उ प्र में अब व्यापक रूप से दिख रहा है डोर-टू-डोर डिलीवरी का प्रभाव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी रात जागकर कोविड 19 से सम्बंधित प्रत्येक व्यवस्था की समीक्षा की


अभी तक उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के कुल 55 पाॅजिटिव मामले सामने आए और संक्रमण से कुल 13 जिले प्रभावित


> अब तक फल और सब्जी के लिए कुल 26,298 डोरस्टेप डिलीवरी व्हीकल उपलब्ध कराए गए, जिसमें 8,295 मोटराइज्ड व 18,014 हाथ-ठेले हैं: एसीएस


> डोरस्टेप डिलीवरी हेतु कानपुर नगर में 1,968 व्हीकल लगे हुए हैं: एसीएस


> बीते शनिवार 10,44,000 लीटर दूध का वितरण हुआ: एसीएस


> 527 कम्युनिटी किचन प्रदेश में संचालित जिनसे लगभग 1 लाख 37 हजार फूड पैकेट कल तैयार हुए थे: एसीएस


> निःशुल्क श्रेणी अंत्योदय के लगभग 70 लाख 96 हजार 415 राशन कार्ड पर खाद्यान्न का वितरण कर दिया गया है: एसीएस


> सीएम  हेल्पलाइन- 1076 के जरिए अब तक 11,913 शिकायतों का किया गया निस्तारण: एसीएस


> शनिवार सुबह 9 बजे तक लगभग 4,642 एफआईआर हुई दर्ज: एसीएस 


> 2,118 स्थानों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगा दिया गया है: एसीएस


> प्रदेश में कोरोना वायरस के पाॅजिटिव मरीजों के इलाज की व्यवस्था के लिए 5,000 से ज्यादा आइसोलेशन बेड्स तैयार हो चुके हैं: प्रमुख सचिव


> कुल 2,196 सैम्पल में से 55 पाॅजिटिव हैं और 148 अभी टेस्टिंग की प्रक्रिया में हैं: प्रमुख सचिव स्वास्थ्य


> पाॅजिटिव काॅन्टैक्ट्स के फैसिलिटी क्वॉरंटीन के लिए हमने 6,000 से अधिक बेड्स का प्रबंध कर रखा है: प्रमुख सचिव स्वास्थ्य


> प्रदेश में 60,000 से ज्यादा विदेशों से आए लोगों का सर्विलांस किया जा रहा है, जो 28 दिन तक चलता है: प्रमुख सचिव स्वास्थ्य



