सब्सिडी प्राप्त करने वाले कृषकों के लिए डिप / स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली अनिवार्य बनायी जाए: मुख्यमंत्री 

> मुख्यमंत्री के समक्ष नमामि गंगे एवं जलापूर्ति विभाग के अन्तर्गत लघु सिंचाई विभाग में प्रचलित बोरिंग की विभिन्न योजनाओं के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण।


> लघु सिंचाई विभाग में प्रचलित बोरिंग की विभिन्न योजनाओं को उद्यान/कृषि विभाग की ड्रिप/स्प्रिंकलर सिंचाई योजना से जोड़ने (डवटेलिंग) के निर्देश। 



लखनऊ (का ० उ ० सम्पादन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष बीते मंगलवार को नमामि गंगे एवं जलापूर्ति विभाग के अन्तर्गत लघु सिंचाई विभाग में प्रचलित बोरिंग की विभिन्न योजनाओं के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने लघु सिंचाई विभाग में प्रचलित बोरिंग की विभिन्न योजनाओं को उद्यान / कृषि विभाग की ड्रिप / स्प्रिंकलर सिंचाई योजना से जोड़ने (डवटेलिंग) के निर्देश दिये। ड्रिप / स्प्रिंकलर सिंचाई अपनाने से काफी मात्रा में पानी की बचत की जा सकती है। सब्सिडी प्राप्त करने वाले कृषकों के लिए ड्रिप / स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली अनिवार्य बनायी जाए। प्रस्तुतीकरण के दौरान योगी जी को अवगत कराया गया कि वर्तमान में लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्रदेश के कृषकों को सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न योजनाएं यथा निःशुल्क बोरिंग, मध्यम गहरी बोरिंग एवं गहरी बोरिंग कार्यक्रम संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के अन्तर्गत कृषकों के यहां ट्यूबवेल का निर्माण किया जाता है तथा कृषकों को उक्त ट्यूबवेल के निर्माण हेतु अलग-अलग योजनाओं में कृषक की श्रेणी के अनुसार अनुदान दिया जाता है। उन्हें ड्रिप सिंचाई पद्धति के अन्तर्गत किसानों के लिए अनुमन्य अनुदान के विषय में भी जानकारी दी गयी। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह, जल शक्ति राज्यमंत्री बलदेव ओलख, प्रमुख सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण सुधीर गर्ग, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।


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