कौशल सतरंग योजना, प्रदेश की युवा ऊर्जा को स्वावलंबन के साथ जोड़ने का एक अभिनव प्रयास: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

> मुख्यमंत्री ने कौशल सतरंग कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।


> मुख्यमंत्री ने सीएम युवा हब तथा सीएम अप्रैटिसशिप प्रमोशन स्कीम लॉन्च की।


> सीएम अपेंटिस प्रमोशन स्कीम के अन्तर्गत 05 युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए।


> काफी टेबल बुक 'उम्मीदों के संग कौशल के सतरंग' का विमोचन।


> व्यावसायिक शिक्षा तथा कौशल विकास विभाग के साथ आईआईटी कानपुर, आईआईएम लखनऊ का एमओयू।


> आर0पी0एल0 के अन्तर्गत थारू, वनटांगिया तथा मुसहर समुदाय के 05 कारीगरों को प्रमाण-पत्र वितरित।


> 03 प्लेसमेंट एजेंसी के साथ एम0ओ0यू0 का आदान-प्रदान।



लखनऊ (मुख्यमंत्री सूचना परिसर)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर कार्य को करने का अपना एक दृष्टिकोण होना चाहिए और वह दृष्टिकोण जब सकारात्मक होता है तो उसके परिणाम भी सकारात्मक होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में एक अवसर मिलता है, लेकिन अवसर के पहले कई चुनौतियां होती है। इन चुनौतियों को अवसर में बदलने की कला जिसे आ जाती है, वही सफल होता है। आवश्यकता है कि हम अपनी 'युवा ऊर्जा को प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए तैयार करें। मुख्यमंत्री योगी गुरूवार को यहां लोक भवन में कौशल सतरंग कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 'कौशल सतरंग' योजना, प्रदेश की युवा ऊर्जा को स्वावलंबन व प्रदेश के विकास के साथ जोड़ने का एक अभिनव प्रयास है। परंपरागत उद्योगों को पहचान दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने 'एक जनपद, एक उत्पाद' की अभिनव योजना प्रारंभ की, जिसने देश-दुनिया में उत्तर प्रदेश के उत्पादों को एक नई पहचान दिलायी। इसकी सफलता को देखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना को पूरे देश में लागू करने का निर्णय लिया है। कौशल सतरंग के माध्यम से प्रदेश की इकोनॉमी में बढ़ोत्तरी होगी, इससे प्रधानमंत्री जी के देश की इकोनॉमी को 05 ट्रिलियन डॉलर बनाने के लक्ष्य की पूर्ति में मदद मिलेगी। वर्तमान सरकार की ‘एक जनपद, एक उत्पाद' योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश, देश में सर्वाधिक निर्यात करने वाला राज्य बन सकता है। इस योजना ने एक वर्ष में ही 05 लाख युवाओं को रोजगार और वित्तीय समावेशन के साथ जोड़ने का कार्य किया है। प्रदेश में 03 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिसके माध्यम से 37 लाख युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा। जनपद मुजफ्फरनगर का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 'एक जनपद, एक उत्पाद' योजना के अन्तर्गत उस जनपद के विशिष्ट उत्पाद गुड़ को प्रोत्साहित किया गया। इसके परिणामस्वरूप यहां 118 किस्म के गुड़ बनाये जा रहे हैं और उनका निर्यात भी किया जा रहा है। परंपरागत उद्यमों के शिल्पकारों एवं कारीगरों को व्यवस्थित प्रशिक्षण व पूंजी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए बैंकों से जोड़ने एवं टूलकिट उपलब्ध कराने का कार्य युद्धस्तर पर किया गया। राज्य सरकार ने 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से परंपरागत शिल्पकारों एवं कारीगरों को स्वावलम्बी बनाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने पर्यावरण व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक प्लास्टिक को बैन किया। प्लास्टिक के स्थान पर मिट्टी के बने बर्तनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 'माटी कला बोर्ड द्वारा कुम्हारों तथा इस उद्योग से जुड़े लोगों को अप्रैल से जून तक तालाबों से निःशुल्क मिट्टी दिए जाने का निर्णय लिया है। इलेक्ट्रिक चाक के माध्यम से कारीगरों की क्षमता में कई गुना वृद्धि हुई। इसी का परिणाम रहा है कि अयोध्या में गत वर्ष दीपोत्सव के लिए वर्ष 5 लाख 51 हजार दीपक स्थानीय स्तर पर ही प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन का उल्लेख करते हुए कहा कि आजादी के बाद देश में 11 करोड़ शौचालय उपलब्ध कराये गये। इस अभिनव बदलाव के कारण आज पूर्वी उत्तर प्रदेश में इन्सेफेलाइटिस से होने वाली मौतों में 90 से 95 प्रतिशत तथा बीमारी में 70 से 75 प्रतिशत की कमी आयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार ने एक नया प्रयास किया है। प्रदेश के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रत्येक रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले का आयोजन किया जा रहा है, जिसे पोषण मिशन तथा आयुष्मान भारत से भी जोड़ा गया है। अब तक इन मेलों के माध्यम से 27 लाख लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी गयी हैं। सरकार ने तय किया है कि हर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक 'आरोग्य मित्र' की तैनाती की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि निराश्रित गोवंश के लिए गोआश्रय स्थल योजना के अन्तर्गत अब तक 4.5 लाख गोवंश को संरक्षित किया गया है। इसके साथ गोवंश से जुड़ी योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए हमने गौवंशों की ईयर टैगिंग की योजना आरंभ की है। सरकार ने गौवंश की उन्नत नस्ल के लिए योजना बनायी है। 'जीरो बजट' खेती के साथ किसानों के लिए एक और योजना तैयार की गई। यदि कोई किसान एक निराश्रित गाय की देखभाल की पहल करता है तो उसके 30 एकड़ क्षेत्रफल के खेत के लिए 01 वर्ष तक पर्याप्त खाद उपलब्ध हो सकती है। इससे उत्पादन भी अन्य प्रकार की खेती की तुलना में बेहतर होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमिता विकास के अन्तर्गत हर जनपद को युवा हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें प्रथम चरण में 30 हजार से अधिक स्टार्टअप तैयार किये जाएंगे। मुख्यमंत्री अपेंटिसशिप योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को 2500 रुपये की धनराशि प्रतिमाह 01 वर्ष तक प्राप्त होगी। पहली बार उत्तर प्रदेश में श्रमिकों और निराश्रित बच्चों के लिए 18 मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालय संचालित किये गये हैं। श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में प्रदेश का चहुंमुखी विकास हो रहा है। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के जरूरतमन्दों को पहुंचाया जा रहा है। युवा शक्ति को रोजगार व सम्मान मिल रहा है। प्रदेश में वृहद रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहे हैं। कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान सरकार पं दीनदयाल उपाध्याय के सपनों को साकार करने का कार्य कर रही है। ग्रामों को स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य से परम्परागत उद्योगों को कौशल विकास के माध्यम से एक मजबूत आधार दिया जा रहा है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने 'उम्मीदों के संग कौशल के सतरंग कॉफी टेबल बुक' का विमोचन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में सीएम युवा हब तथा सीएम अपेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम को लॉन्च किया। सीएम युवा हब योजना के माध्यम से प्रदेश के तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को अपना रोजगार स्थापित करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन व सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। इसके लिए प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया गया है। इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपए का वित्तीय प्राविधान किया गया है तथा आईआईएम लखनऊ को इस योजना का नॉलेज पार्टनर बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने सीएम अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम के अन्तर्गत 05 युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए। जिला कौशल विकास योजना (डीएसडीपी) के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद में 02 लाख रुपए तथा आईईसी गतिविधियों व कौशल पखवाड़े के अन्तर्गत प्रत्येक तहसील में 25 हजार रुपए फण्ड ट्रांसफर किया गया। व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के साथ आईआईटी कानपुर, आईआईएम लखनऊ के एमओयू का आदान-प्रदान किया गयास्वास्थ्य, पशुपालन एवं बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा भी एमओयू किए गए। रिकग्नीशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) के अन्तर्गत थारू, वनटांगिया तथा मुसहर समुदाय के 05 कारीगरों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए तथा 03 प्लेसमेंट एजेंसी के साथ एमओयू का आदान-प्रदान किया गया। इस अवसर पर मुख्य सचिव आर के तिवारी, प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास श्रीमती एस राधा चौहान, प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा, मिशन निदेशक कौशल विकास कुणाल सिल्कू सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।


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