स्पेस प्रर्दशनी के जरिये स्पेस में होने वाली टेक्नोलॉजी को बहुत करीब से समझने का मौका मिला

> पीएसआईटी में तीन दिनों तक चले डॉ० विक्रम साराभाई जन्म शताब्दी समारोह का शानदार समापन संपन्न।



कानपुर (का ० उ ० सम्पादन)। पीएसआईटी कालेज ऑफ इंजीनियरिंग, कानपुर एवं इसरो टेलीमेट्री ट्रेकिंग एण्ड कमांड नेटवर्क, इण्डियन इस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेन्सिंग के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 26 से 28 फरवरी 2020 तक डॉ0 विक्रम साराभाई जन्मशताब्दी प्रोग्राम के तीसरे दिन स्पेस प्रर्दशनी, ऑडियो वीडियो विजुअल के माध्यम से अंतरिक्ष की यात्रा, साइंस क्विज इवेन्ट एवं समापन समारोह संपन्न हुआ। समापन समारोह की अध्यक्ष्ता अतिथि संस्थान की प्रबंध निदेशक सुश्री शेफाली राज, वैज्ञानिक एवं मैनेजर भू–केन्द्र सचिदानंद साहू, सीनीयर साइनटिस्ट एस के पाण्डेय, पीएसआईटी कालेज ऑफ इंजीनियरिंग निदेशक डॉ अजीत कुमार एन शुक्ला थे। इसरो टेलीमेट्री ट्रेकिंग एण्ड कमांड नेटवर्क, इण्डियन इस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेन्सिंग के साइनटिस्टों ने तीसरें एवं आखिरी दिन समापन समारोह में सीनीयर साइनटिस्ट एस के पाण्डेय ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज भारत को हमेशा से ही गौरवान्वित करता रहा हैं, शुरूआत से लेकर, आज तक इसरो ने हर बार भारत को गौरवान्वित किया हैं। 1963 में भारत के पहले राकेट के पुों को एक साईकिल पर लाया गया था और आज भारत का अंतरिक्ष संस्थान, इसरो' विश्व के सबसे सफल अंतरिक्ष संगठनों में से एक हैं। इस कार्यकम के जरिये छुपी हुई प्रतिभाओं को छानना था। समापन समारोह के अतिथि संस्थान प्रबंध निदेशक सुश्री शेफाली राज ने कहा कि ऐसे आयोजन के लिए संस्थान हमेशा तैयार है। स्पेस प्रर्दशनी के जरिये स्पेस में होने वाली टेक्नोलॉजी को बहुत करीब से समझने का मौका मिला। इस कार्यक्रम के जरिये संस्थान में स्पेस क्लब की शुरूआत हुई जो कि उत्तर प्रदेश का तीसरा स्पेस क्लब है, इस स्पेस क्लब में इनोवेटिव आईडिया एवं स्टूडेन्स, स्पेस क्लब के जरिये, इसरो की टेक्नोलॉजी को करीब से जान सकेंगे।


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