सड़कों पर हो रहा ये बवाल बंटवारे से अल्पसंख्यक बने उन भारतीय आंसुओं का अपमान है: पीएम मोदी

> पीएम  मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में आभार रैली को सम्बोधित किया।


> अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने पर भाजपा और सरकार को दिल्ली के 40 लाख लोगों के जीवन में एक नई सुबह लाने का अवसर मिला है: मोदी


> दिल्ली सरकार यहां की सबसे बड़ी पीने के पानी की समस्या से आँख मूंद कर बैठी है: नरेन्द्र मोदी


> कागज, सर्टिफिकेट के नाम पर मुस्लिमों को भ्रमित करने वाले ये भूल गए कि कागजों की बंदिशें कम हों ये सरकार की प्राथमिकता रही है: पीएम


> राजनीतिक स्वार्थ के कारण, राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत योजना दिल्ली में लागू नहीं की: पीएम मोदी


> झूठ बेचने वाले, अफवाह फैलाने वाले इन लोगों को पहचानने की ज़रूरत: पीएम मोदी


> कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेन्शन सेंटर की अफवाह सरासर झूठ हैं: पीएम मोदी 


> एक बार जब हाथ में तिरंगा आ जाता है तो देश का नागरिक कभी हिंसा का, अलगाव का, बाटने की राजनीति का समर्थन नहीं कर सकता: पीएम


> देश की एकता, शांति और सद्भाव के लिए मैं कभी पीछे नहीं हटूँगा: नरेन्द्र मोदी



नई दिल्ली (का ० उ ० सम्पादन) प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को रामलीला मैदान में एक मेगा रैली को संबोधित करके आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के अभियान को गति दी। लोगों के नारों के बीच, पीएम मोदी ने कहा कि विविधता में एकता भारत की पहचान है। "रामलीला मैदान एक ऐतिहासिक जगह है। उन्होंने अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों से कहा कि मैं आपके चेहरों पर अनिश्चितताओं का अंत देख सकता हूं। मोदी ने कहा कि ये रामलीला मैदान अनेक ऐतिहासिक अवसरों का साक्षी रहा है। इसी मैदान पर आज आप यहां भारी संख्या में, दिल्ली के कोने-कोने से हम सभी को आशीर्वाद देने आए हैं, इसके लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। मुझे संतोष है कि दिल्ली के 40 लाख से ज्यादा लोगों के जीवन में नया सवेरा लाने का एक उत्तम अवसर मुझे और भारतीय जनता पार्टी को मिला है। प्रधानमंत्री उदय योजना के माध्यम से, आपको आपके अपने घर, अपनी जमीन, अपने जीवन की सबसे बड़ी पूंजी पर संपूर्ण अधिकार मिला, इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई। पीएम ने कहा कि आजादी के इतने दशकों बाद तक दिल्ली की एक बड़ी आबादी को अपने घरों को लेकर डर, चिंता, अनिश्चितता, छल-कपट औऱ झूठे चुनावी वायदों से गुजारना पड़ा है। अवैध, अनाधिकृत, जे जे क्लस्टर, सीलिंग, बुल्डोजर और एक कट ऑफ डेट, इन्हीं शब्दों के इर्दगिर्द दिल्ली की एक बड़ी आबादी का जीवन सिमट गया था। चुनाव आते थे तो तारीखें आगे बढ़ाई जाती थी, बुल्डोजर का पहिया कुछ समय तक रुक जाता था, लेकिन समस्या वहीं की वहीं रहती थी। लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में, दिल्ली की कॉलोनियों से जुड़ा बिल पास कराया जा चुका है। इतने कम समय में टेक्नोलॉजी की मदद से दिल्ली की 1700 से ज्यादा कॉलोनियों की बाउंड्री को चिह्नित करने का काम पूरा किया जा चुका है। इतना ही नहीं 1200 से ज्यादा कॉलोनियों के नक्शे भी पोर्टल पर डाले जा चुके हैं। जिन लोगों पर आप लोगों ने अपने घरों को नियमित कराने के लिए भरोसा किया था, वो खुद क्या कर रहे थे? इन लोगों ने दिल्ली के सबसे आलीशान और सबसे महंगे इलाकों में दो हजार से ज्यादा बंगले, अवैध तरीके से अपने करीबियों को दे रखे थे। दिल्ली के लोगों का जीवन आसान बने, ईज़ ऑफ़ लिविंग बढ़े, दिल्ली में कनेक्टिविटी बेहतर हो, ये केंद्र सरकार की प्राथमिकता रही है। मोदी ने कहा कि तमाम राजनीति और अवरोधों के बीच बीते 5 वर्षों में हमने दिल्ली मेट्रो का अभूतपूर्व विस्तार किया है। दिल्ली मेट्रो के फेज-4 को लेकर अगर यहां की राज्य सरकार ने राजनीति नहीं की होती, बेवजह के अड़ेंगे नहीं लगाए होते, तो इसका काम भी काफी पहले शुरू हो गया होता। इसलिए मैं कहता हूं कि आप के नाम पर राजनीति करने वाले, आपकी तकलीफों को कभी न समझे हैं और न समझने का इरादा है। प्रदूषण पर पीएम मोदी बोले शहर में प्रदूषण कम हो, इसके लिए भी हमने निरंतर प्रयास किया है। बीते 5 वर्षों में दिल्ली में सैकड़ों नए सीएनजी स्टेशन बनाए गए हैं। यहां जो उद्योग-धंधे चल रहे हैं, उनमें से आधों को पीएनजी आधारित बनाया जा चुका है। पीएम ने पीने के पानी की समस्या पर कहा कि आज दिल्ली में जो राज्य सरकार है, वो यहां की सबसे बड़ी समस्या से आँख मूंद कर बैठी है। ये समस्या है पीने के पानी की। इन लोगों की मानें तो पूरी दिल्ली में हर जगह साफ पानी मिलता है, हर घर में बिल्कुल साफ पानी आता है! क्या आप इस बात से सहमत हैं?