लखनऊ (का ० उ ० सम्पादन)। कोविड - 19 की स्थिति की समीक्षा के पश्चात अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी व प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने प्रेस वार्ता कर प्रदेश में लॉकडाउन की स्थिति में कोरोना प्रेपयर्डनेस की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आज मा मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने एसजीपीजीआई के ट्राॅमा सेंटर में बनाए गए लेवेल-3 के मुख्य कोविड अस्पताल, जिसका नाम ‘राजधानी हाॅस्पिटल’ रखा जा रहा है, का निरीक्षण किया। वहां लगभग 200 बेड का विश्वस्तरीय हाॅस्पिटल बनाया गया है। उन्होंने इंटेसिव केयर वाॅर्ड, लाइफ सेविंग इक्विपमेंट, आइसोलेशन वाॅर्ड और मेडिकल स्टाफ द्वारा की गई अलग-अलग व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। एसीएस ने कहा कि लखनऊ में विशेष रूप से अच्छे कम्युनिटी किचन शुरू किए गए हैं, जहां हजारों की संख्या में फूड पैकेट्स तैयार हो रहे हैं। इन फूड पैकेट्स का प्रयोग रेलवे स्टेशन सहित जहां भी लोग रुके हुए हैं, वहां किया गया है। मा मुख्यमंत्री ने आज महानगर के कल्याण मंडप, जहां फूड पैकेट्स बनाए जा रहे हैं, का भी निरीक्षण किया। यहां मैरिज हाॅल को कम्युनिटी किचन के रूप में परिवर्तित किया गया है। मा मुख्यमंत्री जी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर, प्रदेशवासियों के लिए खाद्यान्न, सब्जी और दूध आदि के आपूर्ति कार्य की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पूरे उ प्र में अब व्यापक रूप से डोर-टू-डोर डिलीवरी का प्रभाव दिख रहा है। आमजन, संस्था, युवा, पुलिस, हाॅस्पिटल स्टाफ, मीडिया सभी कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में जुटे हुए हैं। मीडिया द्वारा डोर-टू-डोर डिलीवरी की जिस तरह उत्साहवर्धक कवरेज की गई, उसके लिए मैं मीडिया के सभी साथियों को धन्यवाद ज्ञापित करता हूं। अब तक फल और सब्जी के लिए कुल 26,298 डोरस्टेप डिलीवरी व्हीकल उपलब्ध कराए गए हैं। जिसमें 8,295 मोटराइज्ड व 18,014 हाथ-ठेले हैं। एसीएस ने बताया कि एपीसी साहब की अध्यक्षता में प्रमुख सचिव, कृषि व प्रमुख सचिव, दुग्ध विकास के सहयोग से इमरजेंसी कंट्रोल रूम संचालित किया जा रहा है जिसमें मंडी के डायरेक्टर व अन्य अधिकारी भी शामिल हैं। जिलाधिकारियों में अच्छे से अच्छा कार्य करने की होड़ मची हुई है। गोंडा में 746, कानपुर नगर में 1,968, लखनऊ में 3,280, बरेली में 1,183 व्हीकल लगे हुए हैं। 8,833 प्राॅविज़न स्टोर्स के माध्यम से पूरे प्रदेश में लगभग 16,905 लोगों ने डोर-टू-डोर डिलीवरी के जरिए सामान प्राप्त किया है। दुग्ध वितरण की व्यवस्था प्रमुख सचिव, दुग्ध की देखरेख में बहुत मजबूत हुई है। आज 15,89,000 लीटर दूध का उत्पादन हुआ है जबकि 10,44,000 लीटर दूध का वितरण हुआ है। डोर-टू-डोर दूध पहुंचाने वाली गाड़ियों की संख्या 8,552 है। इनमें से 1,101 गाड़ियां केवल लखनऊ में हैं। दूध का वितरण करने में पशुपालकों का सहयोग लिया जा रहा है। बाजार में बिकने वाला दूध सरकारी पराग डेयरी द्वारा लिया जा रहा है। यदि कोई पशुपालक रह गए हैं तो वह मिल्क कलेक्शन सेंटर पर जाकर दूध कलेक्ट करवा सकते हैं। एसीएस ने बताया कि 527 कम्युनिटी किचन प्रदेश में शुरू हो गए हैं। लगभग 1 लाख 37 हजार फूड पैकेट कल तैयार हुए थे। धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं, पुलिस और मीडिया के माध्यम से भी फूड पैकेटों का वितरण किया जा रहा है। जितने भी मुसहर परिवार बचे हैं, उन्हें भी आज ड्राई राशन उपलब्ध करा दिया जाएगा। यदि कोई परिवार भूखा है तो तत्काल संबंधित जिलाधिकारी के कंट्रोल रूम में सूचना दें। वाराणसी डीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री को बताया है कि 25-30 मुसहर परिवारों को उनके घर जाकर ड्राई राशन दिया गया है। एसीएस ने बताया कि निःशुल्क श्रेणी अंत्योदय के लगभग 70 लाख 96 हजार 415 राशन कार्ड पर