सीएए कानून सिर्फ नागरिकता देने के लिए है, लेने के लिए नहीं : डीएम

फर्रुखाबाद (का ० उ ० सम्पादन)। डीएम मानवेन्द्र सिंह की अध्यक्ष्ता में पीस कमेटी की बैठक कोतवाली फर्रुखाबाद में आहूत की गई। बैठक में डीएम ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के विरोध को लेकर लगातार अल्पसंख्यक वर्ग के साथ बैठक भी आयोजित की गई। लगातार शहर में भ्रमण कर अल्पसंख्यक समाज के साथ संवाद कर समझाने का प्रयास किया गया। बैठक में पूर्ण रूप से आश्वासन देने के पश्चात भी शहर में अप्रिय घटना को जो कि सरासर गलत है। डीएम ने कहा कि यदि इस प्रकार की घटना को पुनः अंजाम देने की कोशिश भी की गई तो उस पर बड़ी कार्यवाही की जायेगी। कानून की अनदेखी करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। जनपद की गंगा जमुनी तहज़ीब एवं शांति, सौहार्द, अमन चैन कायम रखने में अपना सहयोग प्रदान करें।  सभी नागरिक अराजकतत्वों पर ध्यान न देकर अपने कार्यों पर ध्यान दें अपने परिवार के साथ रहे। किसी भी प्रकार की गलतफैमी को दिलों में न पनपने दें। किसी प्रकार की समस्या होने पर  करें ताकि समस्या का निदान किया जा सके।  अनावश्यक रूप से कोई धरना प्रदर्शन एवं जुलूस न निकाले। बैठक में डीएम ने अवगत कराया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 सीएए कानून सिर्फ नागरिकता देने के लिए है। किसी की नागरिकता छीनने का अधिकार इस कानून में नहीं है। भारत के अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलामानों का सीएए से कोई आहित नहीं है। सीएए से देश के नागरिकों की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह कानून किसी भी भारतीय हिन्दू, मुसलमान आदि को प्रभावित नहीं करेगा। इस अधिनियम के तहत पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण यहां से आए हिन्दू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म को मानने वाले शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 से पूर्व ही भारत में रह रहे हों तथा जो केवल इन तीन देशों से धर्म के आधार पर प्रताड़ित किये गए हों। अभी तक भारतीय नागरिकता लेने के लिए 11 साल भारत में रहना अनिवार्य था। यह कानून केवल उन लोगों के लिए है,  से बाहर उत्पीड़न  किया और उनके पास भारत आने के अलावा और कोई जगह नहीं है। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक, नगर मजिस्ट्रेट, क्षेत्राधिकारी पुलिस शहर, एस ओ कोतवाली फर्रुखाबाद एवं सभ्रांत नागरिक उपस्थित थे।      


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