उत्तर मध्य रेलवे कोचिंग डिपो में मन्यता प्राप्त पद्धति से सैनिटाइजर का उत्पादन प्रारम्भ

रेलवे कर्मचारियों द्वारा एक दिन के वेतन को पीएम केयर्स फंड में स्थानांतरित किया जाएगा


 


> उ म रे के कोचिंग डिपो एवं केंद्रीय चिकित्सालय प्रयागराज द्वारा अबतक 2000 लीटर सैनेटाइज़र किया गया तैयार।


> उत्तर रेलवे द्वारा बनाए गए प्रोटोटाइप कोच के डिजाइन के अनुरूप कोचिंग डिपो और वर्कशॉप में 30 कोचों को आईसोलेशन कोच में परिवर्तित करने का कार्य प्रगति पर, शीघ्र होगा पूर्ण।


> कोविड-19 से संघर्ष के लिए रेलवे स्वास्थ्य इकाइयों हेतु होगी अतिरिक्त व्यवस्था।


 



 


प्रयागराज (मुख्य संवाददाता, उ म रे)। लॉकडाउन के दौरान देश के सभी हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए  उत्तर मध्य रेलवे ने माल गाड़ियों को चलाने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। आवश्यक वस्तुओं, दवाओं, भोजन आदि की पीसमील आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पार्सल सेवाओं को भी फिर से शुरू किया गया है। आवश्यक वस्तुओं और पार्सल के संचालन को बनाए रखने के लिए कोरोना वायरस के किसी भी प्रसार को रोकने के उद्देश्य से सभी कार्यस्थलों पर अनुरक्षण और संचालन संबंधी गतिविधियों में सैनेटाइज़ेशन और सामाजिक दूरी के निर्धारित प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जा रहा है। इस महामारी के विरुद्ध लड़ाई में उत्तर मध्य रेलवे द्वारा अतिरिक्त कदम उठाए गए जिनमें  उ म रे में इनहाउस मास्क और सेनिटाइज़र बनाने के प्रयास को गति प्रदान किया जाना (इस पहल पर काम कर रहे उ म रे के कोचिंग डिपो और अन्य इकाइयां पहले ही 10000 फेसमास्क का आंतरिक प्रयासों से उत्पादन कर चुके हैं)। इसी तरह निर्धारित मन्यता प्राप्त पद्धति से सैनिटाइजर का उत्पादन भी शुरू किया जाना और उ म रे के कोचिंग डिपो एवं केंद्रीय चिकित्सालय प्रयागराज द्वारा अबतक 2000 लीटर सैनेटाइज़र तैयार किया जाना शामिल है। गौर करने की बात है कि आने वाले दिनों में सभी आवश्यक स्थानों पर पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए थोक खरीद के साथ ही मास्क और सैनिटाइज़र दोनों के उत्पादन की दर में वृद्धि होगी। उ म रे ने अपने कोचिंग डिपो और वर्कशॉप में 30 कोचों को आईसोलेशन कोच में परिवर्तित करने के लिए काम शुरू कर दिया है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे और उत्तर रेलवे द्वारा बनाए गए प्रोटोटाइप कोच के डिजाइन के अनुरूप ही उत्तर मध्य रेलवे द्वारा भी आईसोलेशन कोच बनाया जाना। किसी भी प्रकार की आपातकालीन या संकट की स्थिति से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ समर्पित राष्ट्रीय राहत कोष की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, पब्लिक चैरिटेबल ट्र्स्ट के अंतर्गत  प्राइम मिनिस्टर सिटिज़न एसिस्टेंस एंड इमरजेंसी सिचुएशन फंड (PM Cares Fund) की स्थापना किया जाना। रेल मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि रेलवे कर्मचारियों द्वारा न्यूनतम एक दिन के वेतन के स्वैच्छिक योगदान को अब पीएम केयर्स फंड में स्थानांतरित किया जाना। वर्तमान कर्मचारियों की संख्या के अनुसार उ म रे द्वारा इस कोष में 7.3 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान होने की उम्मीद है क्योंकि सभी अधिकारियों और कर्मचारी संघों भी इस नेक पहल में अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं। अभूतपूर्व जनस्वास्थ्य आपात स्थिति के दृष्टिगत रेलवे बोर्ड द्वारा सभी जोनल रेलवे और सार्वजनिक उपक्रमों को अस्थायी रूप से सेवानिवृत्त रेलवे मेडिकल प्रैक्टिशनर (65 वर्ष की आयु तक) या खुले बाजार से डॉक्टरों और पैरामेडिक कर्मचारियों को रखने के लिए अधिकृत किया जाना। यह कोविड-19 से संघर्ष के लिए रेलवे अस्पतालों/ स्वास्थ्य इकाइयों हेतु अतिरिक्त व्यवस्था होगी। लॉकडाउन के दौरान विभिन्न स्थानों पर फंसे लगभग 750 संविदा मजदूरों का उत्तर मध्य रेलवे के तीन मंडलों द्वारा देखभाल किया जाना। रेलवे सुरक्षा बल उ म रे के विभिन्न स्टेशनों पर दैनिक आधार पर 1000 से अधिक जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाना शामिल है। उ म रे कोविड-19 महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में आवश्यक वस्तुओं और पार्सल सेवाओं के संचालन के कर्तव्यों को पूरा करने के साथ ही, उपरोक्त उपायों के माध्यम से अपने सामाजिक कर्तव्यों का भी निर्वहन कर रहा है।


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