उ0प्र0 सरकारी सेवक (पदोन्नति द्वारा भर्ती के लिए मानदण्ड) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2019 के प्रख्यापन को मंजूरी

कोतवाली में मादा बंदर ने जन्मा बच्चा