मुख्यमंत्री ने आईजीआरएस के नोडल अधिकारी से स्पष्टीकरण प्राप्त किए जाने के निर्देश दिए

> वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आगरा एवं पुलिस अधीक्षक मिर्जापुर को आईजीआरएस के नोडल अधिकारी से प्राप्त स्पष्टीकरण को टिप्पणी सहित मुख्यमंत्री कार्यालय को 01 सप्ताह में उपलब्ध कराने के निर्देश।



https://scontent.fdel36-1.fna.fbcdn.net/v/t31.0-8/20507339_1923585804529827_102666796179186879_o.jpg?_nc_cat=102&_nc_ohc=-cydJVeSeBcAX8dRVKf&_nc_ht=scontent.fdel36-1.fna&oh=fefbb58c194d3232f5d88c7c68f58a53&oe=5ECDC14B


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आगरा एवं पुलिस अधीक्षक मिर्जापुर को आईजीआरएस पोर्टल पर फीडबैक प्राप्त न होने तथा एसएमएस के माध्यम से शिकायतों के निस्तारण की सूचना न मिलने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए आईजीआरएस के नोडल अधिकारी से स्पष्टीकरण प्राप्त किए जाने के निर्देश दिए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आगरा एवं पुलिस अधीक्षक मिर्जापुर को निर्देश दिए गए हैं कि आईजीआरएस के नोडल अधिकारी से प्राप्त स्पष्टीकरण को वे टिप्पणी सहित मुख्यमंत्री कार्यालय को 01 सप्ताह में उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री योगी द्वारा आईजीआरएस सन्दर्भो में आवेदक से 100 प्रतिशत फीडबैक लिए जाने एवं उन सन्दर्भो के पुनः परीक्षण में आवेदक के फीडबैक को विशेष महत्व दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। यह जानकारी देते हुए आज यहां राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में आईजीआरएस पोर्टल पर दोनों अधिकारियों के कार्यालय में प्राप्त शिकायतों की फीडिंग का रैण्डम आधार पर परीक्षण किया गया। इसमें यह तथ्य संज्ञान में आया कि आईजीआरएस पार्टल पर कार्यालय द्वारा फीड किए गए सन्दर्भो में आवेदक का मोबाइल नम्बर प्रार्थना पत्र में अंकित होने के बावजूद पोर्टल पर फीड नहीं किया जा रहा है। रैण्डम रूप से परीक्षण में कमी पाए गए सन्दर्भो की सूची भी सम्बन्धित अधिकारियों को भेजी गई है। प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस अधीक्षक मिर्जापुर के कार्यालय में अधिकांश प्रार्थनों पत्रों को स्कैन करते समय निचले हिस्से, जिसमें आवेदक का मोबाइल नम्बर लिखा होता है, को काट दिया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि किसी स्तर पर जान-बूझकर मोबाइल नम्बर फीड नहीं किए जा रहे हैं व आवेदक के प्रार्थना पत्रों को स्कैन करते समय निचले हिस्से को काट दिया जा रहा है, जिससे आवेदक से पोर्टल पर फीडबैक प्राप्त न हो सके। प्रवक्ता के अनुसार मोबाइल नम्बर फीड नहीं होने के कारण आवेदक न तो स्वयं फीडबैक दे पा रहे हैं और न ही मुख्यमंत्री कार्यालय/हेल्पलाइन के माध्यम से आवेदक को कॉल कर फीडबैक प्राप्त किया जाना सम्भव हो पा रहा है। इसके अतिरिक्त आवेदक को आईजीआरएस पोर्टल के एसएमएस के माध्यम से निस्तारण की सूचना भी नहीं प्राप्त हो पा रही है। इसके अलावा, पुलिस महानिदेशक को पुलिस के अन्य जनपदीय कार्यालयों में आईजीआरएस पोर्टल पर प्रार्थना पत्रों की फीडिंग में मोबाइल नम्बर की फीडिंग व स्कैनिंग की स्थिति को चेक कराने के भी निर्देश दिए गए हैंइस सम्बन्ध में गम्भीर कमी व अनियमितता पाए जाने पर उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराने के लिए भी निर्देशित किया गया है।


Popular posts from this blog

उ प्र सहकारी संग्रह निधि और अमीन तथा अन्य कर्मचारी सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2020 प्रख्यापित

उ0प्र0 सरकारी सेवक (पदोन्नति द्वारा भर्ती के लिए मानदण्ड) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2019 के प्रख्यापन को मंजूरी

कोतवाली में मादा बंदर ने जन्मा बच्चा