उपलब्ध आईसीएफ नॉन एसी कोचों का होगा आइसोलेशन कोचों में रूपांतरण

> रूपांतरण की कार्यवाही कोच मिडलाइफ रिहैबिलिटेशन वर्कशॉप में होगी।


> उ म रे के 05 अस्पतालों में लक्षणों की शुरुआती जांच के लिए अलग ओपीडी चालू जिनमें 3000 रोगियों की जांच में नहीं मिला कोई भी कोविड -19 रोगी।


> इस कठिन समय में अपना सर्वश्रेष्ठ दें रेल कर्मचारी: महाप्रबंधक, उ रे / उ म रे   



रेलवे अस्पताल में मेड केयर कर्मियों के हुए 80 से ज़्यादा प्रशिक्षण कार्यक्रम।


प्रयागराज (मुख्य संवाददाता, उ म रे)। दिनांक 14 अप्रैल तक लॉकडाउन के दौरान राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के रूप में भारतीय रेल जब आवश्यक सेवाओं संचालन जारी रखते हुए कोरोना वायरस के खिलाफ इस राष्ट्रीय लड़ाई में कई महत्वपूर्ण प्रयास कर रही है, तब यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हमारे महान राष्ट्र की सेवा करने के लिए इस लड़ाई को लड़ रहे निष्ठावान, समर्पित, बहादुर और मेहनती रेलकर्मियों की उचित प्रकार से देखभाल की जाए साथ की परामर्श देते हुए उन्हें प्रेरित किया जाए। उत्तर मध्य और उत्तर रेलवे के अधिकारियों के साथ आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में, महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने सभी अधिकारियों से कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हम अपने अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों द्वारा किए गए कठिन प्रयासों को पहचानें, उन्हें प्रेरित करने और परामर्श देने के लिए नियमित संवाद बनाए रखें और हर संभव सहायता ताकि इस कठिन समय में वे अपना सर्वश्रेष्ठ देते रहें। यह उल्लेखनीय है कि रेलवे के सभी विभागों के कर्मचारी, अधिकारी और पर्यवेक्षक रेल के परिचालन को बनाए रखने के साथ ही कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं। इसके अलावा विशेष ऐप के माध्यम से आयोजित की गई वीडियो कॉन्फ्रेंस में सामाजिक दूरी बनाए रख कर अपने निवास / कार्यालय से जुड़ते हुए महत्वपूर्ण विषयों की भी समीक्षा की गई जिनमें कोविड-19 के विरुद्ध तैयारी के हिस्से के रूप में, और रेलवे बोर्ड के निर्देशों के अनुसार उत्तर मध्य रेलवे को 290 आईसोलेशन कोच बनाने का लक्ष्य दिया जाना। आइसोलेशन कोचों में रूपांतरण के लिए उपलब्ध आईसीएफ नॉन एसी कोचों का यह काम तीनों डिवीजनों प्रयागराज, झांसी और आगरा के साथ-साथ झांसी में कोच मिडलाइफ रिहैबिलिटेशन वर्कशॉप में किया जाएगा। इन सुविधाओं के ऑपरेशन, रेक की संरचना, स्टेबलिंग प्लान, मेडिकल, स्वच्छता और अन्य व्यक्तियों द्वारा मैनिंग, चार्जिंग, वाटरिंग आदि पर भी काम किया जा रहा है और रेलवे बोर्ड द्वारा इसे जारी किया जाएगा। किसी भी स्थिति को संभालने के लिए तैयारी के रूप में रेल चिकित्सा कर्मचारियों को कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के संबंध में प्रशिक्षित किया जाना (सभी मेडिकेयर कर्मियों को रेलवे अस्पताल में 80 से अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं)। सभी रेलवे कर्मचारियों को ड्यूटी पर और लोडिंग / अनलोडिंग पॉइंट्स तथा अन्य स्थलों पर संविदा कर्मचारियों को सैनेटाइजर उपलब्ध कराने की कार्रवाई किया जाना (साबुन और पानी भी कार्यस्थलों पर उपलब्ध कराया जा रहा है) जो कि पहले से ही हो चुकी है। इनहाउस फेसमास्क और सैनिटाइज़र बनाने में उत्तर मध्य रेलवे के प्रयास के साथ ही उत्तर रेलवे द्वारा बनाए गए नमूने जिसका आवश्यक परीक्षण किया जा रहा है उसके अनुरूप चिकित्सा कर्मियों के लिए निर्दिष्ट मानकों को पूरा करने का भी प्रयास किया जाना। उत्तर मध्य रेलवे के 05 अस्पतालों में फ्लू, खांसी और सर्दी जैसे लक्षणों की शुरुआती जांच के लिए अलग ओपीडी चालू रहना (इन ओपीडी में 3000 से अधिक रोगियों की जांच की जा चुकी है, हालांकि बताया जा सकता है कि अब तक कोई भी कोविड -19 रोगी नहीं मिला है)। मार्च के अंतिम कार्य दिवस में 100 से अधिक कर्मचारी उ म रे में सेवानिवृत्त हुए, हालांकि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण सेवानिवृत्ति समारोह का आयोजन नहीं हो सका। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए किसी भी कठिनाई से बचने के लिए इलेक्ट्रॉनिक पीपीओ (निपटान भुगतान दस्तावेज) जेनरेट किया जाना और उसे संबंधित कर्मचारी के साथ-साथ संबंधित बैंक को भी भेजा जाना यानि सेवा निवृत्त कर्मचारी को समय पर उसका उचित लाभ दिलवाना। देश के हर हिस्से में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दैनिक आधार पर औसत 250 माल गाड़ियों को चलाने के अलावा, रेलवे ने समय-समय पर पार्सल ट्रेनें का शुरू होना, जिसके लिए समय-समय पर अधिसूचना जारी की जा रही है। किसी भी अनधिकृत यात्री को प्रारंभिक या मार्ग के स्टेशनों से इन पार्सल गाड़ियों पर यात्रा से रोकने के लिए बहुत सख्त सुरक्षा व्यवस्था किया जाना शामिल है।


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