उ प्र भूगर्भ जल अधिनियम के प्राविधानों का क्रियान्वयन शीघ्र कराया जाए: मुख्य सचिव

卐 भू-जल निकासी का आकलन करने हेतु मीटर की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाये: राजेन्द्र कुमार तिवारी

 

卐 अधिनियम के वेब-पोर्टल को आम-जन के उपयोग के दृष्टिगत और अधिक सरल किया जाए: राजेन्द्र कुमार तिवारी

 

卐 राज्य भू-गर्भ जल प्रबन्धन और नियामक प्राधिकरण की बैठक संपन्न।


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिये हैं कि मंत्री परिषद से उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबन्धन एवं नियमन) नियमावली, 2020 के प्रख्यापन को मंजूरी प्रदान हो जाने के फल स्वरूप अधिनियम के विभिन्न प्राविधानों का क्रियान्वयन शीघ्र सुनिश्चित कराया जाए, ताकि नियमावली के अन्तर्गत भू-गर्भ जल दोहन हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने तथा आवेदनों के निस्तारण की कार्यवाही सुनिश्चित कराई जा सके। उन्होंने कहा कि भू-जल निकासी का आकलन करने हेतु मीटर की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि मीटर में किसी भी प्रकार के टेम्परिंग की संभावना न हो। मुख्य सचिव ने यह निर्देश गुुुरूवार को लोक भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में राज्य भू-गर्भ जल प्रबन्धन और नियामक प्राधिकरण की बैठक में दिए। उन्होंने भू-गर्भ जल विभाग को निर्देश दिए कि भू-जल के प्रबंधन एवं नियमन हेतु भूजल के संकटग्रस्त क्षेत्रों को अधिसूचित करने की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण कराएं। उन्होंने यह भी कहा कि भू-गर्भ जल विभाग भू-जल के वाणिज्यिक, औद्योगिक, अवसंरचनात्मक तथा सामूहिक उपभोक्ता द्वारा किए जाने वाले भू-जल निकास की मात्रा के निर्धारण का प्रस्ताव केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड, उत्तरी क्षेत्र, लखनऊ के साथ समन्वय कर 06 माह के अन्दर प्रस्तुत करें। अधिनियम के विभिन्न प्राविधानों का पारदर्शितापूर्ण क्रियान्यन सुनिश्चित कराने हेतु किसी उपभोक्ता को नियमानुसार अधिनियम के प्राविधानों से छूट दिए जाने की प्रक्रिया को भी वेबपोर्टल पर डाला जाए। बैठक में जिला विकास अधिकारी के स्थान पर मुख्य विकास अधिकारी को जनपदीय भू-जल प्रबंधन परिषद के सदस्य सचिव के रूप में नामित करने तथा विभागीय सदस्यों को पदनाम के साथ जनपदीय परिषद के गठन के आलेख में शामिल किए जाने के निर्देष दिए गए। यह भी निर्देश दिये गये कि जनपदीय भू-गर्भ जल प्रबंधन परिषद ही कम्पाउण्डिंग के रूप में कार्य करेगी। बैठक में प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव, प्रबंध निदेशक, उ प्र जल निगम विकास गोठवाल, निदेशक भूगर्भ जल विभाग वी के उपाध्याय सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। 

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