कार्गो उड़ानों ने देश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति की

निजी हवाई कंपनियों ने भी महत्वपूर्ण आपूर्ति कार्यों के लिए उड़ानों का परिचालन किया


> नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा हब एंड स्पोक मॉडल के तहत लाइफ लाइन सेवाएं शुरू की गईं।


> एअर इंडिया और आईएएफ ने लद्दाख के लिए आपसी साझेदारी की।


> चिकित्सा एअर कार्गो के लिए समर्पित एक वेबसाइट की शुरुआत की गई।



28 मार्च को महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डे अगरतला से प्रस्थान करती एयर इंडिया द्वारा संचालित कार्गो उड़ान।


नई दिल्ली (पीआईबी)। कार्गो उड़ानों का 30 मार्च, 2020 को चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति के लिए दक्षिणी, पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में परिचलान किया गया। लाइफ लाइन 1 - एअर इंडिया की फ्लाइट ए-320 ने अपने मार्ग मुंबई-नई दिल्ली-बेंगलुरु-मुंबई के दौरान एचएलएल खेप (6593 किलो), एवं नागालैंड वेंटिलेटर मास्क, केरल और कर्नाटक की खेप, मेघालय के लिए बिपैप्स की खेप और कोयंबटूर के लिए वस्त्र मंत्रालय की खेप पहुंचाई। लाइफ लाइन 2 -  आईएएफ फ्लाइट ने हिंडन-दीमापुर-इंफाल-गुवाहाटी मार्ग पर एचएलएल की खेप और शिलोंग के लिए आईसीएमआर किट पहुंचाई। इंडिगो, स्पाइसजेट और ब्लू डार्ट जैसी निजी हवाई कंपनियों ने भी वाणिज्यिक आधार पर उड़ानों का परिचालन किया। एमओसीए समूह का गठन महत्वपूर्ण हितधारकों के साथ किया गया था। हब एंड स्पोक मॉडल के तहत लाइफ लाइन सेवाएं शुरू की गईं। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बैंगलोर, कोलकाता में हब बनाए गए हैं। ये हब अपने स्पोक्स - गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, अगरतला, ऐजल, इम्फाल, कोयंबटूर और तिरुवनंतपुरम को सामग्री की आपूर्ति करते हैं। 26 मार्च से 29 मार्च के मध्य  एयर इंडिया की 14, एलायंस की 27, आईएएफ की 6, इंडिगो की 6, स्पाइसजेट की 2 उड़ाने शामिल हैं जिनका कुल योग 55 है। 26 मार्च से 29 मार्च, 2020 के दौरान कुल कार्गो भार 10 टन था।  कार्गो में कोविड-19 से संबंधित री-एजेंट, एंजाइम, चिकित्सा उपकरण, पीपीई और जांच किट, एचएलएल के दस्ताने और अन्य सामान तथ राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा मांग किए गए कार्गो शामिल थे। चिकित्सा एअर कार्गो के लिए समर्पित एक वेबसाइट की शुरुआत की गई है, जो आंशिक रूप से कार्य कर रही है। यह वेबसाइट 1 अप्रैल, 2020 से पूरी तरह काम करने लगेगी। लिंक एमओसीए वेबसाइट पर उपलब्ध है (www.civilaviation.gov.in)। आपूर्ति को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए सूचनाओं को साझा करने, प्रश्नों के उत्तर देने और जमीनी कार्य चौबीसों घंटे किए जा रहे हैं ताकि कोविड-19 से लड़ने के प्रयासों की गुणात्मक वृद्धि की जा सके और सहायता प्रदान की जा सके।


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