11 महीनों में रेल दुर्घटनाओं के कारण कोई भी यात्री हताहत नहीं हुआ: महाप्रबंधक, उ म रे / उ रे

卐 कानपुर समेत अन्य 05 रेलवे अस्पतालों में बनाए गए हैं आइसोलेशन वार्ड: महाप्रबंधक, उत्तर मध्य रेलवे / उत्तर रेलवे 

卐 ए सी कोच के अंदर का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस पर मेंटेन किया जा रहा है, अपनी आवश्यकता के अनुरूप कंबल लेकर यात्रा करें।

卐 रेलवे अस्पतालों में बुखार के रोगियों के लिए अलग ओपीडी चल रही है।

卐 कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने संबंधी जागरूकता पैदा करने के लिए ऑडियो क्लिप भी चलाए जा रहे हैं।

卐 100% प्वाइंट रिवर्सल हेतु उ म रे स्थापित कर रहा है स्वचालित अलार्म।


प्रयागराज (मुख्य संवाददाता, उ म रे)।  महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे राजीव चौधरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आगरा, प्रयागराज और झांसी डिवीजनों के संरक्षा, समय पालनता और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों की समीक्षा की। प्रारंभ में महाप्रबंधक श्री चौधरी ने कोरोना वायरस के कारण महामारी फैलने से रोकने के संबंध में उत्तर मध्य रेलवे की तैयारियों की समीक्षा की। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उत्तर मध्य रेलवे की तैयारियों के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं जिनमें डिब्बों की सघन सफाई, लगातार संपर्क क्षेत्र जैसे रेलिंग, आर्मरेस्ट, नल, कुंडी, सीटें आदि का निरंतर सेनेटाइजेशन। उत्तर मध्य रेलवे की सभी ओरिजनेटिंग ट्रेनों के शौचालय और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की स्टीम क्लीनिंग। स्टेशनों के लिए गहन सफाई के तहत बेंच, एस्केलेटर, लिफ्ट, हैंड रेल, वेटिंग हॉल, फ्लोर आदि की लगातार सफाई की जा रही है। ए सी कोच में पर्दे और कंबल की सुविधा दिनांक 31.03.20 तक नहीं प्रदान की जाएगी। ए सी कोच के अंदर का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस पर मेंटेन किया जा रहा है। यात्रियों से भी अनुरोध किया गया है कि वे अपनी आवश्यकता के अनुरूप कंबल आदि लेकर यात्रा करें। सभी कोचिंग डिपो में एसी कोचों को प्री-कूलिंग से पहले बेहतर सेनेटाइजेशन सुनिश्चित करने के लिए एक घंटे के लिए 35 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जा रहा है। केंद्रीय अस्पताल - प्रयागराज, कानपुर, टूंडला, झांसी और आगरा के 05 रेलवे अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं, तीनों डिवीजनों में 851 बेड की क्वारंटाइन सुविधा भी स्थापित की गई है और रेलवे अस्पतालों में बुखार के रोगियों के लिए अलग ओपीडी चल रही है।स्टेशनों पर जागरूकता पोस्टर लगाए गए हैं और यात्रियों के बीच कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने संबंधी जागरूकता पैदा करने के लिए ऑडियो क्लिप भी चलाए जा रहे हैं। उपरोक्त के कार्यान्वयन की स्थिति की जाँच करने के लिए अधिकारी स्टेशनों का लगातार दौरा कर रहे हैं। बैठक में यह चर्चा की गई कि फर्श की सफाई के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइड 1% घोल बहुत प्रभावी और किफायती है और इसका उपयोग प्रभावी रूप से किया जाना चाहिए। वीडियो कॉन्फ्रेंस में यह भी चर्चा की गई कि क्वारंटाइन सुविधाओं के लिए कुशल पैरामेडिकल मैनपावर को डिवीजनों द्वारा अग्रिम रूप से संबद्ध किया जाना चाहिए और इन सुविधाओं के लिए सभी आवश्यक सामग्रियों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर व्यवस्थित किया जाना चाहिए। महाप्रबंधक श्री चौधरी ने कहा कि संचार के इलेक्ट्रॉनिक रूप को अधिकतम करने की आवश्यकता है ताकि पत्रों के माध्यम से भौतिक संक्रमण कम से कम हो जाए और कोविड-19 के किसी भी संभावित प्रसार को कम करने में सहायता मिले। इसके अलावा डीओपीटी द्वार एदवाइजरी भी जारी की जा चुकी है। कोरोना प्रसार की संभावना को कम करने के लिए सभाओं और व्यक्तिगत संपर्कों को कम करने के लिए सरकारी कार्यालयों में लिमिटेड इंट्री, वीडियो कॉन्फ्रेंस आदि का प्रयोग किया जाए। महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने प्रधान मुख्य चिकित्सा निदेशक और तीनों मंडलों के डीआरएम को निर्देश दिए कि हमारे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोरोना वायरस नियंत्रण को बिना किसी अपवाद के सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। कोरोना वायरस के प्रसार पर रोकथाम पर तैयारियों की समीक्षा के बाद, संरक्षा समीक्षा की गई। वित्तीय वर्ष 2019-20, संरक्षा के मोर्चे पर भारतीय रेलवे के लिए असाधारण रूप से अच्छा रहा है और अब तक 11 महीनों में रेल दुर्घटनाओं के कारण कोई भी यात्री हताहत नहीं हुआ है। ट्रेन संचालन में संरक्षा संबंधी मामलों की समीक्षा करते हुए महाप्रबंधक श्री चौधरी ने कहा कि घटनाओं की उचित रिपोर्टिंग अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि पुनरावृत्ति से बचने के लिए उचित जाँच और पर्याप्त अनुवर्ती कार्रवाई की जा सके। लाइन पर ट्रेन होने की स्थिति में प्वाइंट रिवर्सल भारतीय रेलवे पर एक मानक नियम है, जिससे पीछे आ रही किसी ट्रेन के क्रू की सिगनल के अनुपालन में गलती की स्थिति के बावजूद भी दुर्घटना से बचाव होता है। अब इसी के संबंध में स्टेशन स्टाफ को एलर्ट करने के लिए उत्तर मध्य रेलवे अब अपने स्टेशनों पर स्वचलित अलार्म की व्यवस्था कर रहा है ताकि किसी लाइन पर ट्रेन खड़ी होने की स्थिति में 100% प्वाइंट रिवर्सल सुनिश्चित किया जा सके और ट्रेन संचालन में संरक्षा पुख्ता की जा सके। समय पालनता के संबंध में चर्चा करते हुए महाप्रबंधक ने कहा कि हमें समय पालनता में सुधार की गति को बनाए रखना होगा। ज्ञात हो कि, जिसमें फरवरी -20 में  फरवरी-19 की तुलना में 33% से अधिक का सुधार हुआ है। उत्तर मध्य रेलवे क्षेत्र में ट्रेनों का औसत डिटेंशन भी कम हुआ है। महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने निर्देश दिया कि इसे और कम किया जाना चाहिए और ट्रेनों के प्रत्येक विलंबन के मामले का ठीक से विश्लेषण किया जाना चाहिए। मानवयुक्त लेवल क्रॉसिंग का उन्मूलन रेलवे के लिए एक मिशन क्षेत्र है और वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान उत्तर मध्य रेलवे ने फ़रवरी 20 तक 85 मानव युक्त क्रॉसिंगों को बंद कर दिया है और चालू वित्तीय के अंत तक 100 से अधिक मानवयुक्त क्रॉसिंगो को समाप्त करने के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए काम चल रहा है।

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