जीवन यापन की लड़ाई लड़ने वालों को मोदी जी ने नागरिकता देकर मुख्यधारा में लाने का काम किया: जे पी नड्डा


नई दिल्ली (का ० उ ० सम्पादन)भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भाजपा मुख्यालय, नई दिल्ली में पाकिस्तान से आये अनुसूचित जाति वर्ग के शरणार्थियों से मुलाकात की। इस अवसर पर जनमानस को सम्बोधित करते हुए जे पी नड्डा ने कहा कि नागरिकता संशोधन विषय हमारे घोषणा पत्र से लेकर हमारी सोच में शुरु से विद्यमान था। देश की जनता ने हमें ताकत दी, हमारे सांसद चुनकर आए, और सांसदों के माध्यम से ही कानून बनता है। इस तरह आपको नागरिकता देने का काम हुआ है। उन्होंने कहा कि देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ, 1947 में लाखों लोगों को अपने घर, संस्कृति को छोड़कर जान बचाकर यहां आना पड़ा। उस दौरान 20वीं सदी का सबसे बड़ा नरसंहार हुआ, लाखों लोग मारे गए थे। उस समय महात्मा गांधी ने कहा था कि जो लोग पाकिस्तान में हैं और हिन्दू, जैन और बौद्ध होने के कारण सुरक्षित नहीं है, उन्हें भारत लाने का प्रयास किया जाना चाहिए और उन्हें जीवन जीने का अधिकार दिया जाना चाहिए। कार्यकारी अध्यक्ष ने आगे कहा कि मोदी जी ने जब नागरिकता संशोधन कानून बना दिया, जिसके आधार पर शरणार्थियों को नागरिकता मिल रही है, तब विपक्षियों ने वोटबैंक की राजनीति करते हुए, लोगों को गुमराह करना शुरु किया। विपक्षी दल लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि इससे उनकी नागरिकता चली जाएगी। सीएए से पहले भारत आए शरणार्थियों के बच्चों के स्कूल-कॉलेजों में दाखिला नहीं होता था, वो भारत में अपना घर नहीं बना सकते थे, नरेन्द्र मोदी जी ने आपका रास्ता साफ किया है। अब आप भारत के नागरिक हैं और भारत के नागरिक के सभी अधिकार आपको प्राप्त हैं। इन धार्मिक उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों में से 60-70% दलितों के हैं। मतुआ, राजवंशी, मेघवाल और ऐसे और भी लोग पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हैं। इन लोगों को पीएम मोदी ने नागरिकता प्रदान करके मदद की है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जो लोग भारत में आये हैं उनमें से अधिकांश दलित हैं। कोई पाकिस्तान से आया है और कोई बांग्लादेश से। जो लोग अपने जीवन यापन की लड़ाई लड़ रहे हैं, ऐसे लोगों को मोदी जी ने नागरिकता देकर मुख्यधारा में लाने का काम किया है।


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