माध्यमिक विद्यालयों को प्रान्तीयकृत किये जाने के सम्बन्ध में नीति निर्धारण


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जिसमें मंत्रिपरिषद ने माध्यमिक विद्यालयों को प्रान्तीयकृत किये जाने के सम्बन्ध में नीति निर्धारण के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। राज्य सरकार प्रदेश में जन सामान्य को गुणवत्तापरक शिक्षा के सुगमता पूर्वक समान अवसर उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध है। इस हेतु आवश्यक है कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद में कम से कम 01 राजकीय इण्टर कॉलेज (बालक) स्थापित एवं संचालित हों। जिन जनपदों में राजकीय इण्टर कॉलेज (बालक) है, उनमें बालिकाएं भी शिक्षा ग्रहण कर सकती है, परन्तु जिन जनपदों में राजकीय इण्टर कॉलेज (बालिका) है उनमें बालक शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकते हैं। अतः प्रदेश के जिन जनपदों में एक भी राजकीय इण्टर कॉलेज (बालक) संचालित नहीं है, उनमें राजकीय इण्टर कॉलेज (बालक) की स्थापना में लगने वाले 03 से 04 वर्ष के समय को देखते हुए, इन जनपदों में नीति के अनुसार एक विद्यालय को प्रान्तीयकृत किये जाने पर विचार किया जाएगा। जनपद में विद्यालय को प्रान्तीयकृत किये जाने हेतु चयन से पूर्व सर्वप्रथम विकास खण्ड का चयन किया जाना है, जिसमें वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या अधिक हों, अनुसूचित जाति/जनजाति की कुल जनसंख्या अधिक हो तथा विकास खण्ड की साक्षरता प्रतिशत कम हो। सम्बन्धित विकास खण्ड में 05 कि मी की परिधि में कोई राजकीय हाईस्कूल / सहायता प्राप्त विद्यालय (हाईस्कूल स्तर तक अनुदानित) तथा 07 कि0मी0 की परिधि में सहायता प्राप्त इण्टर कॉलेज (इण्टर स्तर तक अनुदानित) न हो। सम्बन्धित जनपदों के विद्यालयों के प्रान्तीयकरण हेतु चिन्हांकन के लिए सम्बन्धित जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया जाएगा, जो नीति के आलोक में पारदर्शिता के आधार पर सम्बन्धित जनपद के विकास खण्ड में विद्यालय का चयन करेगी।


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