मुख्यमंत्री योगी द्वारा मंडी अधिनियम के अधीन चैरिटेबिल संस्थाओं को दी जाने वाली धनराशि को बढ़ाए जाने का संशोधन प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने के दिए निर्देश

> मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के संचालक मण्डल की 157वीं बैठक सम्पन्न।


> उ0प्र0 में उत्पादित फल व सब्जियों के निर्यातकों को बढ़ावा देने के लिए मण्डी शुल्क व विकास सेस से छूट दिये जाने का निर्णय।


> मुख्यमंत्री ने ई-गवर्नेन्स व्यवस्था को शत-प्रतिशत लागू करने और ई-नाम परियोजना को और अधिक सुदृढ़ करने के निर्देश दिए।



लखनऊ (का ० उ ० सम्पादन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बीते बृहस्पतिवार को लोक भवन में राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के संचालक मण्डल की 157वीं बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में शासकीय कृषि विश्वविद्यालयों में 03 छात्रावासों के निर्माण, जैविक मण्डी विपणन केन्द्रों की स्थापना, जैविक सुसज्जित प्रयोगशाला की स्थापना एवं हाट पैठ के निर्माण आदि विषयों पर सम्यक चर्चा के उपरान्त प्रस्तुत प्रस्तावों को अनुमोदित किया गया। इसके अतिरिक्त उ प्र में उत्पादित फल व सब्जियों के निर्यातकों को बढ़ावा देने के लिए मण्डी शुल्क व विकास सेस से छूट दिये जाने का निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी द्वारा कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध रूप से किये जाने के निर्देश दिये गये। दलहन / तिलहन व सब्जियों के मूल्यों पर विशेष सतर्कता बरते जाने के भी निर्देश दिये गये। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मण्डी अधिनियम के अधीन चैरिटेबिल संस्थाओं को दी जाने वाली धनराशि, जो विगत वित्तीय वर्ष की सम्पूर्ण आय का 2 प्रतिशत होती है, को बढ़ाये जाने का संशोधन प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने के भी निर्देश दिये गये। वर्तमान में निर्धारित मण्डी शुल्क एवं विकास सेस की दरों में कोई परिवर्तन नहीं होगा। साथ ही, यह भी निर्देशित किया गया कि निराश्रित गोवंश के कल्याण के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं को ही इसका लाभ प्राप्त हो, ऐसी व्यवस्था पशुपालन विभाग के माध्यम से सुनिश्चित की जाए। योगी जी ने ई-गवर्नेन्स व्यवस्था को दृढ़तापूर्वक एवं शत-प्रतिशत लागू किये जाने के निर्देश देते हुए अपेक्षा की कि ई-नाम परियोजना को और अधिक सुदृढ़ किया जाए तथा समस्त प्रपत्रों यथा प्रपत्र 6, प्रपत्र 9 व गेटपास आदि को ऑनलाइन निर्गत किये जाने की योजना को शत-प्रतिशत क्रियाशील किया जाए। उन्होंने ग्रामीण हाटपैठ योजना के संबंध में सम्यक चर्चा उपरान्त यह निर्देश दिये कि हाटपैठ का निर्माण ऐसे स्थान पर ही हो जहां पर संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा उनके संचालन के दायित्व के निर्वहन की सहमति प्रदान की जाए। बैठक के प्रारम्भ में प्रमुख सचिव, कृषि विपणन अमित मोहन प्रसाद द्वारा संचालक मण्डल के सदस्यों का स्वागत किया गया। तदोपरान्त निदेशक, मण्डी परिषद जितेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा प्रस्तावों का प्रस्तुतीकरण किया गया। बैठक के दौरान संचालक मण्डल की गत 156वीं बैठक की कार्यवाही की पुष्टि की गयी। विगत दो वित्तीय वर्षों में मण्डी परिषद की कुल आय में लगभग 50 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए निदेशक मण्डी परिषद द्वारा अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में क्रमश: 1210, 1552 व 1822 करोड़ रुपए की आय हुई। माह दिसम्बर, 2019 तक 1508 करोड़ रुपए की आय प्राप्त की जा चुकी है तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष में मण्डी परिषद की आय 2000 करोड़ रुपए से अधिक किया जाना लक्षित है। बैठक के अन्त में अपर निदेशक, मण्डी परिषद कुमार विनीत द्वारा उपस्थित सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीराम चौहान द्वारा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में भाग लिया गया। इनके अतिरिक्त, मुख्य सचिव आर के तिवारी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा सहित निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, प्रभारी कृषि निदेशक कृषि निदेशालय, निबन्धक सहकारी समितियां, प्रभारी निदेशक कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार तथा निदेशक मण्डी परिषद द्वारा बैठक में प्रतिभाग किया गया।


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