पीएसआईटी कॉलेज में इन्टरनेशनल कॉन्फ्रेंस का समापन

> पढाई में अपना पूरा समर्पण प्रदान करें और तनाव रहित रहें: कमल रानी वरूण


> पीएसआईटी नॉर्थ इण्डिया के लिए एक प्रेरणाश्रोत के रूप में कार्य कर रहा है: नीलिमा कटियार


> स्मार्ट इण्डिया हैकाथॉन और वर्चुअल लैब के क्षेत्र में महत्पवूर्ण योगदान दे पीएसआईटी: शेफाली राज



कानपुर (का ० उ ० सम्पादन)। पीएसआईटी कालेज ऑफ हायर एजूकेशन में दो दिवसीय इण्टरनेशनल कान्फेन्स :- रीसेन्ट एडवान्समेन्ट इन कम्प्यूटर साइंस, कम्युनिकेशन एण्ड इन्फोरमेशन टेक्नोलॉजी के दूसरे दिन का उदघाटन प्राविधिक शिक्षा मंत्री, उ0प्र0 कमल रानी वरूण एवं पीएसआईटी संस्थान के चेयरमैन प्रणवीर सिंह द्वारा किया गया। पीएसआईटी संस्थान की ओर से प्राविधिक शिक्षा मंत्री का स्वागत किया गया। प्राविधिक शिक्षा मंत्री ने स्टूडेन्टस को संबोधित करते हुए कहा कि आप पढाई में अपना पूरा समर्पण प्रदान करें और तनाव रहित रहें क्योकि तनाव आपके अध्ययन में बाधा उत्पन्न करेगा। आज कल की प्रतियोगात्मक परिस्थितिओं में आपको हर समय अपने आपको तैयार रखना होगा। शिक्षा के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन नये नये परिवर्तन हो रहे है। उन्होनें प्रदेश के एक संस्थान की एलुमिनी मीट के बारें में बताते हुए कहा कि वहाँ के पूर्व उर्तीण छात्रों ने रोजगार की तलाश करने के स्थान पर स्वरोजगार को स्थापित करने को प्राथमिकता दी। इस तरह की एलुमिनी मीट हर संस्थान में आयोजित की जानी चाहिये, जिससे छात्रों के मध्य संवाद स्थापित हो सके और छात्रगण वर्तमान एवं भविष्य में होने वाले परिवर्तनों के लिए स्वयं को तैयार कर सकें। उन्होने बताया कि एक कैबिनेट मंत्री के दायित्व के तौर पर उन्होनें टेक्नोलॉजी एवं शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाब किये जिसके सफलतापूर्वक परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेगें। उदघाटन समारोह के पश्चात विभिन्न पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया एवं इस दौरान विषय विशेषज्ञों एवं शोधकर्ताओं द्वारा विभिन्न तकनीक विषयों पर शोधपत्रों को भी प्रस्तुत किया गया। मिस रचना पुरी, सह संस्थापक एवं निदेशक, वेक्टरमोब, मुंबई ने टेक्निकल सेशन में डिजिटल मार्केटिंग के बारें में चर्चा की। उन्होने बताया कि इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनायें है। इस क्षेत्र के लिए आपमें एक अच्छे सेन्स जरूरत होनी चाहिये। आने वाले वर्षों में हर एक बिजनेस का मॉडल डिजिटल फार्म में ही होगा। यह प्लेटफार्म नॉलेज प्राप्त करने एवं शेयर करने का सबसे उत्तम माध्यम होगा। वास्तविकता में मार्केटिंग में डिजिटल वर्ल्ड का प्रयोग किताबों में दिये गये तथ्य ज्ञान से काफी अलग है, उन्होंने मैनेजमेन्ट एवं इंजीनियरिंग के स्टूडेन्टस को संबोधित करते हुए कहा कि आप सब ज्यादा से ज्यादा प्रेक्ट्रिकल करने पर फोकस करे। रंजीत आचार्य (सीईओ, प्रिज्म एडवरटाईजिंग) नेपाल ने स्टूडेन्ट्स से कहा कि आप एक बड़े लक्ष्य को छोटे छोटे भागों में करके, उस लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते है। आपको अपने वर्क में प्रोडक्टिविटी बढाने के लिए कुछ यूनिक करने पर फोकस करना होगा। उन्होनें अपने जीवन के संघर्षो को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि जब उनकी कंपनी में सिर्फ पाँच कर्मचारी थे, तब उनका लक्ष्य 50 लोगों को रोजगार देने का था, और इस तरह से आज उनकी कंपनी में 250 से अधिक कर्मचारी कार्यरत है। कहीं न कहीं, यह उनके लक्ष्य की प्राप्ति को दर्शाता है। उन्होनें अंत में इस बात पर जोर देकर कहा कि आप स्वयं से प्रतियोगिता करें दूसरों से नहीं।



