खादी को बढ़ावा देने के लिए रेमण्ड के साथ किया जायेगा समझौता: सिद्धार्थ नाथ सिंह

> उत्तर प्रदेश दिवस समारोह के अवसर पर ओडीओपी, खादी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना एवं माटीकला बोर्ड के तकनीकी सत्र एवं सम्मान समारोह का आयोजन।


> पीएमयू के गठन से सभी सरकारी विभागों को जेम से सामान / सेवाओं के क्रय में सुगमता होगी: डॉ नवनीत सेहगल


> गोविंदराजू एनएस, आयुक्त एवं निदेशक, ओडीओपी, उद्योग निदेशालय और सुजीत कुमार, एमडी, यूपीएसआरएलएम द्वारा एमओयू का आदान-प्रदान किया।


> 2 हजार लाभार्थियों में उन्नत टूल किट का वितरण किया गया।


> पद्मश्री डॉ. रजनीकांत ने ओडीओपी उत्पादों पर जीआई टैगिंग के लाभ के बारे में बताया।



लखनऊ (का ० उ ० सम्पादन)। उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर शनिवार को अवध शिल्पग्राम, लखनऊ में एक जनपद एक उत्पाद, खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना एवं माटी कला बोर्ड विषय पर एक तकनीकी एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, वस्त्र उद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई, निवेश प्रोत्साहन, मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्री सिंह ने केंद्र एवं प्रदेश सरकार की नीति 'सबका साथ, सबका विकास, और सबका विश्वास को ध्यान में रखते हुए उपस्थित हस्तशिल्पी एवं परंपरागत कारीगरों को ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, खादी और ग्रामोद्योग एवं माटी कला योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने उद्यमियों / कारीगरों / हस्तशिल्पियों से योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने ओडीओपी योजना द्वारा स्थानीय उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने एवं प्रोत्साहन हेतु योजना की विशेष प्रशंसा की और कहा इनमें से कई उत्पाद ऐसे हैं जो अपनी पहचान खो रहे थे और इन्हें एक जनपद एक उत्पाद योजना के माध्यम से पुनर्जीवित किया गया है। खादी को बढ़ावा देने के लिए रेमण्ड के साथ समझौता किया जायेगा। उद्यमियों के पैसे की दिक्कत को दूर करने के लिए बैंकों का सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नयी तकनीक के आने से गुणवत्तापरक उत्पाद बनेंगे और निर्यात बढ़ेगा। एमएसएमई मंत्री ने कहा की परम्परागत व्यवसायों में सैकड़ों वर्षों से कार्यरत उद्यमियों / कारीगरों / हस्तशिल्पियों के उत्पादों में मूल्य वृद्धि के माध्यम से उनके सामाजिक एवं आर्थिक स्तर में सुधार होगा। उन्होंने कहा की आगामी कुछ महीनों में ओडीओपी प्रकोष्ठ डिफेन्स एक्सपो, सूरजकुंड क्राफ्ट मेला, दिल्ली हाट इत्यादि में भी ओडीओपी प्रदर्शनी लगाने जा रहा है। हुनर हाट की तर्ज पर 'यूपी हाट' का आयोजन प्रदेश एवं देश के मुख्य शहरों में किया जायेगा। इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री, खादी, ग्रामोद्योग, टेक्सटाइल, एमएसएमई और निर्यात संवर्धन, चौधरी उदयभान सिंह ने लोगों से विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि आवश्यकता ही उत्पादन की जननी है, जैसे जैसे आवश्यकता बढ़ती है, वैसे वैसे उत्पादन भी बढ़ता है। देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए विभिन्न प्रकार के उद्योगों ने जन्म लिया। देश की जमीन से जुड़े हुए उद्योग धंधों को जब तक संबल प्रदान नहीं करेंगे, तब तक देश का विकास नहीं हो सकता। खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष गोपाल अंजान ने माटी कला के विकास के लिए संचालित योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजनान्तर्गत प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के स्थानीय दस्तकार एवं परम्परागत कारीगरों यथा - बढई, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची, राजमिस्त्री, हस्तशिल्पी को प्रशिक्षण एवं निःशुल्क उन्नत टूल किट प्रदान करके इन परम्परागत उद्यमियों के आजीविका के संसाधनों को सुदृढ़ किया जा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 20,000 लोगों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है।



प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग डॉ नवनीत सेहगल ने तकनीकी सत्र के दौरान प्रदेश में जेम के माध्यम से शासकीय क्रय तकनीकी कठिनाइयों के ससमय निराकरण हेतु प्रदेश स्तर पर एक जेम पीएमयू के गठन की बात कही। इसके लिए जेम सेल भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार के माध्यम से एमओयू किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पीएमयू के गठन से सभी सरकारी विभागों को जेम से सामान / सेवाओं के क्रय में सुगमता होगी। एक जनपद एक उत्पाद योजना के अन्तर्गत रोजगार अवसरों में वृद्धि हेतु सुजीत कुमार, प्रबन्ध निदेशक, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) के साथ भी समझौता किया गया। डॉ सेहगल ने कहा कि प्रथम यूपी दिवस के अवसर पर ओडीओपी कार्यकम की शुरूआत की गई थी। इसके तहत पारंपरिक कारीगरों को तमाम प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा इस आयोजन में ओडीओपी की मुख्य भूमिका होती है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश तभी आगे बढ़ेगा, जब अंतिम पायदान का व्यक्ति आर्थिक रूप से सशक्त होगा।