सीएए पर मोदी ने कहा कि अभी हाल में जो संसद का सत्र समाप्त हुआ, उसमें दिल्ली की कॉलोनियों से जुड़े बिल के अलावा, दूसरा महत्वपूर्ण बिल पास हुआ- सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल। लेकिन इस बिल के पास होने के बाद कुछ राजनीतिक दल तरह-तरह की अफवाहें फैलाने में लगे हैं, लोगों को भ्रमित कर रहे हैं, भावनाओं को भड़का रहे हैं। मैं उनसे जानना चाहता हूं, क्या जब हमने दिल्ली की सैकड़ों कॉलोनियों को वैध करने का काम किया, तो किसी से पूछा क्या कि आपका धर्म है, आपकी आस्था किस तरफ है, आप किस पार्टी के समर्थक हैं? मैं जानना चाहते हूं कांग्रेस और उसके साथियों से, उसकी तरह देश को बांटने की राजनीति करने वाले दलों से कि आप क्यों देश की जनता से झूठ बोल रहे हैं, उन्हें भड़का रहे हैं। पिछले पाँच साल में हमारी सरकार ने डेढ़ करोड़ से ज्यादा गरीबों को घर बनाकर दिए हैं। हमने किसी से नहीं पूछा कि आपका क्या धर्म है? फिर क्यों कुछ लोग झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं, देश को गुमराह कर रहे हैं। आज जो ये लोग कागज-कागज, सर्टिफिकेट-सर्टिफिकेट के नाम पर मुस्लिमों को भ्रमित कर रहे हैं,  उन्हें ये याद रखना चाहिए कि हमने गरीबों की भलाई के लिए इन योजनाओं के लाभार्थी चुनते समय कागजों की बंदिशें नहीं लगाईं। वरना पहले तो ये होता था कि सरकार की योजना शुरू होने पर लाभार्थियों को तमाम तरह की तिकड़में लगानी पड़ती थीं, यहां-वहां चक्कर काटने पड़ते थे ताकि सरकारी लिस्ट में नाम जुड़ जाये। हमने ये सब बंद करा दिया। हमने तय किया की हर योजना का लाभ हर ग़रीब को मिलेगा। प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना को दिल्ली में न लागू करने पर मोदी ने राज्य सरकार को घेरा और कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ एश्योरेंस स्कीम आज भारत में चल रही है। इस योजना ने देश के 50 करोड़ से ज्यादा गरीबों को, 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा सुनिश्चित की है। राजनीतिक स्वार्थ के कारण, यहां की सरकार ने आयुष्मान भारत योजना दिल्ली में लागू नहीं की। इस योजना में तो किसी से नहीं पूछा जा रहा कि पहले आप अपना धर्म बताइए, फिर आपका इलाज शुरू किया जाएगा। फिर ऐसे झूठे आरोप क्यों, इस तरह के आरोपों के बहाने, भारत को दुनिया भर में बदनाम करने की साजिश क्यों? इन लोगों ने दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के कई शहरों को अराजकता और डर के माहौल में धकेलने की नापाक कोशिश की है, साजिश की है। जिन पुलिसवालों पर आप पत्थर बरसा रहें हैं, उन्हें जख्मी करके आपको क्या मिलेगा? आज़ादी के बाद 33 हजार से ज्यादा पुलिसवालों ने, शांति के लिए, आपकी सुरक्षा के लिए शहादत दी है। झूठ बेचने वाले, अफवाह फैलाने वाले इन लोगों को पहचानने की ज़रूरत