प्रदेश में पुलिस विभाग के कुल 63 निष्प्रयोज्य घोषित प्रशासनिक भवनों का होगा ध्वस्तीकरण


लखनऊ (का ० उ ० सम्पादन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बीते सोमवार को यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिनमें मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में पुलिस विभाग के कुल 63 आवासीय भवन/ बैरक/अस्पताल कालोनी एवं जीर्ण-शीर्ण प्रशासनिक भवन आदि को निष्प्रयोज्य घोषित कर ध्वस्तीकरण कराए जाने एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्धारित मंस मूल्य एवं ध्वस्तीकरण की लागत के सापेक्ष स्क्रैप मूल्य को समायोजित करते हुए 10 करोड़ 56 लाख 75 हजार रुपए को बट्टे खाते में डालने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। लोक निर्माण विभाग के शासनादेश दिनांक 10 अक्टूबर, 2013 में की गई व्यवस्था के आलोक में प्रशासकीय विभाग को केवल 50,000 रुपए से 1,00,000 रुपए तक ही खाता मूल्य के भवनों के निष्प्रयोज्य/ध्वस्तीकरण किए जाने का अधिकार प्राप्त है। जनपद के सक्षम अधिकारी द्वारा यह प्रमाणित किया गया है कि सम्बन्धित निष्प्रयोज्य भवन/बैरक की सम्प्रति किसी अन्य विभाग को आवश्यकता नहीं है और न ही यह भवन/ बैरक सुगमतापूर्वक किसी सार्वजनिक उपयोग में लाए जा सकते हैं। निष्प्रयोज्य/ध्वस्तीकरण कराकर लोक निर्माण विभाग द्वारा इन परिसम्पत्तियों के लिए निर्धारित मूल्य 10 करोड़ 56 लाख 75 हजार रुपए मात्र को बट्टे खाते में जमा कराया जाएगा। ध्वस्तीकरण से प्राप्त सामग्री (मलबा आदि) के नियमानुसार निस्तारण के फलस्वरूप प्राप्त धनराशि को संगत नियमों के अनुसार राजकोष में जमा किया जाएगा।


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