डॉ भगवान जगनानी, निदेशक, एलन हाउस बिजनेस स्कूल ने परिणाम आधारित शिक्षा में टेक्नोलॉजी के प्रयोग के बारें में स्टूडेन्टस से इन्ट्रेक्ट किया। उन्होंने कहा कि मशीन लर्निंग के द्वारा बोट्स बनाकर कैसे वर्तमान शिक्षा को मार्केट की जरूरतों के हिसाब से और ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि परिणाम आधारित शिक्षा में क्वालिटी कन्ट्रोल का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होनें स्टूडेन्टस से बिजेनस मॉडल 4.0 के अनुसार स्वयं को तैयार करने के लिए कहा। यश तिवारी, यूथ मेंटर ने सोशल मीडिया में होने वाले एडवांसमेन्ट पर जोर दिया, कहा कि आने वाले समय में सोशल मीडिया का शिक्षा, व्यापार एवं समाज के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान होगा। डॉ आशीष माथुर (एमिटी नोयडा) ने अपने रिसर्च पेपर में फयूचरिस्टिक सेर्स के बारे में एवं उसके उपयोग के बारें में बताया। इनके अतिरिक्त श्री नरेन्द्र कुमार शर्मा (लखनऊ) एवं डॉ भाव्या गुप्ता (कानपुर) ने भी अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। कार्यक्रम के अंत में, वेलीड्रिक्टी सेशन में, मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री नीलिमा कटियार, सांसद कानपुर नगर सत्येदव पचौरी, सीनीयर लीडर बीजेपी मानवेन्द्र सिंह, मुख्य रूप से उपस्थित रहे। चेयरमैन ने सभी का स्वागत किया। मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री ने अपने उद्बोधन में दुनिया जिसकी ओर देख रही है उस देश का नाम भारत है क्योकि यह तकनीकी रूप से बहुत सक्षम है। भारत के युवाओं ने नई चुनौतिओं को अवसर में वदलकर हमेशा देश का नाम रोशन किया है। जहाँ सोचा वहीं भारतीय आगे बढे, बात चाहे साफटवेयर फील्ड ही रही हो या इसरो की। पीएसआईटी नॉर्थ इण्डिया के लिए एक प्रेरणाश्रोत के रूप में कार्य कर रहा है, आज अपग्रेडेड इंस्टीट्यूट्स में पीएसआईटी एक अग्रणी संस्थान है। आज ई रिवॉल्यूशन के दौर में टेक्नोलॉजी का बहुत बड़ा योगदान है। सत्येदव पचौरी ने स्टूडेन्टस को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार की कॉन्फ्रेंस से युवाओं को प्रेरणा मिलती है। भारत के युवाओं ने विश्व को यह दिखला दिया है कि भारतीयों में आईटी की क्या योग्यता है। भारत अब तकनीकी रूप से पिछड़ा देश नहीं है जो दुनिया कर रही है वो हमारे देश के वैज्ञानिक उनसे पहले कर चुके है। मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि ऐसे सम सामयिक विषयों पर कान्फेन्स का आयोजन निरन्तर होना चाहिये। पीएसआईटी ने निरन्तर नये आयाम छुये है और हर बार उससे बेहतर आयामों की ओर अग्रसर हुआ है। एयर मार्शल डॉ आर0सी0 बाजपेयी ने कहा आज देश में तकनीक के क्षेत्र में प्रगति काफी तीव्र गति से हो रही है इस कॉन्फ्रेंस में आने वाले नये ट्रेंड एवं डिजीटल टेक्नोलॉजी के वर्तमान एवं भविष्य में होने वाले उपयोग पर चर्चा हुई। प्रबंध निदेशक शेफाली राज ने कहा कि पीएसआईटी पिछले 15 सालों से अग्रणी संस्थानों में से एक है। पीएसआईटी संस्थान राज्य एवं इण्डस्ट्री के कई प्रोजेक्ट से जुड़ा है। हम नेशनल स्मार्ट इण्डिया हैकाथॉन और वर्चुअल लैब के क्षेत्र में महत्पवूर्ण योगदान दे रहे है। नई टेक्नोलॉजी में तीन खास बातें है ये भारतीय और वैश्विक परिपेक्ष्य में लोगों की सामाजिक और आर्थिक जरूरतों में योगदान प्रदान करते है। यह सब कुछ ये बहुत ही प्रतियोगात्मक कीमतों पर प्रदान करते है। टेक्नोलॉजी की क्वालिटी में किसी भी प्रकार का समझौता नही करते है। इस कॉन्फ्रेंस में लगभग 130 से अधिक लेखकों के द्वारा 70 से अधिक पेपर प्राप्त किये गये, जिनमें रिसर्च स्कॉलर्स, फैकल्टी सदस्य एवं पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेन्टस द्वारा विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी के काफी बड़े क्षेत्र को कवर किया गयाइन रिसर्च पेपर्स में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स एवं मशीन लर्निंग पर 10 पेपर, डाटा सांइस पर 12 पेपर, सिग्नल इमेज, वीडियो एवं स्पीच प्रोसेसिंग पर 08 पेपर, क्लाउड कम्पयूटिंग पर 13 पेपर, सोशल नेटवर्क पर 17 पेपर, साईबर सिक्योरिटी एवं डिजीटल फोरेन्सिक्स पर 10 पेपर एवं अन्य में 07 पेपर प्राप्त हुए। कार्यक्रम के अंत में, वेलीड्रिक्टी सेशन में, डेलीगेटस एवं स्टूडेन्टस को सर्टिफिकेट प्रदान किये गये। इस कान्फेन्स में संयोजक डॉ0 शिवानी कपूर, सह संयोजक डॉ उदयभान त्रिवेदी, डॉ एपीएस भदोरिया, बीबीए एवं बीसीए विभाग के फैकल्टी सदस्यों के अलावा कई राज्यों / विदेशों के तकनीकी संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के निदेशक एवं स्टूडेन्टस आदि मौजूद रहे।


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