है। ये दो तरह के लोग हैं। एक वो लोग जिनकी राजनीति दशकों तक वोटबैंक पर ही टिकी रही है। दूसरे वो लोग जिनको इस राजनीति का लाभ मिला है। ये लोग सोचते थे कि खुद ही सरकार हैं। उनको लगता था कि देश उनके इशारे पर चलता है। ये सोचते थे कि वो जो इतिहास बताएंगे, वही सच मान लिया जाएगा, वो जो भविष्य बताएंगे, उसी को ही भारत का भाग्य मान लिया जाएगा। वोट बैंक की राजनीति करने वाले और खुद को भारत का भाग्य विधाता मानने वाले, आज जब देश की जनता द्वारा नकार दिए गए हैं, तो इन्होंने अपना पुराना हथियार निकाल लिया है- बांटों, भेद करो और राजनीति का उल्लू सीधा करो। कांग्रेस और उसके साथी, शहरों में रहने वाले पढ़े लिखे नक्सली -अर्बन नक्सल, ये अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा। कुछ तो अपनी शिक्षा की कद्र करिए। एक बार पढ़ तो लीजिए नागरिकता संशोधन एक्ट है क्या, एनआरसी है क्या! अब भी जो भ्रम में हैं, मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेन्शन सेंटर की अफवाह सरासर झूठ हैं। जो इस देश की मिट्टी के मुसलमान हैं, जिनके पुरखे मां भारती की ही संतान थे, उन पर नागरिकता कानून और एनआरसी दोनों का ही कोई लेना-देना नहीं है। ये एक्ट उन लोगों पर लागू होगा जो बरसों से भारत में ही रह रहे हैं। किसी नए शरणार्थी को इस कानून का फायदा नहीं मिलेगा।.जो लोग इस तरह का झूठ बोल रहे हैं उन्हें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से आए लोगों को सुरक्षा देने के लिए ये क़ानून है। मैं दलित राजनीति करने का दावा करने वालों से भी पूछना चाहता हूं कि आप इतने वर्षों से चुप क्यों थे, आपको इन दलितों की तकलीफ कभी क्यों नहीं दिखाई दी, आज जब इन दलितों के जीवन की सबसे बड़ी चिंता दूर करने का काम मोदी सरकार कर रही है तो आपके पेट में चूहे क्यों दौड़ रहे हैं? रिफ्यूजी का जीवन क्या होता है, बिना किसी कसूर के अपने घरों से निकाल देने का दर्द क्या होता है, ये दिल्ली से बेहतर कौन समझ सकता है। रिफ्यूजी का जीवन क्या होता है, बिना किसी कसूर के अपने घरों से निकाल देने का दर्द क्या होता है, ये दिल्ली से बेहतर कौन समझ सकता है। यहां का कोई कोना ऐसा नहीं है, जहां बंटवारे के बाद किसी ऱिफ्यूजी का, बंटवारे से अल्पसंख्यक बने भारतीय का आंसू ना गिरा हो। सड़क पर हो रहा ये बवाल उन आंसुओं का अपमान है। सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट, किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए है। हमारे तीन पड़ोसी देशों के वो अल्पसंख्यक, जो अत्याचार की वजह से वहां से भागकर भारत आने को मजबूर हुए हैं, उन्हें इस एक्ट में कुछ रियायतें दी गई हैं, कुछ ढील दी गई है। महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख साथियों को जब लगे कि उन्हें भारत आना चाहिए तो उनका स्वागत है।



