भारी संख्या में डिफॉल्टर होने के कारण ओटीएस योजना पुनः लागू करने का निर्णय


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिसमें विकास प्राधिकरणों तथा उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद में ओ०टी०एस0 2020 योजना लागू करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिपरिषद ने विकास प्राधिकरणों तथा उप्र आवास एवं विकास परिषद के डिफॉल्टर आवंटियों के प्रकरण को विनियमित करते हुए एक अवसर प्रदान करने के लिए पुनः एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस 2020) योजना लागू करने का निर्णय लिया है। ओटीएस योजना 2020 में ओ0टी0एस0 गणना के उपरान्त 50 लाख रुपए तक की धनराशि वाले प्रकरणों में कुल 04 माह तथा 50 लाख रुपए से अधिक तक की धनराशि वाले प्रकरणों में सम्पूर्ण धनराशि कुल 07 माह में जमा करने की व्यवस्था है। सम्पूर्ण धनराशि एकमुश्त जमा करने पर देय धनराशि पर 02 प्रतिशत छूट होगी। इसके फलस्वरूप राज्य सरकार पर कोई व्यय भार नहीं आएगा। नवीन योजना में शासनादेश निर्गत होने के एक माह तक व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके बाद तीन माह की अवधि में ऑनलाइन / ऑफलाइन आवेदन प्राप्त किए जाने तथा आवेदन प्राप्ति की तिथि से तीन माह में निस्तारित किए जाने की व्यवस्था है। उल्लेखनीय है कि विकास प्राधिकरणों तथा उ प्र आवास एवं विकास परिषद के डिफॉल्टर आवंटियों, क्रेताओं व ऋणगृहीताओं के प्रकरण के समाधान हेतु शासन द्वारा वर्ष 2000 एवं तत्पश्चात वर्ष 2001 में एकमुश्त समाधान योजना लागू की गई थी। वर्ष 2002 में बड़ी संख्या में आवंटी भुगतान डिफॉल्टर होने के कारण वन टाइम सैटेलमेन्ट योजना-ओटीएस 2002 शासनादेश दिनांक 12 अगस्त, 2002 द्वारा निर्गत की गई थी। यह योजना 31 दिसम्बर, 2010 तक प्रभावी थी। कतिपय संशोधनों के साथ इस योजना को 29 नवम्बर, 2011 को पुनः लागू किया गया, जो 31 मार्च, 2017 तक प्रभावी थी। अभी भी विकास प्राधिकरणों तथा उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद में भारी संख्या में डिफॉल्टर होने के कारण ओटीएस योजना 2020 लागू की जा रही है। आवास विकास परिषद एवं विभिन्न प्राधिकरणों की डिफॉल्ट सम्पत्तियों के निस्तारित हो जाने से एक ओर जहां इन्हें आर्थिक लाभ सुनिश्चित होगा, वहीं दूसरी ओर जन सामान्य को भी लाभ होगा।


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