प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप गांव-गांव में पहुंच रही है विज्ञान चेतना लहर

> उन्नाव, जालौन, महराजगंज, गोरखपुर, बरेली, बांदा के बाद लखनऊ में भी "कौन बनेगा नन्हा कलाम'' विज्ञान प्रतियोगिताएं आयोजित।



लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप प्रदेश को विज्ञानमय बनाने के सपनों को साकार करने के लिये गांव-गांव में विद्यार्थियों और युवाओं के बीच अभूतपूर्व ढंग से विज्ञान चेतना की लहर बहुत तेजी से बढ़ी है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विमाग के वैज्ञानिक संस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा इस दिशा में विज्ञान जागरूकता के अनेक बहुआयामी कार्यक्रमों और गतिविधियों को गांव-गांव तक ले जाया जा रहा है। उन्नाव, जालौन, महराजगंज, गोरखपुर, बरेली, बांदा के बाद लखनऊ, में “कौन बनेगा नन्हा कलाम” विज्ञान प्रतियोगिताओं ने लाखों स्कूली छात्र-छात्राओं में नया जोश भर दिया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार विज्ञान परास्नातक विद्यार्थियों को प्रतिमाह पचास हजार रूपये की फैलोशिप के लिए “सीएसटी समर रिसर्च फैलोशिप” “सी०एस०टी०यू०पी० अभियांत्रिकी विद्यार्थी प्रोजेक्ट अनुदान योजना” परवान पर चढ़ चुकी है। बौद्धिक सम्पदा और पेटेन्ट की सहायता को ज्यादा से ज्यादा युवाओं में बढ़ाया गया है। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में स्कूली विद्यार्थियों में होने वाली बीमारियों की पहचान उनकी आंखों की फोटोग्राफी से करने तथा पैदायशी टेढ़े-मेढ़े पैर वाले बच्चों के आसान इलाज से सम्बन्धित शोध कार्य समय सीमा मे कराया जा रहा है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विशेष सचिव एवं परिषद के निदेशक डॉ० वेदपति मिश्र ने परिषद की उपलब्धियों पर विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि प्रदेश मे चिकित्सा, स्वास्थ्य, पर्यावरण से लेकर सूचना प्रौद्योगिकी सहित तमाम महत्व के क्षेत्रों की लगभग 100 परियोजनायें युवा शोधार्थियों की भागीदारी से समयबद्धता के साथ संचालित हो रही हैं। ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित तकनीकी हस्तान्तरण के क्षेत्र मे 14 प्रायोजनायें तथा जैव प्रौद्योगिकी की 12 शोध प्रायोजनाएं संचालित हो रही हैं। “सी0एस0टी0 यू0पी0 समर रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम” के अंतर्गत 60 विद्यार्थियों को चयनित कर देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में समर रिसर्च ट्रेनिंग का अवसर प्रदान किया जा रहा है। “सी0एस0टी0यू0पी0 अभियांत्रिकी विद्यार्थी प्रोजेक्ट” अनुदान योजना के अंतर्गत 60 परियोजनाओं के सापेक्ष 240 विद्यार्थी लाभान्वित हुये। इसके अन्तर्गत प्रतिमाह प्रायोजना हेतु 20 हजार रुपये धनराशि अनुदानित की गयी है। डॉ मिश्र ने यह भी बताया कि गाजियाबाद की "विज्ञान वाटिका” में अन्ध विश्वासों के विरूद्ध वैज्ञानिक चमत्कारों का प्रदर्शन और उनकी व्याख्या के साथ स्कूली बच्चों और विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और कार्य व्यवहार अपनाने हेतु विज्ञान के प्रति जोश बहुत तेजी से बढ़ा है। जनपदों में विज्ञान जागरूकता के अभियान “विज्ञान सब के लिये जरूरी है” में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों को भी जोड़ा गया है। विगत 30 नवम्बर 2019 तक “बाल विज्ञान कांग्रेस –2019' का आयोजन तथा 04 से 05 दिसम्बर, 2019 तक तीन दिवसीय 27वीं राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस-2019 का आयोजन गोरखपुर में किया गया। “राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस–2019' के लिये तिरूवनन्तपुरम, केरल में और दो बाल विज्ञानियों को 107वीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस–2020 में भेजा गयाबाल विज्ञान कांग्रेस में प्रदेश से लगभग 30000 (शहरी व ग्रामीण क्षेत्र) के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। परिषद ने जनपदों में “विज्ञान बस” से 80400 विद्यार्थियों को विज्ञान के सजीव प्रयोगों से ज्ञानार्जन कराया हैबरेली में “विज्ञान पार्क” की स्थापना का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। “विज्ञान पार्क ” पश्चिमी जनपदों के बच्चों के लिये एक नई सौगात होगी। डॉ० मिश्र ने बताया कि प्रदेश में चलाये जा रहे विज्ञान अभियान में विद्यार्थियों, युवाओं के साथ विशाल जनमानस को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने और उन्हें वैज्ञानिक कार्यों से लाभान्वित कराने का लक्ष्य तेजी से पूरा करने का निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिया गया है।


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