खाद्यान्न का वितरण कर दिया गया है। यह कार्य कृषि उत्पादन आयुक्त महोदय की अध्यक्षता वाली कमिटी द्वारा किया जा रहा है। प्रदेश में कुल 3 करोड़ 23 लाख 49 हजार राशन कार्ड हैं। जिनमें से 1 करोड़ 94 लाख 44 हजार 201 राशन कार्ड होल्डरों को कल तक खाद्य एवं रसद विभाग ने वितरण सुनिश्चित किया है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 के माध्यम से बड़ी मात्रा में लोगों से सम्पर्क स्थापित किया गया है। अभी तक 58,752 ग्राम प्रधानों और 11,631 पार्षदों से फोन पर बात की गई है। एसीएस ने बताया कि सीएम  हेल्पलाइन- 1076 के जरिए अब तक 11,913 शिकायतों का निस्तारण किया गया है। जिसमें खाद्य सामग्री की 580, चिकित्सा इमरजेंसी की 925, लाॅकडाउन उल्लंघन की 1050, आर्थिक सहायता की 618 और कोरोना से बचाव की 1,375 शिकायतों का निस्तारण किया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने महाराष्ट्र,आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली, म प्र और अब केरल, तमिलनाडु और उत्तर-पूर्व के प्रदेशों को जोड़ते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को वहां का नोडल अफसर नियुक्त किया है। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने फिर से कहा है कि एक भी व्यक्ति भूखा-प्यासा न रहे। सीएम हेल्पलाइन - 1076 का इस्तेमाल जरूर करें। मुख्यमंत्री एवं उनका कार्यालय स्वयं इसकी समीक्षा करते हैं। मा. मुख्यमंत्री ने कोविड - 19 के दृष्टिगत आवश्यक सामग्री की खरीद के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नोएडा, गाजियाबाद में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सफाई व्यवस्था पर और ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया है। ताकि अन्य राज्यों में उ प्र के लोगों की देखरेख की जा सके। एसीएस ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई कमिटी की समीक्षा की है। उन्होंने हर एक प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी और गृह सचिव या फिर जो भी वहां के वरिष्ठ अधिकारी हैं, उनसे लगातार सम्पर्क में रहने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग का रिव्यू किया। शनिवार सुबह 9 बजे तक लगभग 4,642 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, 14,115 अभियुक्त हैं। इसी एक्ट में 24 एफआईआर हुई हैं और 37 लोगों पर कार्रवाई की गई है। जब्ती के साथ-साथ 15 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है। अब तक 4 लाख 66 हजार वाहनों की चेकिंग की गई है। कुल 1 लाख 15 हजार चालान किए जा चुके हैं। कुल ₹2 करोड़ 35 लाख 97 हजार की धनराशि भी अब तक शमन शुल्क के रूप में वसूल की गई है। प्राप्त सूचना के अनुसार पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी मजबूत कर लिया गया है। 10,097 गाड़ियों पर माइक फिट कर दिए गए हैं। 2,118 स्थानों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगा दिया गया है ताकि लोगों को कोई दिक्कत न हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल पूरी रात जागकर कोविड 19 से सम्बंधित प्रत्येक व्यवस्था की समीक्षा की। 55 में से 14 मरीज ऐसे हैं जिनका उपचार हो चुका है। 41 मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। इन सभी की स्थिति, स्थिर है। अभी तक उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के कुल 55 पाॅजिटिव मामले सामने आए हैं और संक्रमण से कुल 13 जिले प्रभावित हैं। 62 जनपदों में संक्रमण का कोई प्रकरण सामने नहीं आया है। प्रदेश में 8 प्रयोगशालाएं ऐसी हैं जहां संदिग्ध मामलों और मरीजों के काॅन्टैक्ट्स के सैम्पल की टेस्टिंग का कार्य निरंतर किया जा रहा है। श्वसन सम्बंधी समस्याओं के जो भर्ती मामले हैं उनकी सैम्पलिंग भी की जा रही है। 