ये रियायत तब की भारत की सरकार के वादे के मुताबिक है, जो बंटवारे के कारण उस समय अल्पसंख्यक बने करोड़ों भारतीयों के साथ आज से 70 साल पहले किया गया था। मोदी ने सीएए पर विभिन्न नेताओं के बदले हुए हाव-भाव पर बोलते हुए बताया कि मनमोहन सिंह जी ने संसद में खड़े होकर कहा था कि हमें बांग्लादेश से आए उन लोगों को नागरिकता देनी चाहिए जिनका अपनी आस्था की वजह से वहां पर उत्पीड़न हो रहा है, जो वहां से भाग कर भारत आ रहे हैं। एक दौर था जब असम के पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस के दिग्गज नेता तरुण गोगोई जी भी चिट्ठियां लिखा करते थे, असम कांग्रेस में प्रस्ताव पास हुआ करते थे कि जिन लोगों पर बांग्लादेश में अत्याचार हो रहा है, जो वहां से हमारे यहां आ रहे हैं, उनकी मदद की जाए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मांग करते थे कि जो हिंदू या सिख पाकिस्तान से भागकर यहां आए हैं, उनकी स्थिति सुधारी जाए। आज ममता दीदी, कोलकाता से सीधे संयुक्त राष्ट्र पहुंच गई हैं। लेकिन कुछ साल पहले तक यही ममता दीदी संसद में खड़े होकर गुहार लगा रहीं थीं कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों को रोका जाए, वहां से आए पीड़ित शरणार्थियों की मदद की जाए। आज जिस वामपंथ को भारत की जनता नकार चुकी है, जो अब समाप्ति पर है, उसी के दिग्गज नेता प्रकाश करात ने भी धार्मिक उत्पीड़न की वजह से बांग्लादेश से आने वालों को मदद की बात कही थी। आज जब इन्हीं लोगों के राजनीतिक दल, धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए शरणार्थियों को नागरिकता देने से मना कर रहे हैं, तो इनका असली चेहरा भी देश के लोगों के सामने आ रहा है।उस समय की हमदर्दी सिर्फ बहाना था, देश की जनता के साथ बोला गया सफ़ेद झूठ था। आज जो पार्टियां यहां शोर मचा रही हैं, वो 2004 में कहां थीं जब वहां की सरकार ने कहा कि राज्य से बाहर के निवासी से शादी करने पर जम्मू-कश्मीर की बेटियों की वहां की नागरिकता खत्म हो जाएगी। क्या वो भेदभाव भारत के संविधान की स्पिरिट के अनुसार था? नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों के हाथ में जब ईंट-पत्थर देखता हूं तो मुझे और 130 करोड़ देशवासिओं को बहुत तकलीफ होती है। लेकिन जब उन्हीं में से कुछ के हाथ में तिरंगा देखता हूं, तो सुकून भी होता है। मुझे पूरा विश्वास है कि एक बार जब हाथ में तिरंगा आ जाता है तो वो फिर कभी हिंसा का, अलगाव का, बाटने की राजनीति का समर्थन नहीं कर सकता। मुझे पूरा विश्वास है कि हाथ में थमा यह तिरंगा इन लोगों को हिंसा फैलाने वालों के ख़िलाफ़, हथियार उठाने वालों के ख़िलाफ़, आतंकवादी हमले करने वालों के खिलाफ भी आवाज उठाने के लिये प्रेरित करेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि हाथ में थमा यह तिरंगा इन लोगों को पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भी आवाज उठाने के लिए प्रेरित करेगा। यही कसौटी है। तिरंगा उठाना हमारा अधिकार है लेकिन हाथो में आया तिरंगा ज़िम्मेदारियाँ भी लेकर आता है। कांग्रेस और उसके सहयोगी आज इस बात से भी तिलमिलाए हुए हैं कि आखिर क्यों मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और खासकर मुसलिम बहुल देशों में इतना समर्थन मिलता है। क्यों वो देश मोदी को इतना पसंद करते हैं! आज जो इस्लामिक वर्ल्ड है, हमारे जो गल्फ के देश हैं, उनके साथ भारत के संबंध मौजूदा दौर में सबसे बेहतरीन हैं। फिलिस्तीन हो, ईरान हो, सऊदी अरब हो, यूएई हो, या फिर जॉर्डन, तमाम देशों के साथ भारत के रिश्ते आज एक नई ऊंचाई को छू रहे हैं। अफ्गानिस्तान हो या फिलिस्तीन, सऊदी अरब हो या यूएई, मालदीव हो या बहरीन - इन सब देशों ने भारत को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है, भारत की संस्कृति के साथ अपने रिश्ते को और प्रगाढ़ करने की कोशिश की है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को भरोसा देते हुए कहा कि आप आश्वस्त रहिए, इन लोगों की साजिशों के बावजूद आपका ये सेवक देश के लिए, देश की एकता के लिए, शांति और सद्भाव के लिए, मुझसे जो भी बन सकेगा, मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा। ये लोग तो मेरे साथ आज से नहीं दो दशकों से इसी तरह का व्यवहार कर रहे हैं, अपने इसी पैटर्न पर चल रहे हैं। जो लोग गिद्ध की तरह भी नोचेंगे तो भी ये मोदी देश के लिए जियेगा, जूझता रहेगा, काम करता रहूंगा। मेरा आपसे आग्रह है कि आप दिल्ली के जिस भी इलाके में रहते हैं, वहां पर अगले एक हफ्ते तक जबरदस्त सफाई अभियान शुरू किया जाए।नए साल का स्वागत, और ज्यादा साफ-सुथरी दिल्ली के साथ किया जाए।


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