जिस घर में सबमर्सिबल पम्प है, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा

卐  प्रत्येक दशा में जल जीवन मिशन के हर घर नल से जल अभियान 31 मार्च 2024 तक पूर्ण कराने का लक्ष्य निर्धारित।  

 कुओं, तालाबों का जीर्णोद्धार करना ही होगा: डाॅ महेन्द्र सिंह 

卐  गंगा के किनारे के क्षेत्रों में आप वृक्ष लगाएं और उसकी देखरेख करें: मंत्री, जल शक्ति विभाग

卐 गाय के गोबर का प्रयोग कर जैविक खेती करनी चाहिए: जिलाधिकारी 

卐 जितने प्रतिशत जल सभी के द्वारा उपयोग किया जा रहा है जल संचयन उसका कुछ ही प्रतिशत हो रहा है। 


कानपुर नगर (सूचना विभाग)। जल है तो कल है, जल है तो जीवन है, जल शक्ति मंत्रालय के स्वच्छता एवं  पेयजल विभाग के जल जीवन मिशन और जल शक्ति अभियान की हर घर नल से जल योजना से जोड़ने की पहल सरकार द्वारा की जा रही है। लगातार जल स्तर गिरने के कारण समस्त तालाबों, पोखरों, कुओं का चिन्हांकन करते हुए सभी का जीर्णोद्धार किया जाए।सभी सरकारी स्कूलों, ऑफिस, प्राइवेट स्कूल, इंजीनियरिंग कालेज समस्त शिक्षण संस्थानों औधोगिक इकाइयों में भू जल संरक्षण हेतु सभी जगहों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाए। साथ ही समस्त व्यक्तियों द्वारा जिन्होंने अपने घरों में सबमर्सिबल पम्प लगाया है सभी को भी रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य किया जा रहा है ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी, सरकार द्वारा कानून बनाया जा रहा है। सभी किसानों को पारम्परिक खेती की ओर बढ़ावा देना चाहिए इसके लिए गाय के गोबर गौमूत्र का प्रयोग कर जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए। उक्त  बातें शनिवार को जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने सीएसए सभागार में जल जीवन मिशन एवं ओडीएफ प्लस के अंतर्गत समस्त प्रधानों, सचिवों, ग्राम पंचायत एवं लेखपालों की एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने सभी प्रधानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि, जल है तो कल है ! जल है तो जीवन है ! सभी को जल बचाने के लिए जन जागरूकता के कार्य करने होंगे, इसके लिए जल संचय करते हुए सभी कुओं , तालाबों का जीर्णोद्धार करना ही होगा इसके लिए सरकार द्वारा समस्त तालाबों के कब्जे को चिन्हित करते हुए उनको खाली कराने का अभियान जल्द ही चालू किया जाएगा। अभियान चलाकर वृहद स्तर पर कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि लगातार जल प्रदूषण के कारण दूषित जल लोगों को पीने को मिल रहा है। इसके लिए सभी गावों के घरों को नलों से जोड़ने का अभियान सरकार द्वारा चलाया जायेगा। यह अभियान 31 मार्च 2024 तक प्रत्येक दशा में पूर्ण करना है इसके लिए सभी लेखपालों को पाइपलाइन पेयजल योजना की भूमि चिन्हांकन करने का लक्ष्य दिया गया है तथा समस्त प्रधानों को इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि लगातार जलस्तर की स्थिति गिरते हुए समस्या बढ़ रही है समस्या के निराकरण हेतु केंद्र सरकार ने जल स्तर बढ़ाने के उद्देश्य से सभी शिक्षण संस्थानों औद्योगिक संगठनों, प्राइवेट तथा सरकारी स्कूलों में भूगर्भ जल संचयन हेतु रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए हैं इसके लिए कानून भी बनाया जाएगा तथा जिन लोगों ने अपने घरों में समर्सिबल पंप लगा रखा है उनको भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा क्योंकि जितने प्रतिशत जल सभी के द्वारा उपयोग किया जा रहा है जल संचयन उसका कुछ ही प्रतिशत हो रहा है यह स्थिति बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है इसको दृष्टिगत रखते हुए जल संचयन हेतु वृहद प्लान तैयार किया जाए इसके लिए सरकार द्वारा कानून भी बनाया जाएगा। यदि जल का दोहन हम करते रहेंगे तो जल संचयन कब करेंगे। हमारे आने वाली पीढ़ी को बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा इसके लिए अभी से ही सभी को जागरूक होते हुए जल का संचयन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी को कम से कम 2 वृक्ष अवश्य लगाने चाहिए और उसको अपने बेटे की तरह पालना भी चाहिए, इसके लिए जगह की कोई कमी नहीं है गंगा के किनारे के क्षेत्रों में आप वृक्ष लगाएं और उसकी देखरेख करें। उस कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि सभी को प्राकृतिक खेती अवश्य करनी चाहिए क्योंकि हमारी पारंपरिक खेती जैविक खेती ही है हमारे पूर्वज बताते हैं कि कैसे गाय के गोबर तथा उससे खाद का प्रयोग किया जाता था उसी आधार पर सभी को गाय के गोबर का प्रयोग कर जैविक खेती करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि हमारे जनपद में 1717 राजस्व ग्रामों में 5938 तालाब चिन्हित हैं जो इस प्रकार हैं, सदर तहसील 789, घाटमपुर में 2011 नर्वल में 1099 बिल्हौर में 1039। इसी प्रकार जनपद में कुल कुवें 4778 हैं। सदर तहसील में 730 घाटमपुर तहसील में 1652 नर्वल तहसील में 605 तथा बिल्हौर में 791 है। समस्त को तथा तालाबों में अभियान चलाकर जो कब्जे हैं उन को चिन्हित करते हुए कब्जे खाली कराते हुए तथा तालाबों को पुनः जीर्णोद्धार किए जाने की वृहद कार्ययोजना तैयार कर समस्त का जीर्णोद्धार किया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधन बढ़ाने के लिए  पंचवटी लगाने की भी योजना तैयार की जाएगी इसमें छायादार वृक्ष लगाए जाएंगे। कार्यक्रम में अभय नारायण त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी, समस्त उपजिलाधिकारी, तथा समस्त विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।


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