8 में से तीन प्रयोगशालाएं लखनऊ में हैं - एसजीपीजीआई , केजीएमयू और कमांड हाॅस्पिटल, अलीगढ़ के एएमयू में, एक बीएचयू में, एक मेरठ के गवर्नमेंट मेडिकल काॅलेज में और एक सैफई के मेडिकल काॅलेज में है। एक बीआरडी मेडिकल काॅलेज गोरखपुर में है और नवीं प्रयोगशाला बहुत जल्द झांसी में स्थापित करने जा रहे हैं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि इसके अतिरिक्त प्रदेश के कई प्राइवेट हाॅस्पिटल्स से भी आवश्यकता पड़ने पर उन्हें कोविड हाॅस्पिटल में कन्वर्ट करने की बातचीत हो चुकी है। प्रदेश में कोरोना वायरस के पाॅजिटिव मरीजों के इलाज की व्यवस्था के लिए 5,000 से ज्यादा आइसोलेशन बेड्स तैयार हो चुके हैं। जिन्हें पब्लिक सेक्टर में बढ़ाकर 15,000 तक ले जाने की योजना है। अभी तक कुल 2,196 सैम्पल कलेक्ट किए गए हैं जिनमें से 1,993 निगेटिव आ चुके हैं। 55 पाॅजिटिव हैं और 148 अभी टेस्टिंग की प्रक्रिया में हैं। कई संगठनों, स्कूलों और नवोदय विद्यालय आदि ने अपनी बिल्डिंग फैसिलिटी क्वॉरंटीन के लिए ऑफर की हैं। इसमें स्थान की कोई कमी नहीं होगी। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि पाॅजिटिव काॅन्टैक्ट्स के फैसिलिटी क्वॉरंटीन के लिए हमने 6,000 से अधिक बेड्स का प्रबंध कर रखा है। इन्हें भी आवश्यकता पड़ने पर हम 15 से 20,000 तक ले जा सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन- 1800 180 5145 पर भी बात करके सलाह या आवश्यकतानुसार चिकित्सीय सुविधा भी प्राप्त कर सकते हैं। यदि किसी को किसी प्रकार की कोई समस्या महसूस हो तो वह सीएम हेल्पलाइन - 1076 पर फोन कर सकते हैं, वहां से उनको सलाह मिलेगी या चिकित्सीय सुविधाओं के लिए भी व्यवस्था की जाएगी। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि इन जगहों में जो मेडिकल, पैरामेडिकल, नर्सिंग स्टाफ होंगे, जनपदों में उनकी निरंतर ट्रेनिंग चल रही है। मास्टर ट्रेनर्स की ट्रेनिंग के दो राउंड हो चुके हैं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि हमने त्रिस्तरीय चिकित्सा व्यवस्था आरंभ की है, जिसमें सबसे पहले लेवेल-1 पर जनपदों के 1 या 2 सीएचसी से सभी मरीजों को दूसरे अस्पतालों में स्थानांतरित कर खाली करवाया गया है। उन सीएचसी को डेडीकेटेड कोविड हाॅस्पिटल बनाया गया है। जहां डायरेक्टर जनरल मेडिकल हेल्थ द्वारा आज जारी किए गए प्रत्येक प्रोटोकाॅल का पालन होगा। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग रखें और संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें। अपने हाथों को साबुन और पानी से लगातार धोते रहें। सबसे जरूरी बचाव है। हमारा यही संदेश है। कोविड -19 तेजी से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है तो इसमें 'बचाव' सबसे अच्छा रास्ता है। इस बीमारी से घबराने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है। अगर आप थोड़ी सावधानी बरतेंगे तो आप इस बीमारी से दूर रहेंगे। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि अगर किसी में कोई लक्षण दिखें तो तत्काल उसका सैम्पल लेकर लेबोरेट्री में टेस्ट किया जाए। ताकि पता चल सके कोरोना पाॅजिटिव केस है या नहीं। हाल के दिनों में प्रदेश में 60,000 से ज्यादा लोग विदेशों से आए हैं, उनका सर्विलांस किया जा रहा है, जो 28 दिन तक चलता है। अगर कोई सिंगल केस आता है तो एक किलोमीटर की रेडियस में कंटेनमेंट किया जाता है। अगर कहीं एक से अधिक केसेज आते हैं तो वहां तीन किलोमीटर की रेडियस में हमारी टीमें जाती हैं और पता करती हैं कि सब ठीक है? किसी में कोई लक्षण तो नहीं हैं। यदि परीक्षण के बाद केस पाॅजिटिव हो तो उसका तत्काल इलाज शुरू किया जाए। इसके साथ ही अगर कहीं कोई केस डिटेक्ट हो तो वहां कंटेनमेंट की एक्सरसाइज की जाए। हमारा पूरा प्रयास है कि हम प्रदेश के लोगों को संक्रमण से सुरक्षित और स्वस्थ रखें। हम कोरोना से लड़ने के लिए अपनी ओर से पूरे प्रयास कर रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशन में कई समितियां बनी हुई हैं, जो सारी चीजों को देख रही हैं।


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