विश्व में मिल सके कानपुर के चमड़ा व्यवसाय की पहचान: जिलाधिकारी

卐 चमड़ा उद्योग एक भव्य चमड़ा समिट कानपुर में आयोजित करे: जिलाधिकारी 

卐 विभिन्न चमड़े के प्रोडक्ट का म्यूजियम बनाया जाए: जिलाधिकारी

卐 जनपद कानपुर नगर में 35 निर्यातक इकाइयों द्वारा 65 लाख का निर्यात।


कानपुर नगर (सूचना विभाग)। जिलाधिकारी डॉ ब्रह्म देव राम तिवारी ने अपने कैम्प कार्यालय में निर्यातकों द्वारा गेटवे पोर्ट तक निर्यात हेतु भेजे गए माल भाड़े पर व्यय धनराशि की प्रतिपूर्ति हेतु अनुदान सम्बन्धी जिला यूजर्स कमेटी की अध्यक्षता करते हुए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि चमड़ा उद्योग कानपुर की पहचान है, चमड़ा उद्योग में  कानपुर की पहचान दिलाने के उद्देश्य से चमड़ा उद्योग एक भव्य चमड़ा समिट कानपुर में आयोजित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कानपुर के चमड़ा उधमियों द्वारा बनाए जाने वाले प्रोडक्ट की एक भव्य  प्रदर्शनी लगाई जाए जो पुनः कानपुर की पहचान बनाने में सहायक बन सके। उन्होंने कहा कि चमड़ा उद्योग को अगले 100 वर्षों तक बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक ब्लू प्रिंट तैयार कराया जाए ताकि कानपुर की पहचान चमड़ा व्यवसाय के रूप में विश्व में मिल सके। उन्होंने कहा कि कानपुर में चमड़ा उद्योग के लिए एक विस्तरित कार्य योजना बनायी जाए जिसमें चमड़ा उद्योग को बेहतरीन तरीके से मार्केटिंग करने चमड़े के व्यवसाय को आधुनिक तरीके से कैसे जीवंत किया जा सके उसकी कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कानपुर में एक चमड़ा उद्योग से सम्बंधित विभिन्न चमड़े के प्रोडक्ट के  इतिहास के साथ उसकी सम्पूर्ण कहानी का पर्मानेंट म्यूजियम बनाया जाए, जिसमें लोगो को चमड़े के प्रोडक्ट्स के साथ उसकी कहानी भी लिखी मिले। जिसे आने वाले लोगों के लिए पिकनिक स्पस्ट की तर्ज पर बनाया जाये जिसमें आने वाले लोगों को सब्सिडी में फूड कोर्ट भी बनाया जाए जो लोगों में केंद्र बिंदु के तौर पर विकसित हो। इस म्यूजियम में चमड़े से और क्या-क्या वस्तुएं बनयी जा सकती हैं यह भी दिखाया जाए। यहां आने वाले लोगों को सम्पूर्ण प्रोडक्ट के साथ गुणवत्तापूर्ण क्वालटी का प्रोडक्ट उन्हें परमानेंट मिल सके और उन्हें चमड़े के प्रोडक्ट आसनी से मिल जाए यह भी सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार निर्यात इकाइयों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं चला रही है ताकि उनके व्यवसाय को और बेहतर उद्योग मिल सके। उन्होंने कहा कि उत्पादन हेतु पात्रता निम्न प्रकार होगी। निर्यातक इकाई निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो में उत्पादन निर्यातक के रूप में पंजीकृत होनी चाहिए। निर्यात इकाई को जॉइंट डीजीएफटी के कार्यालय से आईएएस कोड पंजीकरण संख्या प्राप्त करनी होगी तथा इकाई सूक्ष्म एवं लघु उद्योग श्रेणी में जिला उद्योग केंद्र में उत्पादक के रूप में पंजीकृत होनी चाहिए अथवा लघु एवं मध्यम उद्यम विकास अधिनियम 2006 के अंतर्गत छूट एवं लघु उद्योग के रूप में जिला उद्योग केंद्र में उत्पादक के रूप में पंजीकृत होना चाहिए  अथवा सूक्ष्य, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास अधिनियम 2006 के अंतर्गत सूक्ष्य एवं लघु उद्योग के रूप में जिला उद्योग केंद्र में ज्ञापन जमा किया हो। जनपद कानपुर नगर में निर्यातक इकाई में कुल 35 पंजीयन हुए हैं जिनमें अब तक अनुमन्य उत्पादान की कुल धनराशि 65,47,587.00 दी गई है। बैठक में जीएम डीआईसी सर्वेश्वर शुक्ला, समेत निर्यातक गण उपस्थित रहे।

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