आबकारी विभाग की सम्पूर्ण कार्यप्रणाली को ऑनलाइन किए जाने के सम्बन्ध मेंनिर्णय लिया गया


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिसमें आबकारी विभाग की सम्पूर्ण कार्यप्रणाली को ऑनलाइन किए जाने के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया। मंत्रिपरिषद ने आबकारी विभाग की सम्पूर्ण कार्यप्रणाली को ऑनलाइन किए जाने हेतु सेवा प्रदाता का चयन करने के क्रम में परामर्शदाता कम्पनी ई एण्ड वाई द्वारा तैयार एवं शासन द्वारा अनुमोदित आरएफपी के आधार पर सम्पादित की जा रही निविदा प्रक्रिया में प्राप्त प्री-बिड क्वेरीज के आलोक में परामर्शदाता द्वारा तैयार आख्याओं एवं शुद्धि पत्र को अनुमोदित किए जाने एवं शुद्धि पत्र के साथ अपलोड किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। साथ ही, मंत्रिपरिषद ने परामर्शदाता द्वारा तैयार आख्याओं एवं शुद्धि पत्र में आने वाली यदा-कदा कठिनाइयों के समाधान / निवारण एवं प्रक्रिया के सरलीकरण हेतु आबकारी आयुक्त की संस्तुति पर आबकारी मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी द्वारा निर्णय लिए जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है। ज्ञातव्य है कि शासनादेश दिनांक 25 सितम्बर, 2019 द्वारा आबकारी विभाग की सम्पूर्ण कार्य प्रणाली को पीओएस मशीनों सहित ऑनलाइन किये जाने के क्रम में एण्ड टु एण्ड सॉल्यूशन उपलब्ध कराने वाले सेवा प्रदाता के चयन हेतु आबद्ध ई एण्ड वाई परामर्शदाता कम्पनी द्वारा तैयार किये गये आर एफ पी एवं मास्टर सर्विस एग्रीमेंट के आलेख एवं भुगतान प्रक्रिया के सम्बन्ध में निर्गत किया गया। दिनांक 16 अक्टूबर, 2019 को प्री-बिड मीटिंग आहूत की गयी, जिसमें 64 निविदादाता कम्पनियों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्री-बिड मीटिंग से पूर्व दिनांक 15 अक्टूबर, 2019 तक 814 क्वेरीज प्राप्त हुई। प्री-बिड मीटिंग में निविदादाता कम्पनियों के प्रतिनिधियों द्वारा आर एफ पी के प्राविधानों के सम्बन्ध में पृच्छायें की गयीं, जिनमें कतिपय पृच्छाओं पर वस्तुस्थिति स्पष्ट की गयी और उन्हें अवगत कराया गया कि प्राप्त समस्त प्री-बिड क्वेरीज पर मत स्थिर करते हुए विभाग द्वारा यथावश्यक शुद्धि पत्रों / आख्या से उन्हें शीघ्र ही अवगत कराया जाएगा। परामर्शदाता द्वारा प्रस्तुत प्री-बिड क्वेरीज पर आख्या का परीक्षण वित्त नियंत्रक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया गया है। समिति द्वारा प्री-बिड में प्राप्त क्वेरीज़ पर परामर्शदाता द्वारा सुझाये गये एवं प्रस्तावित शुद्धि पत्र के अनुसार आर एफ पी को संशोधित किये जाने एवं शासन स्तर से अनुमोदन प्राप्त किये जाने तथा अनुमोदनोपरान्त शुद्धि पत्र के साथ अपलोड किये जाने की संस्तुति की गयी है।


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