इस अवसर पर एक जनपद-एक उत्पाद (ओडीओपी) तथा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के एक-एक हजार लाभार्थियों में उन्नत टूल किट का वितरण किया गया। इसके साथ ही ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना एवं खादी एवं ग्रामोद्योग की विभिन्न योजनाओं में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 18 प्रतिष्ठित हस्तशिल्पियों एवं उद्यमियों को सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की 03 एवं माटी कला बोर्ड की 03 संस्थाओं को भी सम्मानित किया गया।



ओडीओपी के तहत कानपुर नगर की सुश्री वान्या चंदेल को अमेजन पर 03 लाख रुपये प्रतिमाह बिक्री के लिए प्रथम पुरस्कार, गाजियाबाद के यांत्रिकी उत्पादक कृष्ण कुमार तलवार जिन्होंने ओडीओपी के तहत गत वर्ष 4.5 करोड़ रुपये के सर्जिकल उपकरण निर्यात किये उन्हें द्वितीय पुरस्कार मिला। इनके अतिरिक्त पीलीभीत की बांसुरी निर्माता श्रीमती हिना परवनी 10 लाख का वार्षिक व्यापार करने पर तीसरे स्थान पर रहीं। इनको कमशः 40 हजार, 30 हजार एवं 20 हजार की राशि एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। उ प्र खादी तथा ग्रामोद्योग क्षेत्र में सराहनीय प्रदर्शन करने वाले बागपत के मुकेश, झांसी के आजाद एवं बांदा के सुनील कुमार कमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। इनके अतिरिक उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली संस्थाओं अवध युवा कल्याण ग्रामोद्योग संस्थान मुरादाबाद प्रथम, विनोवा ग्रामोद्योग विकास संस्थान बांदा द्वितीय एवं स्वराज आश्रम कानपुर नगर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार माटी कला बोर्ड के तहत विभिन्न प्रकार के घरेलू एवं सजावटी वस्तुओं के निर्माता गोरखपुर के गब्बूलाल प्रजापति प्रथम, बुलन्दशहर के राम प्रकाश प्रजापति द्वितीय तथा लखनऊ के सरजू प्रसाद तृतीय स्थान प्राप्त करने में कामयाब रहे। इनके अतिरिक्त विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत पुरस्कार प्राप्त करने वालों में सीतापुर के रामजीवन, हैदरगढ़ बाराबंकी के बृजेश कुमार, कानपुर नगर के अशोक कुमार ठाकुर, अयोध्या के राम प्रवेश सोनी, कानपुर देहात के लालजी सोनी, उन्नाव के दीपक कुमार प्रजापति, हरदोई के गोविन्द शर्मा, रायबरेली के राम विलास तथा लखनऊ अमित कुमार वर्मा शामिल हैं। इनके अलावा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं में मै0 यूपिको लिमिटेड, एग्रीकल्चर फायनेंस कारपोरेशन ऑफ इण्डिया तथा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड को सम्मानित किया गया।


ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, खादी एवं माटी कला बोर्ड के क्रियाकलापों पर तकनीकी सत्र में संचालित योजनाओं को और अधिक जनोन्मुखी तथा लाभदायक बनाने के संबंध में विषय विशेषज्ञों ने विस्तार से जानकारी दी। बैंक ऑफ बड़ौदा के उपमहाप्रबंधक बलबीर सिह लूथरा ने ओडीओपी के शिल्पकारों एवं उनकी इकाइयों को सुगम वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के संबंध विस्तार से जानकारी दी। क्यूसीआई अजय शर्मा ने एक जनपद एक उत्पाद के उत्पादों की गुणवत्ता का मानकीकरण एवं इसके लाभ के बारे में बताया। प्रबंध निदेशक यूपीएसआरएलएम सुजीत कुमार द्वारा ओडीओपी के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों के सशक्तीकरण पर विशेष बल दिया गया। ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक एवं जीआई विशेषज्ञ रजनी कांत ने जीआई टैगिंग के लाभों से अवगत कराया। इसके अतिरिक्त रेमण्ड के अल्बर्ट रिगो ने खादी को बढ़ावा देने की बात कही। भरत साह, निदेशक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी रायबरेली ने खादी उत्पादों की डिजाइनिंग एवं पैकेजिंग की चर्चा की।


कार्यक्रम में ओडीओपी तथा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की योजनाओं पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। साथ ही रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गये। गोविंद राजू एन एस,आयुक्त एवं निदेशक, उद्योग और उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय, उत्तर प्रदेश ने सभी गणमान्य लोगों का धन्यवाद व्यक्त किया।


कानपुर नगर एवं कानपुर देहात के होनहार उत्तर प्रदेश दिवस में सम्मानित:


> ओडीओपी के तहत कानपुर नगर की सुश्री वान्या चंदेल को अमेजन पर 03 लाख रुपये प्रतिमाह बिक्री के लिए मिला प्रथम पुरस्कार।


> उ प्र खादी तथा ग्रामोद्योग क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली संस्थाओं में स्वराज आश्रम कानपुर नगर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।


> विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत पुरस्कार प्राप्त करने वालों में कानपुर नगर के अशोक कुमार ठाकुर व कानपुर देहात के लालजी सोनी शामिल हैं।



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