प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन से बालिकाओं को करें लाभान्वित: स्वाती सिंह

卐 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने विभागीय अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक।

卐 महिला कल्याण विभाग, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार द्वारा संचालित योजनाओं में गुणवत्ता का रखे विशेष ध्यान: स्वाती सिंह 

卐 राजकीय सम्प्रेषण गृह में आवासित किशोरों की संख्या अधिक पाए जाने पर न्यायालय में पैरवी करते हुए संख्या को कम किये जाने के निर्देश।


प्रयागराज। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, महिला कल्याण उ प्र श्रीमती स्वाती सिंह ने अपने प्रयागराज भ्रमण के दौरान सर्किट हाउस प्रयागराज में प्रयागराज मण्डल के जिला कार्यक्रम अधिकारियों, उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी प्रयागराज मण्डल प्रयागराज एवं जिला प्रोबेशन अधिकारियों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक की। बैठक में महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार द्वारा संचालित योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी।


समीक्षा बैठक के पश्चात मंत्री द्वारा सांसद फूलपुर श्रीमती केशरी देवी पटेल, प्रभात रंजन (उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी, प्रयागराज मण्डल, प्रयागराज), पंकज कुमार मिश्र (जिला प्रोबेशन अधिकारी, प्रयागराज), बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्य, विवेक कुमार द्विवेदी, विधि सह परिवीक्षा अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों के साथ महिला कल्याण विभाग उ प्र शासन द्वारा संचालित राजकीय बाल गृह (शिशु), राजकीय बाल गृह (बालिका), राजकीय महिला शरणालय एवं राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर) प्रयागराज का औचक निरीक्षण किया गया। मंत्री द्वारा निरीक्षण के दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि राजकीय बाल गृह (शिशु) प्रयागराज के रसोई घर में सीलन है, सीलन को तत्काल दूर किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। राजकीय बाल गृह (बालिका) में आवासित बालिकाओं की काउन्सिलिंग कराते हुए समुचित पुनर्वासित करने के कार्य हेतु निर्देशित किया। साथ ही साथ ब्यूटीशियन संबंधी समस्त कोर्स प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अधीन संचालित योजनाओं से संस्था में आवासित बालिका को लाभान्वित कराये जाने का निर्देश दिया। राजकीय महिला शरणालय प्रयागराज में आवासित महिला/बालिकाओं को भी प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन के अधीन लाभान्वित कराये जाने का निर्देश दिया गया साथ ही होटल मैनेजमेंट का कोर्स भी संचालित किये जाने का निर्देश दिया गया। राजकीय सम्प्रेषण गृह में आवासित किशोरों की संख्या स्वीकृत क्षमता के सापेक्ष 04 गुना अधिक है। सम्बन्धित न्यायालय में प्रभावी पैरवी करते हुए इनकी संख्या को कम किये जाने के निर्देश दिये गये। भ्रमण में सांसद द्वारा राजकीय सम्प्रेषण गृह को मॉडल सम्प्रेषण गृह के रूप में विकसित किये जाने हेतु दिशा-निर्देश दिये गये।

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