23 चीनी मीलों पर देय गारण्टी शुल्क माफ किए जाने का निर्णय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जिसमें उ प्र सहकारी चीनी मिल्स संघ लि की चीनी मिलों द्वारा उ प्र सहकारी बैंक / जिला सहकारी बैंकों से उपलब्ध करायी जाने वाली नकद साख सीमा की सुविधा के लिए दी गई शासकीय गारण्टी पर देय गारण्टी शुल्क माफ किए जाने का निर्णय लिया गया। मंत्रिपरिषद ने उ प्र सहकारी चीनी मिल्स संघ लि की चीनी मिलों द्वारा उ प्र सहकारी बैंक / जिला सहकारी बैंकों से उपलब्ध करायी जाने वाली नकद साख सीमा की सुविधा के लिए दी गई शासकीय गारण्टी पर देय गारण्टी शुल्क माफ किए जाने का निर्णय लिया है। इसके अन्तर्गत सहकारी चीनी मिलों की जर्जर आर्थिक स्थिति एवं संसाधनों की कमी को देखते हुए पेराई सत्र 2019-20 में उ प्र सहकारी चीनी मिल्स संघ लि की चीनी मिलों के लिए उ प्र सहकारी बैंक एवं जिला सहकारी बैंकों द्वारा उपलब्ध करायी गई नगद साख सीमा की सुविधा के लिए 3221.63 करोड़ रुपए की शासकीय गारण्टी पर देय गारण्टी शुल्क कुल 8.05 करोड़ रुपए को माफ किए जाने का निर्णय लिया गया है। ज्ञातव्य है कि उ प्र सहकारी चीनी मिल्स संघ की चीनी मिलों को चलाए जाने हेतु उ प्र सहकारी बैंक एवं जिला सहकारी बैंकों से ली जाने वाली नकद साख सीमा के विरुद्ध मंत्रिपरिषद की दिनांक 10 सितम्बर, 2019 को सम्पन्न बैठक में शासकीय गारण्टी प्रदान की गई है तथा इस शासकीय गारण्टी पर देय गारण्टी शुल्क को माफ नहीं किया गया है। विगत पेराई सत्र 2018-19 में 2703.92 करोड़ रुपए की नकद साख सीमा के विरुद्ध शासकीय गारण्टी दी गई थी एवं इस शासकीय गारण्टी पर देय गारण्टी शुल्क को माफ किया गया था। उ प्र सहकारी चीनी मिल संघ लि की 23 चीनी मिलों को चलाये जाने हेतु सहकारी बैंकों, जिला बैंकों से ली जाने वाली नकद साख सीमा के विरुद्ध शासकीय गारण्टी प्रतिवर्ष प्रदान की गयी है, जिस पर नियमानुसार देय गारण्टी शुल्क उ प्र सहकारी चीनी मिल्स संघ लि0 को प्रदान किया जाना था, किन्तु सहकारी चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के फलस्वरूप देय गारण्टी शुल्क को माफ किये जाने का अनुरोध चीनी मिल्स संघ द्वारा किया गया है।