शिक्षकों से सकारात्मक सोच के साथ मिशन प्रेरणा से जुड़ने की अपील

卐 मिशन प्रेरणा के उन्मुखीकरण के लिए गोष्ठी का हुआ आयोजन।

卐 शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने वाले शिक्षकों के कार्यों को उदाहरण स्वरूप सभी के समक्ष प्रस्तुत किया जाए: मण्डलायुक्त

卐 सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से आम जनमानस में शिक्षा के महत्व का कराया जाय व्यापक प्रचार-प्रसार: महानिदेशक, बेसिक शिक्षा


प्रयागराज। शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार दृढ़ संकल्पित है इसी क्रम में शनिवार को जनपद प्रयागराज में मिशन प्रेरणा के उन्मुखीकरण के लिए एक गोष्ठी का आयोजन इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन में किया गया, जिसमें मण्डलायुक्त प्रयागराज डाॅ आशीष कुमार गोयल एवं महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरन आनंद सहित मण्डल के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी सहित सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद थे। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मण्डलायुक्त ने कहा कि वर्तमान में इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही शिक्षण कार्य एवं पद्धति में गुणात्मक परिवर्तन करते हुए बच्चों एवं अभिभावकों को जीवन में शिक्षा के महत्व को समझने व उसके बारे में जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। वर्तमान में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर फोकस किया जा रहा है, जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास हो। उन्होंने कहा कि जो शिक्षक सकारात्मक इनीशिएटिव लेकर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं उनको किसी ना किसी रूप में पुरस्कृत किए जाना चाहिए तथा उनके कृत कार्यों को उदाहरण स्वरूप सभी के समक्ष प्रस्तुत किया जाए जिससे सभी को प्रेरणा मिल सके। उन्होंने शिक्षकों से सकारात्मक सोच के साथ मिशन प्रेरणा से जुड़ने की अपील की। उन्होंने इसके लिए खुद को प्रेरित करने को कहा तभी आप दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि छोटे पदों पर रहकर भी बड़ा से बड़ा कार्य करना सम्भव है, इसके लिए बस अपने अंदर विश्वास होना चाहिए। कार्य सफल व पूर्ण होने पर आत्मीय खुशी व संतुष्टि का एहसास होता है। मण्डलायुक्त ने कहा कि बच्चों की शिक्षा में अभिभावक, टीचर्स व माहौल का बड़ा योगदान होता है। कोई भी बच्चा अपने अभिभावक के साथ रहकर ही जीवन के मूलभूत तौर-तरीको से परिचित होता है। अभिभावक ही उसको जीवन के पहलूओं, अच्छी बातों का ज्ञान देता है और जीवन को सकारात्मक बनाने में मदद करता है। बच्चा जब शिक्षा के लिए स्कूल जाता है तो वहां पर उसके गुणों को निखारने के लिए योग्य शिक्षकों का होना बहुत जरूरी है। इसी के साथ बच्चों के जीवन को निश्चित दिशा प्रदान करने के लिए अभिभावक व शिक्षक मिलकर एक अच्छा माहौल तैयार करें ये भी जरूरी है। महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा कि सपोर्टिव सुपर विजन के द्वारा मोटीवेशन का कार्य करना है। उन्होंने सभी शिक्षकों से दीक्षा मूवमेंट से मन से जुड़ने को कहा और कहा कि ऐप डाउनलोड कर इसकी मदद से बच्चों को अगले दिन जो पढ़ाना है उस विषय का अवलोकन कर सकते हैं। जिलाधिकारी, सीडीओ व बीएसए के मार्गदर्शन में निष्ठा कार्यक्रम के द्वारा शिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्य अप्रैल के अंत तक शत-प्रतिशत पूरा कर लिया जाए। उन्होंने हर स्कूल में पुस्तकालय एवं खेल उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि एक पीरियड लाइब्रेरी का होना चाहिए, जिससे बच्चों के अंदर पढ़ने की जिज्ञासा उत्पन्न हो और उनमें अध्ययन की आदत का विकास हो। उन्होंने सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए एलईडी वैन, नुक्कड़ नाटक, एफएम रेडियो, होर्डिंग, पोस्टर आदि के माध्यम से आम जनमानस में शिक्षा के महत्व का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने को कहा। दिव्यांग बच्चों को समान शिक्षा का अवसर प्रदान करने के लिए सामथ्र्य फ्रेमवर्क के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने को कहा। उन्होंने कहा कि 15 हजार विद्यालयों को आदर्श इंग्लिश मीडियम स्कूल के अनुरूप बनाने के लिए जो गतिविधिया चल रही है इसमें तेजी लाकर माह अप्रैल तक इस कार्य को पूर्ण करने के निर्देश दिए।

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